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PFRDA Full form in Hindi: PFRDA का क्या मतलब है? जानिए, क्यों किया गया PFRDA का गठन ?

 

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PFRDA Full form in Hindi: PFRDA का क्या मतलब है?

PFRDA की फुल फॉर्म – पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (Pension Fund Regulatory and Development Authority) है.

पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम(PFRDA) को 19 सितम्बर 2013 में अधिसूचित और 1 फरवरी 2014 से लागू किया। एनपीएस जिसके अभिदाताओं में केन्द्र सरकार/राज्य सरकारों निजी संस्थानों/संगठनों और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारी शामिल हैं, का नियमन पीएफआरडीए द्वारा किया जाता है।

वर्तमान में श्री  हेमन्त . जी .कन्ट्राक्टर, PFRDA के अध्यक्ष हैं.


क्यों किया गया PFRDA का गठन?

  • भारत में वृद्धावस्था आय सुरक्षा से सबंधित योजना के अध्ययन के लिए भारत सरकार ने वर्ष 1999 में OASIS (वृद्धावस्था सामजिक और आय सुरक्षा) नामक राष्ट्रीय परियोजना को मंजूरी दी थी।
  • भारत सरकार ने मौजूदा परिभाषित लाभ पेंशन प्रणाली के स्थान पर नई परिभाषित अंशदान पेंशन प्रणाली की शुरूआत की जिसमें सैनिक बलों को छोड़ केन्द्र और राज्य सरकारों के नये सदस्यों को शामिल किया गया है।
  • भारत में पेंशन क्षेत्र को प्रोन्नत, विकसित और नियमित करने के लिए भारत सरकार के अध्यादेश द्वारा 23 अगस्त 2003 को अंतरिम पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए)की स्थापना की गई। 
  • भारत सरकार द्वारा अंशदान पेंशन प्रणाली को 22 दिसम्बर 2003 को अधिसूचित किया गया जो 1 जनवरी 2004 से लागू हुई और जिसे अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के नाम से जाना जाता है।
  • इसके उपरान्त, 1 मई 2009 से एनपीएस का विस्तार स्वैच्छिक आधार पर देश के सभी नागरिकों के लिए किया गया जिसमें स्व रोजगार पेशवरों और असंगठित क्षेत्रों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी शामिल किया गया है।

पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण अधिनियम को 19 सितम्बर 2013 को पारित और 1 फरवरी 2014 से अधिसूचित किया गया है। एनपीएस, जिसके अभिदाताओं में केन्द्र सरकार/राज्य सरकारों/ निजी संस्थानों/संगठनों और असंगठित क्षेत्र के अभिदाता शामिल हैं, का नियमन पीएफआरडीए द्वारा किया जाता है। पेंशन बाजार के व्यवस्थित विकास और वृद्धि का कार्य पीएफआरडीए द्वारा सुनिश्चित किया जाता है। 


 PFRDA चर्चा में क्यों??

आपको बता दें कि पिछले दिनों PFRDA डिपार्टमेंट चर्चा में बना हुआ था, क्योंकि केंद्र सरकार अब पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) कानून में बदलाव की तैयार कर रही है, PFRDA आम लोगों को रिटायरमेंट के वक्त उनके फंड विड्रॉल करने में पहले से ज्यादा फ्लैक्सिबिलिटी ऑफर कर सकेगा.


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इस विधेयक पर सचिवों की एक समिति कई महीनों से चर्चा कर रही थी और पेंशन कानून में संभावित बदलाव के बाद नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट को PFRDA से अलग किया जाएग. वहीं सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि बीमा सेक्टर में अधिकतम FDI FDI 74% रहे. इसके अलावा PFRDA को गलती करने पर पेनल्टी वसूलने का भी अधिकार मिलेगा. इस तरह PFRDA एक नियामक के तौर पर अधिक मजबूत होगा. 


सूत्रों के अनुसार, NPS को और आकर्षक बनाने के लिए अतिरिक्त (अधिक) निकासी विकल्प प्रदान करने के लिए नियामक को अनुदान देना एक प्रमुख कारण है। वर्तमान में, ग्राहक अपनी सेवानिवृत्ति पर कुल राशि का 60% निकाल सकते हैं और शेष राशि का उपयोग वार्षिकी खरीदने के लिए किया जाता है। पेंशन नियामक ग्राहकों को व्यवस्थित निकासी योजनाओं में निवेश करने की अनुमति देने की उम्मीद कर रहा है जो सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय प्रदान करते हैं। दूसरा विकल्प मुद्रास्फीति-अनुक्रमित वार्षिकियां रखना है, जिसे 10 साल की सरकारी प्रतिभूतियों के लिए बेंचमार्क किया जाएगा। तीसरा विकल्प है, सब्सक्राइबर्स को फंड के एक हिस्से को डिफर्ड एन्युटी में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करना ताकि वे बेहतर रिटर्न कमा सकें। 

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