दक्षिण भारत की नदियां न केवल जीवनदायिनी हैं, बल्कि इनका ऐतिहासिक, धार्मिक और आर्थिक महत्व भी है। प्रतियोगी परीक्षाओं में अक्सर इन नदियों से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसलिए, इनके उद्गम स्थल, लंबाई, सहायक नदियां और संबंधित बांधों की जानकारी होना अत्यंत आवश्यक है. दक्षिण भारत, नदियों के व्यापक नेटवर्क के लिए जाना जाता है जो आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी राज्यों से होकर बहती हैं.
आज इस आर्टिकल में हम आपके लिए लाये हैं दक्षिण भारत की कुछ प्रमुख नदियाँ से जुड़ी जानकारी जिनसे संबंधित प्रश्न आप अक्सर परीक्षा में देख सकते हैं. आइए दक्षिण भारत की प्रमुख नदियों और उनसे जुड़े तथ्यों को विस्तार से समझें. दक्षिण भारत की कुछ प्रमुख नदियाँ इस प्रकार हैं:
दक्षिण भारत की नदियों की विशेषताएं
दक्षिण भारत की नदियां पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट से उत्पन्न होती हैं। इनका बहाव मुख्यतः पूर्व दिशा में बंगाल की खाड़ी की ओर होता है। हालांकि कुछ नदियां पश्चिम की ओर अरब सागर में भी गिरती हैं। इन नदियों को उनकी लंबाई, जल स्रोत, जलाशयों और डेल्टा क्षेत्रों के आधार पर जाना जाता है।
1. गोदावरी नदी (Dakshin Ganga)
- उद्गम स्थल: त्र्यंबकेश्वर, महाराष्ट्र
- लंबाई: 1,465 किमी (भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी)
- मुख्य सहायक नदियां: इंद्रावती, मंजीरा, प्रवरा
- विशेषताएं:
- इसे “दक्षिण की गंगा” कहा जाता है।
- गोदावरी का डेल्टा कृषि के लिए अत्यधिक उपजाऊ है।
- यह महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश से बहती है।
- प्रमुख बांध: जयकवाड़ी बांध (महाराष्ट्र)
2. कृष्णा नदी
- उद्गम स्थल: महाबलेश्वर, महाराष्ट्र
- लंबाई: 1,400 किमी
- मुख्य सहायक नदियां: भीमा, तुंगभद्रा, कोयना
- विशेषताएं:
- यह दक्षिण भारत की सबसे महत्वपूर्ण नदी है।
- कृष्णा नदी महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से बहती है।
- प्रमुख बांध: नागार्जुन सागर बांध (तेलंगाना), श्रीशैलम बांध
3. कावेरी नदी
- उद्गम स्थल: ब्रह्मगिरी हिल्स, कर्नाटक
- लंबाई: 800 किमी
- मुख्य सहायक नदियां: हेमावती, भवानी, अमरावती
- विशेषताएं:
- इसे “दक्षिण भारत की जीवन रेखा” कहा जाता है।
- कावेरी नदी का जल तमिलनाडु और कर्नाटक के किसानों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।
- प्रमुख बांध: कृष्णराज सागर बांध, मेट्टूर बांध
4. तुंगभद्रा नदी
- उद्गम स्थल: तुंग और भद्रा नदियों का संगम (कर्नाटक)
- लंबाई: 531 किमी
- विशेषताएं:
- यह कृष्णा नदी की सहायक नदी है।
- इसका ऐतिहासिक महत्व है क्योंकि यह विजयनगर साम्राज्य की जल आपूर्ति का मुख्य स्रोत थी।
- प्रमुख बांध: तुंगभद्रा बांध
5. पेन्नार नदी
- उद्गम स्थल: नंदी हिल्स, कर्नाटक
- लंबाई: 597 किमी
- विशेषताएं:
- यह आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में बहती है।
- इसका जल कृषि और पीने के लिए उपयोगी है।
6. पेरियार नदी
- उद्गम स्थल: पश्चिमी घाट, केरल
- लंबाई: 244 किमी
- विशेषताएं:
- इसे केरल की सबसे लंबी नदी माना जाता है।
- पेरियार जलविद्युत उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है।
- प्रमुख बांध: इडुक्की बांध
7. वैगई नदी
- उद्गम स्थल: वरुषनाड हिल्स, तमिलनाडु
- लंबाई: 256 किमी
- विशेषताएं:
- यह तमिलनाडु के किसानों के लिए अत्यधिक उपयोगी है।
- यह नदी मदुरै शहर के माध्यम से बहती है।
ये दक्षिण भारत की कुछ प्रमुख नदियाँ हैं, जो क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक पहलुओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, कृषि, बिजली उत्पादन और पेयजल आपूर्ति के लिए जल संसाधन प्रदान करती हैं, और लाखों लोगों की आजीविका के लिए महत्वपूर्ण हैं.
प्रतियोगी परीक्षाओं में नदियों से संबंधित पूछे गए प्रश्न –
- गोदावरी नदी को “दक्षिण की गंगा” क्यों कहा जाता है?
- इसकी लंबाई और धार्मिक महत्व के कारण
- तुंगभद्रा नदी विजयनगर साम्राज्य के लिए क्यों महत्वपूर्ण थी?
- यह जल आपूर्ति और सिंचाई का मुख्य स्रोत थी
- केरल की सबसे लंबी नदी कौन सी है?
- पेरियार नदी
- कृष्णा नदी पर सबसे बड़ा बांध कौन सा है?
- नागार्जुन सागर बांध