May Day 2020 (Labour Day 2020)
अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस(International Labour Day) हर साल 1 मई को दुनिया भर में मनाया जाता है. भारत में सबसे पहले इसको मनाने की शुरुआत किसान पार्टी ऑफ हिन्दुस्तान ने 1923 में की थी. यह मजदूरों के सम्मान और हक़ के प्रति जागरूकता फ़ैलाने के लिए मनाया जाता है.
मजदूर दिवस का इतिहास
वर्ष 1886 में अमेरिका के शिकागों में मजदूरों ने बड़ा आदोलन किया, जिसमें काम का समय 8 घंटे निर्धारित करने की बात कही गई. 1 मई 1886 को अमेरिका में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस की शुरुआत एक क्रांति के रूप में हुई थी. इसके बाद वर्ष 1889 में इस आन्दोलन के बाद अंतर्राष्ट्रीय समाजवादी सम्मेलन की दूसरी बैठक में मजदूरी के 8 घंटे निर्धारित हुए साथ ही 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई और इस दिन अवकाश देने की बात कही गई. तभी से भारत समेत 80 देशों में मजदूर दिवस मनाया जाता है.
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भारत में मजदूर दिवस –
भारत में 1 मई 1923 को पहली बार मजदूर दिवस मनाया गया. जिसकी शुरुआत भारतीय मजदूर किसान पार्टी के नेता कामरेड सिंगरावेलू चेट्यार ने की. इस दिन मजदूर किसान पार्टी ने मद्रास हाईकोर्ट के सामने एक बड़ा प्रदर्शन किया और इसी दिन यह सहमति बनाई गई कि इस दिन छुट्टी का ऐलान हो और प्रति वर्ष मजदूर दिवस के तौर पर इसे भारत में भी मनाया जाए. उस समय भारत में अंग्रेजी शासन था, जो मजदूरों का बहुत अधिक शोषण कर रहे थे. इसलिए मजदूरों के हक़ के लिए एक आन्दोलन की शुरुआत की गई, इस आन्दोलन में कई नेता शामिल हुए, जिन्होंने मजदूरों का हक़ दिलाने में मदद की, उनमें बड़ा नाम दत्तात्रेय नारायण सामंत उर्फ डॉक्टर साहेब और जॉर्ज फर्नांडिस का था.
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इस दिन को मनाने के लिए मजदूर संघ विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं, जिनके माध्यम से मजदूरों के हक़ की बात को बुलंद किया जाता है. साथ ही उनके हक़ और सम्मान का प्रति उन्हें जागरुक किया जाता है.
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