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आरबीआई मौद्रिक नीति बैठक 2024 के परिणाम घोषित: प्रमुख ब्याज दरें 6.5% पर बरकरार

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर श्री शक्तिकांत दास ने 9 अक्टूबर 2024 को आरबीआई मौद्रिक नीति बैठक 2024 के परिणामों की घोषणा कर दी है. इस बैठक में आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने बहुमत के साथ निर्णय लिया कि बेंचमार्क ब्याज दरें 6.5% पर बरकरार रहेंगी। इस फैसले को समिति के छह सदस्यों में से पाँच ने समर्थन दिया, जबकि एक ने इसका विरोध किया।

आरबीआई मौद्रिक नीति 2024 के मुख्य बिंदु

  1. रेपो दर बरकरार: भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो दर को 6.5% पर स्थिर रखने का निर्णय लिया है, जिसका उद्देश्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना और आर्थिक स्थिरता बनाए रखना है।
  2. मुद्रास्फीति पर नियंत्रण: आरबीआई ने संकेत दिया कि मुद्रास्फीति के दबाव को नियंत्रित करना प्राथमिकता है। हालांकि, आगामी महीनों में खाद्य और अन्य वस्तुओं की कीमतों पर नजर रखी जाएगी।
  3. विकास और स्थिरता: आरबीआई ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था विकास के मार्ग पर है, लेकिन वैश्विक और आंतरिक चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए संतुलन बनाए रखना जरूरी है।
  4. तरलता प्रबंधन: आरबीआई ने कहा कि वह बाजार में तरलता की स्थिति पर कड़ी नजर रखेगा और अगर आवश्यक हुआ तो तरलता समर्थन प्रदान करेगा।
  5. वोटिंग का विभाजन: मौद्रिक नीति समिति में इस निर्णय को 5:1 के बहुमत से पारित किया गया। पाँच सदस्यों ने ब्याज दरों को स्थिर रखने के पक्ष में मतदान किया, जबकि एक सदस्य ने दरों में कटौती की वकालत की।

आगे की योजना

आरबीआई ने यह भी संकेत दिया कि वह वैश्विक और घरेलू आर्थिक संकेतकों को ध्यान में रखते हुए आने वाले समय में अपनी नीतियों की समीक्षा करता रहेगा। ब्याज दरों में स्थिरता से व्यवसायों और उपभोक्ताओं के लिए निश्चितता बनी रहती है, जिससे निवेश और विकास को प्रोत्साहन मिल सकता है।

RBI Monetary Policy 2024: रेपो रेट क्या है?

रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को आरबीआई कर्ज देता है। बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को ऋण देते हैं। बैंक इस चार्ज से अपने ग्राहकों को लोन प्रदान करता है। रेपो रेट कम होने का अर्थ है कि ग्राहक अब कम दामों में भी होम लोन और व्हीकल लोन जैसे लोन के कर्ज के दर सस्ते हो जाएंगे।

RBI MPC के सदस्य कौन-कौन हैं शामिल?

RBI MPC में छह सदस्य शामिल हैं, जिनमें बाहरी सदस्य और आरबीआई अधिकारी दोनों शामिल हैं. इसमें RBI गवर्नर, 2 डिप्टी गवर्नर और 3 बाहरी सदस्य शामिल हैं

मौद्रिक नीति समिति की संरचना इस प्रकार है:

  1. शक्तिकांत दास, RBI के गवर्नर
  2. माइकल देबब्रत पात्रा, RBI के डिप्टी गवर्नर
  3. केंद्रीय बोर्ड द्वारा नामित RBI के अधिकारी राजीव रंजन, सदस्य
  4. प्रोफेसर आशिमा गोयल, प्रोफेसर, इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट रिसर्च, सदस्य
  5. प्रो. जयंत आर. वर्मा, प्रोफेसर, भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद, सदस्य
  6. डॉ. शशांक भिडे, वरिष्ठ सलाहकार, नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च, सदस्य

RBI Monetary Policy 2024: मौद्रिक नीति के अन्य महत्वपूर्ण उपकरण:

आरबीआई की मौद्रिक नीति में कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष साधन हैं जिनका उपयोग मौद्रिक नीति को लागू करने के लिए किया जाता है। मौद्रिक नीति के कुछ महत्वपूर्ण उपकरण इस प्रकार हैं:

  • रेपो दर: यह (फिक्स्ड) ब्याज दर है, जिस पर बैंक भारतीय रिज़र्व बैंक से तरलता समायोजन सुविधा (एलएएफ) के तहत सरकार और अन्य अनुमोदित प्रतिभूतियों की संपार्श्विक के खिलाफ रातोंरात तरलता उधार ले सकते हैं.
  • रिवर्स रेपो दर: यह (फिक्स्ड) ब्याज दर है, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक एलएएफ के तहत पात्र सरकारी प्रतिभूतियों की संपार्श्विकता के खिलाफ रातोंरात बैंकों से तरलता को अवशोषित कर सकता है.
  • चलनिधि समायोजन सुविधा (एलएएफ): एलएएफ की रातोंरात और साथ ही इसके अंतर्गत सावधि रिपो नीलामियां हैं. रेपो शब्द इंटर-बैंक टर्म मनी मार्केट के विकास में मदद करता है. यह बाजार ऋण और जमा के मूल्य निर्धारण के लिए मानक निर्धारित करता है. यह मौद्रिक नीति के प्रसारण को बेहतर बनाने में मदद करता है. विकसित बाजार की स्थितियों के अनुसार, भारतीय रिज़र्व बैंक परिवर्तनीय ब्याज दर रिवर्स रेपो नीलामी भी करता है.
  • सीमांत स्थायी सुविधा (MSF): MSF एक प्रावधान है जो अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक से रातोंरात अतिरिक्त धनराशि उधार लेने में सक्षम बनाता है. बैंक अपने वैधानिक तरलता अनुपात (एसएलआर) पोर्टफोलियो में ब्याज की दंड दर तक सीमित करके ऐसा कर सकते हैं. इससे बैंकों को उनके द्वारा सामना किए गए अप्रत्याशित तरलता झटके को बनाए रखने में मदद मिलती है.

 

FAQs

क्या RBI मौद्रिक नीति जारी हो गई हैं?

हां, RBI मौद्रिक नीति जारी कर दी गई हैं.

आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक 2024 में रेपो दर कितनी बरकरार रखी गई है?

आरबीआई की मौद्रिक नीति बैठक 2024 में रेपो दर 6.5% पर बरकरार रखी गई है.

आरबीआई मौद्रिक नीति समिति में ब्याज दरों को स्थिर रखने के पक्ष में कितने सदस्यों ने मतदान किया?

आरबीआई मौद्रिक नीति समिति में ब्याज दरों को स्थिर रखने के पक्ष में 5 सदस्यों ने समर्थन किया.