हिंदी दिवस पर विशेष: वर्तमान में हिंदी और हम
आज हम हिंदी दिवस मना रहे हैं. हिंदी भाषा दुनिया में सबसे तेजी से लोकप्रिय हो रही है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विश्व भर की अपनी यात्राओं में अपनी मातृभाषा हिंदी में ही भाषण देते हैं. हिंदी बोलने वाला व्यक्ति, चाहे वह विश्व के किसी भी कोने में हो, स्वयं पर गर्व महसूस करता है. हमारे प्रवासी भारतीय, अब हिंदीभाषा से स्वयं का जुड़ाव पहले से अधिक महसूस करने लगे हैं. विदेशी राष्ट्रों में भी हिंदी अपना परचम लहरा रही है. इसके साथ-साथ सरकारी आयोजनों से लेकर सोशल मीडिया पर सिर्फ हिंदुस्तानी ही नहीं हिंदी बोलने वाला विश्व का हर आदमी गर्व महसूस कर रहा है. हिंदी दुनिया में सबसे तेजी से लोकप्रिय हो रही भाषा है और इंटरनेट पर भी इसकी मांग पिछले कुछ सालों में अंग्रेजी की तुलना में कई गुना तेजी से बढ़ी है.
फेसबुक ने भी हिंदी भाषियों की बहुलता को देखते हुए अपने फीचर में भी हिंदी को जोड़ा है. यहां यह भी ध्यान देने की बात है कि इधर के वर्षों में तकनीक ने नई संभावनाओं के दरवाजे खोले हैं. हाल ही में, गूगल इंडिया ने पाया कि हिंदी में ‘कंटेंट कंजम्शन’ साल-दर-साल 94 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही है, जबकि इसके मुकाबले अंग्रेजी में यह बढ़ोतरी 19 प्रतिशत है. इंटरनेट पर हिंदी कंटेंट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने से सबसे अधिक फायदा छात्रों को हुआ है , चाहे यह किताबें ,प्रश्नों के हल या सामान्य जानकारी हो या फिर समकालीन समाचार ही क्यों न हो. हम सभी आज फेसबुक, व्हाट्सएप, यूट्यूब या अन्य एप्लीकेशंस आदि जैसे अन्य माध्यमों पर हिंदी भाषा से सम्बंधित कंटेंट देखने में सक्षम हैं. इसका सटीक उदाहरण हमारा यूट्यूब चैनल और मोबाइल एप्लीकेशन ADDA-247 भी है, जहां आप बैंकिंग व एसएससी की सभी ऑनलाइन कक्षाओं या प्रश्नोत्तरियों को हिंदी माध्यम में प्राप्त कर अपनी तैयारी को बेहतर बना सकते हैं.
माइक्रोसॉफ्ट के एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि स्थानीय भाषाओं में इंटरनेट पर सामग्रियों की तलाश करने वालों की तादाद तेजी से बढ़ रही है. इंटरनेट पर देशज भाषाओं का विस्तार हो रहा है. यह एक सुखद बदलाव का संकेत है. आज हम अंग्रेजी के ही समान किसी भी कंटेंट को हिंदी में भी प्राप्त कर सकते हैं, जो पहले केवल अंग्रेजी में ही संभव दिखाई देता था. इसका स्पष्ट अर्थ है कि इन्टरनेट पर भी हिन्दीभाषी और हिंदी का दायरा दोनों में अत्यधिक वृद्धि हुई है.
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी दुनिया में दूसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है. बहु भाषी भारत के हिन्दी भाषी राज्यों की आबादी 46 करोड़ से अधिक है. 2011 की जनगणना के मुताबिक भारत की 1.2 अरब आबादी में से 41.03 फीसदी की मातृभाषा हिन्दी है. भारत के इन 75 प्रतिशत हिन्दी भाषियों सहित पूरी दुनिया में तकरीबन 80 करोड़ लोग ऐसे हैं जो इसे बोल या समझ सकते हैं. वहीँ, यदि हिन्दी को दूसरी भाषा के तौर पर प्रयोग करने वाले अन्य भारतीयों को मिला लिया जाए, तो देश के लगभग 75 प्रतिशत लोग हिन्दी बोल सकते हैं. भारत के इन 75 प्रतिशत हिंदी भाषियों सहित पूरी दुनिया में तकरीबन 80 करोड़ लोग ऐसे हैं जो इसे बोल या समझ सकते हैं.
वैश्वीकरण और भारत के बढ़ते रूतबे के साथ पिछले कुछ वर्षों में हिन्दी के प्रति विश्व के लोगों की रूचि खासी बढ़ी है. देश का दूसरे देशों के साथ बढ़ता व्यापार भी इसका एक कारण है. हिन्दी के प्रति दुनिया की बढ़ती चाहत का एक नमूना यही है कि आज विश्व के लगभग डेढ़ सौ विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ी और पढ़ाई जा रही है. विभिन्न देशों के 91 विश्वविद्यालयों में ‘हिन्दी चेयर’ है. इसके बढ़ते रूतबे के चलते, आज चीन के छह, जर्मनी के सात, ब्रिटेन के चार, अमेरिका के पांच, कनाडा के तीन और रूस, इटली, हंगरी, फ्रांस तथा जापान के दो दो विश्वविद्यालयों सहित तकरीबन 150 विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रमों में यह किसी न किसी रूप में शामिल है.





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