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Hindi Language Quiz For IBPS SO : 18th January 2019

Hindi Language Quiz For IBPS SO : 18th January 2019 | Latest Hindi Banking jobs_2.1

IBPS SO राजभाषा अधिकारी की अधिसूचना जारी की जा चुकी है. IBPS SO राजभाषा अधिकारी के परीक्षा प्रारूप के अनुसार व्यावसायिक ज्ञान के पाठ्यक्रम के आधार पर हम यहाँ हिंदी की प्रश्नोत्तरी प्रदान कर रहे हैं. प्रति दिन इस QUIZ का अभ्यास कीजिए तथा IBPS SO 2018 के पाठ्यक्रम के अनुसार अध्ययन कीजिए. अपनी तैयारी को गति प्रदान करते हुए अपनी सफलता सुनिश्चित कीजिये.




Directions (1-5) निम्नलिखित प्रश्न राजभाषा हिंदी एवं उसकी संवैधानिक स्थिति से संबंधित हैं, प्रत्येक प्रश्न के लिए उचित उत्तर का चयन कीजिए। 


Q1. राजभाषा हिंदी के संदर्भ में, ‘ख’ क्षेत्र में कौन-कौन से राज्य आते हैं?

राजस्थान, बिहार
गुजरात, महाराष्ट्र
आंध्रप्रदेश, कर्णाटक
मिजोरम, नागालैंड
इनमें से कोई नहीं
Solution:

राजभाषा हिंदी के संदर्भ में, राजस्थान और बिहार ‘क’ क्षेत्र में आते हैं। गुजरात और महाराष्ट्र ‘ख’ क्षेत्र में आते हैं। आंध्रप्रदेश, कर्णाटक, मिजोरम और नागालैंड ‘ग’ क्षेत्र में आते हैं।

Q2. निम्नलिखित में से किस वर्ष संसदीय राजभाषा समिति का गठन किया गया था?

1956
1966
1984
1976
इनमें से कोई नहीं
Solution:

वर्ष 1976 में संसदीय राजभाषा समिति का गठन किया गया था।

Q3. संविधान के भाग-V में राजभाषा नीति संबंधित उपबंध किस अनुच्छेद में है?

अनुच्छेद-120
अनुच्छेद-61
अनुच्छेद-110
अनुच्छेद-14
इनमें से कोई नहीं
Solution:

संविधान के भाग-V में राजभाषा नीति संबंधित उपबंध अनुच्छेद-120 में है।

Q4. निम्नलिखित में से किस भाषा की लिपि देवनागरी नहीं है?

मराठी
कोंकणी
नेपाली
तमिल
इनमें से कोई नहीं
Solution:

तमिल भाषा की लिपि ‘तमिल’ है। मराठी, कोंकणी और नेपाली भाषा की लिपि देवनागरी है?

Q5. भारतीय संविधान में निम्नलिखित में से किस अनुच्छेद के अनुसार, भारतीय संध की राजभाषा हिंदी एवं लिपि देवनागरी है?

अनुच्छेद 341
अनुच्छेद-343
अनुच्छेद 345
अनुच्छेद 347
इनमें से कोई नहीं
Solution:

भारतीय संविधान के अनुच्छेद-343 के अनुसार, भारतीय संध की राजभाषा हिंदी एवं लिपि देवनागरी है तथा संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए भारतीय अंकों का अन्तर्राष्ट्रीय रूप प्रयुक्त होगा।

Directions (6-15) नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उस पर आधारित प्रश्नों के उत्तर दीजिए। कुछ शब्दों को मोटे अक्षरों में मुद्रित किया गया है, जिससे आपको कुछ प्रश्नों के उत्तर देने में सहायता मिलेगी। गद्यांश के अनुसार, दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन कीजिए। 



स्वतन्त्रता से पूर्व भारतीय सभ्यता गाँवों की सभ्यता थी। ग्रामीण जनता स्थानीय मामलों का स्वत: ही प्रबंध करती थी। ग्रामीण जीवन प्रणाली स्वतन्त्र थी, किन्तु ब्रिटिश शासन की स्थापना के पश्चात् गाँवों का स्वतन्त्र जीवन लगभग समाप्त हो गया। नये-नये कानूनों और अदालतों के बन जाने से पंचायतों का महत्व समाप्त हो गया। सन् 1947 में देश स्वतन्त्र हो गया। भारत में प्रजातन्त्र के सच्चे स्वरूप को अपनाया गया। प्रजातान्त्रिक विकेन्द्रीकरण की नीति को प्रशासन का आधार बनाया गया। परिणामस्वरूप ग्राम-पंचायतों के संगठन हेतु प्रभावी कदम उठाए गए। पुन: इनकी स्थापना, महत्व एवं उपयोगिता में वृद्धि हो गई। 73वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा ग्रामों में पंचायती राज की स्थापना हेतु त्रिस्तरीय को अपनाया गया एवं इनकी शक्तियों एवं कार्यो में विस्तार किया गया। पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों में मतदाताओं एवं प्रत्याशियों के दृष्टिकोण में परिवर्तन करने हेतु प्रयास किये गये। पंचायती राज का संबंध ग्रामीण विकास से सम्बंधित है। ग्रामीण विकास पर ही भारत का विकास निर्भर है। अत: पंचायती राज की सफलता हेतु आवश्यक है कि समस्याओं का अधिकाधिक समाधान किया जाये। नीतियाँ एवं कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर बनाये जायें एवं लागू किये जाएं और ग्रामीण समस्याओं के प्रति हमारे राजनेता सचेत रहें। भारत गाँवों का देश है। अत: गाँवों की उन्नति एवं विकास पर ही भारत का सम्पूर्ण विकास सम्भव है। भारत के संविधान निर्माता भी इस बात से पूर्ण परिचित थे। इसीलिए स्वतन्त्रता प्राप्ति और उसे स्थायी बनाने हेतु ग्रामीण शासन व्यवस्था की ओर अधिक ध्यान दिया गया। हमारे संविधान में भी यह निर्देश दिये गए हैं कि राज्य ग्राम पंचायतों के निर्माण के लिए कदम उठाएगा और उन्हें इतनी शक्ति और अधिकार प्रदान करेगा जिससे कि वे ग्राम-पंचायतें स्वशासन की इकाई के रूप में कार्य कर सकें। हमारी प्रजातान्त्रिक व्यवस्था भी इस विचारधारा पर आधारित है कि शासन जनता के लिए हो और जनता भी शासन के कार्यो में हाथ बंटाए। भारत में यह अधिक से अधिक प्रयास किया जाता है कि ग्रामीण जनता भी शासन के कार्यो में हाथ बटाए। इसलिए भारत की ग्रामीण जनता हेतु पंचायती राज ही एकमात्र उपयुक्त उपाय है। पंचायतें हमारे राष्ट्रीय जीवन की रीढ है, जिस पर सम्पूर्ण शासन व्यवस्था आधारित है। ग्राम पंचायतों का इतिहास भारत में बहुत पुरातन है। प्राचीनकाल में ग्रामीण झगडों का निपटारा ग्राम पंचायतें ही करती थीं। किन्तु भारत में ब्रिटिश शासन की स्थापना के पश्चात् पंचायतें शनै:- शनै: लगभग समाप्त हो गयीं थीं। स्वतन्त्रता प्राप्ति के बाद भारत में पुन: पंचायती राज की स्थापना की ओर ध्यान दिया गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 40 में कहा गया है कि राज्य राम पंचायतों का संगठन करने के लिए प्रभावी कदम उठायेगा।1952 में सामुदायिक विकास कार्यक्रम और तत्पश्चात् पंचायती राज की शुरुआत हुई। पंचायतों के गठन के लिए विभिन्न राज्यो द्वारा जो कानून बनाए गये थे उनकी जाँच-पडताल के लिए 1957 में बलबन्त राय मेहता की अध्यक्षता में एक समिति बनाई गई। समिति ने 1958 में अपनी रिपोर्ट दी। समिति ने पंचायती राज की स्थापना के लिए कुछ मूलभूत सिद्धान्त निर्धारित किए और एक त्रिस्तरीय ढाँचे की सिफारिश की, जिसका तात्पर्य है कि तीन स्तरों पर समितियां बनाईं जाये-ग्राम स्तर पर ग्राम पंचायतें हो, खण्ड स्तर पर पंचायत समितियां तथा जिला स्तर पर एक जिला परिषद कायम की जाए। अर्थात् ‘ग्रामों’ का समूह ‘खण्ड’ कहलाता है और खण्डों के समूह को ‘जिला’ कहते हैं। 


Q6. पंचायती राज की स्थापना किसका परिणाम थी?

स्वतन्त्रता का
ग्रामीण विकास का
प्रजातान्त्रिक विकेन्द्रीकरण की नीति का
ग्रामीण सभ्यता का
इनमें से कोई नहीं
Solution:

पंचायती राज की स्थापना प्रजातान्त्रिक विकेन्द्रीकरण की नीति का परिणाम थी।

Q7. पंचायती राज किसकी समस्याओं के समाधान हेतु उत्तरदायी है?

प्रजातंत्र की
जनता की
ग्रामीण शासन की
ग्रामीण विकास की
इनमें से कोई नहीं
Solution:

पंचायती राज ग्रामीण शासन की समस्याओं के समाधान हेतु उत्तरदायी है।

Q8. ग्रामीण शासन व्यवस्था की ओर अधिक ध्यान दिए जाने की आवश्कता क्यों है?

ग्रामीण विकास के लिए
क्योंकि यह भारत के विकास का आधार है
क्योंकि गाँव भारत का अभिन्न हिस्सा हैं
विकास की अवधारणा को स्थायी बनाने के लिए
इनमें से कोई नहीं
Solution:

ग्रामीण शासन व्यवस्था की ओर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है, क्योंकि यह भारत के विकास का आधार है।

Q9. गद्यांश के अनुसार, प्रजातांत्रिक व्यवस्था किस पर आधारित है?

पंचायती राज पर
संविधान और प्रजातंत्र पर
जनता और शासन की सहभागिता पर
स्वशासन पर
इनमें से कोई नहीं
Solution:

प्रजातांत्रिक व्यवस्था जनता और शासन की सहभागिता पर आधारित है।

Q10. पंचायती राज से संबंधित त्रिस्तरीय ढाँचे का तात्पर्य क्या है?

पंचायती समितियां
ग्राम, खंड और जिला
पंचायती राज के मूलभूत सिद्धांत
ग्राम पंचायात, पंचायत समिति और जिला परिषद
इनमें से कोई नहीं
Solution:

पंचायती राज से संबंधित त्रिस्तरीय ढाँचे का तात्पर्य ग्राम पंचायात, पंचायत समिति और जिला परिषद से है।

Q11. भारत में पंचायत का अस्तित्व कब से मिलता है?

ब्रिटिश काल से
स्वतन्त्रता के बाद
1952 से
प्राचीनकाल से
इनमें से कोई नहीं
Solution:

भारत में पंचायत का अस्तित्व प्राचीनकाल से है।

Q12. गद्यांश में प्रयुक्त शब्द ‘प्रत्याशी’ का अर्थ बताइए।

दावेदार
उम्मीदवार
मतदाता
नामांकित
इनमें से कोई नहीं
Solution:

‘प्रत्याशी’ का अर्थ ‘उम्मीदवार’ है।

Q13. गद्यांश में प्रयुक्त शब्द ‘स्थायी’ शब्द का समानार्थी निम्न में से कौन सा नहीं है?

शाश्वत
निरंतर
क्षणिक
चिरकालिक
इनमें से कोई नहीं
Solution:

‘स्थायी’ शब्द का समानार्थी ‘क्षणिक’ है।

Q14. निम्न में से कौन सा शब्द गद्यांश में दिए गए ‘स्वशासन’ शब्द का समानार्थी नहीं है?

स्वतन्त्रता
स्वावलंबन
परतन्त्रता
आत्मनिर्भरता
इनमें से कोई नहीं
Solution:

‘परतंत्रता’, ‘स्वशासन’ का समानार्थी नहीं है।

Q15. गद्यांश के आधार पर ‘अध्यक्षता’ शब्द के लिए समानार्थी बताइए।

अंतर्गत
अधीन
नेतृत्व
सानिध्य
इनमें से कोई नहीं
Solution:

‘अध्यक्षता’ शब्द के लिए समानार्थी शब्द ‘नेतृत्व’ है।

               


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