प्रिय पाठकों, धनतेरस के बाद आज दिवाली समारोह का दूसरा दिन- नरक चतुर्दशी है. हम सभी इन उत्सवो से संबंधित है, जैसे कि स्वच्छता का उत्सव और बुराई उन्मूलन. इस दिन, हमारे बुजुर्ग या माता-पिता हमें सलाह देते हैं कि हमारे कमरे और हमारे घर के प्रत्येक कोने को साफ करें जिससे कि किसी भी किनारों में कोई भी “बुराई” न छुटे और अगले दिन हम अपनी माता अर्थात लक्ष्मी जी का स्वागत पुरे दिल और पवित्रता के साथ कर सकें.
परन्तु यह उत्सव है वास्तव में क्या है ?…. सिर्फ हमारे घरों को साफ करने से कोई भी बुराई समाप्त नहीं होगी. उस बुराई का क्या जो हमारे मस्तिष्क में बैठी है और हमें हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने से रोकती है और उस बुराई का क्या जो हमारे समाज में अप्रासंगिक परंपरा के रूप में लिप्त है? नरक चतुर्दशी केवल एक उत्सव नहीं बल्कि इन बुराइयों को भी समाप्त करने की भी परिपाटी है.
नरक चतुर्दशी को ‘नरक निवारण चतुर्दशी’ भी कहा जाता है, जो हिंदूओं के लिए महत्वपूर्ण त्योहार है. यह त्यौहार भगवान कृष्ण के ‘नरकासूर’ नामक राक्षस को हराने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है . कई राज्यों में, इसे ‘छोटी दिवाली’ या ‘रूप चतुर्दशी’ भी कहा जाता है.
इस दिन का उद्देश्य आलस को हमारे मस्तिष्क, घर और समाज से दूर करना है साथ ही किसी प्रकार की बुराइयों को दूर करना है. आज केवल अपने कमरे या घर की सफाई ही नहीं बल्कि अपने दिमाग और आत्मा को साफ करें. आपको उस बुराई को अपने भीतर से बहार निकाल के फेकना है जो आपको आपके लक्ष्य तक नहीं पहुँचने देती. आपका लक्ष्य आपसे दूर नहीं है आपको बस उस तक पहुँचने के लिए परिश्रम करना होगा. आप अपने बारे में सब कुछ जानते है अपनी ताकत, अपनी कमजोरी बस उसे हम पहचानें में देर कर देते है या इसी कमी को आपको आज दूर करना होगा.
इसलिए, इस दिन आपको अपनी सभी शक्तियों और कमजोरियों को गले लगाओं और उन सभी प्रलोभनों को छोड़ दें जो आपको अपने लक्ष्य तक पहुंचने से दूर रखते है. इसके साथ ही उन सभी छोटी बातों को खत्म करने की प्रतिज्ञा कीजिये जो आपको विचलित करती है साथ ही सामाजिक बुराई को समाप्त करने की भी प्रतिज्ञा कीजिये. हमारे समाज में बहुत से नरकासुर है उन्हें भी आपको समाप्त करना है; जैसे बाल विवाह, महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों के प्रति दुर्व्यवहार, दहेज, भ्रष्टाचार और प्रदूषण, यह लंबी सूची में से कुछ नाम हैं. एक ज़िम्मेदार इंसान के रूप में हमे कम से कम एक ऐसा काम करना चाहिए जो हमारे समाज में एक मिसाल बन सके. और याद रखिये मिसाल भूली नहीं दी जाती है, और इस त्यौहार को जश्न मनाये और अपने घर और समाज में से बुरइयो को दूर करने की प्रतिज्ञा कीजिये. Bankers adda की ओर से दीवाली की शुभकामनाएं!!