कमलादेवी चट्टोपाध्याय एक भारतीय समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थीं. उनका जन्म 3 अप्रैल 1903 को कर्नाटक के मैंगलोर में हुआ था. कमलादेवी को भारतीय हस्तशिल्प, हथकरघा और थिएटर को पुनर्जीवित करने वाले व्यक्ति के रूप में बेहतर जाना जाता है. उन्हें सबसे ज्यादा भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रति योगदान और सहयोग की अगुआई करके भारतीय महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक स्तर के उत्थान के लिए सबसे ज्यादा याद किया जाता है.
उन्होंने भारतीय नृत्य, नाटक, कला, कठपुतली, संगीत और हस्तशिल्प का संग्रह, रक्षा, और बढ़ावा देने के लिए पहले राष्ट्रीय संस्थानों को स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्हें संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और रमन मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा, संगीतनाटक अकादमी, सेंट्रल कॉटेज इंडस्ट्रीज एम्पोरियम और भारत की शिल्प परिषद सहित कई संस्थाएं, केवल उनके दृष्टिकोण और योगदान के कारण ही मौजूद हैं.
वह महिलाओं के अधिकार, धार्मिक स्वतंत्रता, पर्यावरण न्याय, राजनीतिक स्वतंत्रता, और नागरिक अधिकार सभी संबंधित गतिविधियों को प्रस्तावावित करने वाली पहली थीं. भारतीय संस्कृति के संवर्धन के लिए उनका बहुत बड़ा योगदान था और आज हम इस महान महिला को 115वीं जयंती पर याद करते हैं.
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