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Development Financial Institution (DFI) in Hindi: विकास वित्तीय संस्थान, उद्देश्य और प्रकार

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Development Financial Institution in Hindi: विकास वित्तीय संस्थान (Development Financial Institution (DFI)) एक ऐसी संस्था है जो ग़ैर-व्यावसायिक आधार पर विकास परियोजनाओं के लिए वित्त प्रदान करती है, भले ही वह वाणिज्यिक रिटर्न मानकों को पूरा कर सकता है या नहीं। विकास वित्तीय संस्थान, सार्वजनिक सहायता (Public Help) और निजी निवेश (Private Investment) के बीच एक मध्यस्थ स्थान बनकर अंतरराष्ट्रीय पूंजी प्रवाह (International Capital Flows) की सुविधा प्रदान करते हैं। विकास वित्तीय संस्थान, विकास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि वे निवेश करने के लिए निज़ी क्षेत्र को धन प्रदान करते हैं और इससे निज़ी कंपनियों को निवेश करने में मदद मिलती है। इस लेख में, हमने विकास वित्तीय संस्थानों (Development Financial Institutes (DFIs)) के बारे में विस्तार से चर्चा की है जो उम्मीदवारों के लिए सहायक होंगे।




विकास वित्तीय संस्थान क्या है? (What is a Development Financial Institution?)


विकास वित्तीय संस्थान (Development Financial Institution(DFI)) एक ऐसी संस्था है जिसकी निवेश के लिए सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों को जोखिम पूंजी (Risk Capital) प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। विकास वित्तीय संस्थानों का मालिकाना हक़ सरकार या चैरिटेबल संस्थानों के पास होता है। विकास वित्तीय संस्थान (DFI) को डेवलपमेंट बैंक (Development Bank) या डेवलपमेंट फाइनेंस कंपनी (Development Finance Company (DFC)) के रूप में भी जाना जाता है। निज़ी कंपनियों को प्रदान किया गया वित्त विशेष रूप से उन देशों में निवेश किया जाता है जहां बाज़ार पर बहुत अधिक प्रतिबंध (मुश्किल) हैं। प्रदान किए गए वित्त के प्रकार हैं:


  • मध्यम (1-5 वर्ष)
  • लंबी अवधि (5 वर्ष से अधिक)



विकास वित्तीय संस्थान के उद्देश्य (Objectives of Development Financial Institution (DFI))


विकास वित्तीय संस्थानों के मुख्य उद्देश्य हैं:


  • विकास वित्तीय संस्थान का मुख्य फोकस देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है। विकास वित्तीय संस्थान कम पूंजी वाली परियोजनाओं के लिए या जहां उनके उधारकर्ता वाणिज्यिक उधारदाताओं से पूँजी प्राप्त करने में असमर्थ हैं, के लिए धन प्रदान करते हैं।
  • विकास वित्तीय संस्थान उच्च जोखिम वाले ऋण (higher risk loans), इक्विटी पोजीशन (equity positions) और गारंटी (guarantees) के रूप में विभिन्न क्षेत्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं। कंपनियों की ओर से बैंकों को गारंटी और शेयरों, डिबेंचर आदि की सदस्यता प्रदान की जाती है।
  • विकास वित्तीय संस्थान लोगों से डिपोजिट (deposits) स्वीकार नहीं करते हैं बल्कि वे धन जुटाते हैं। जुटाए गए फंड को सरकारों, बीमा कंपनियों, पेंशन फंड और सॉवरेन फंड (sovereign funds) से उधार लिया जाता है।
  • अंडरराइटिंग (Underwriting) के माध्यम से जनता से धन जुटाया जा सकता है। एक वित्तीय संस्थान की अंडरराइटिंग गारंटी यह सुनिश्चित करती है कि आईपीओ ज़ारी करने वाली कंपनी के शेयरों का एक निश्चित प्रतिशत ख़रीदा जाएगा, यदि इसे जनता द्वारा सब्सक्राइब नहीं किया जाता है।
  • विकास वित्तीय संस्थान द्वारा प्रोजेक्ट रिपोर्ट (Project Report), व्यवहार्यता अध्ययन (Viability study) और परामर्श सेवाएं (Consultancy Services) जैसी तकनीकी सहायता भी प्रदान की जाती है।



विकास वित्तीय संस्थानों की श्रेणियां (Categories of Development Financial Institutions(DFIs))


विकास वित्तीय संस्थानों (Development Financial Institutions (DFIs)) को विभिन्न भागों में वर्गीकृत किया गया है, जो इस प्रकार हैं:


राष्ट्रीय विकास बैंक (National Development Banks)- राष्ट्रीय विकास बैंकों में आईडीबीआई, सिडबी, आईसीआईसीआई, आदि शामिल हैं।


सेक्टर-विशिष्ट वित्तीय संस्थान (Sector-Specific Financial Institutions)- एक्ज़िम बैंक, एनएबी, एनएचबी, आदि सेक्टर विशिष्ट वित्तीय संस्थानों का हिस्सा हैं।


निवेश संस्थान (Investment Institutions)- निवेश संस्थान एलआईसी, जीआईसी, यूटीआई, आदि हैं।


राज्य स्तरीय संस्थान (State-Level Institutions)- एसएफसी और एसआईडीसी राज्य स्तरीय संस्थानों की श्रेणी में आते हैं।




महत्वपूर्ण विकास वित्तीय संस्थान (Important Development Financial Institutions(DFI))


कुछ महत्वपूर्ण विकास वित्तीय संस्थान नीचे सूचीबद्ध हैं:



आईएफसीआई (IFCI)


भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (Industrial Finance Corporation of India (IFCI)) भारत का पहला विकास वित्तीय संस्थान है। आईएफसीआई की स्थापना सन् 1948 में हुई थी।



आईसीआईसीआई (ICICI)


इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इनवेस्टमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (Industrial Credit and Investment Corporation of India (ICICI) Limited), विश्व बैंक की एक पहल थी और इसकी स्थापना वर्ष 1955 में हुई थी। ICICI लिमिटेड की सहायक कंपनी, ICICI बैंक की स्थापना वर्ष 1994 में हुई थी। वर्ष 2002 में, आईसीआईसीआई लिमिटेड का आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड में विलय हो गया और यह भारत का पहला सार्वभौमिक बैंक (Universal Bank of India) बन गया। यह एक वित्तीय संस्थान बन गया जिसने एक वाणिज्यिक बैंक के साथ-साथ विकास वित्तीय संस्थान दोनों के दोहरे कार्य किए। यह अभी भी निज़ी क्षेत्र में एकमात्र विकास वित्तीय संस्थान है।



आईडीबीआई (IDBI)


भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (Industrial Development Bank of India (IDBI)) की स्थापना वर्ष 1964 में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के तहत हुई थी और वर्ष 1976 में इसे स्वायत्तता दी गई थी। इसे वर्ष 2003 में एक यूनिवर्सल बैंक बनाया गया था। IDBI विभिन्न क्षेत्रों में पर्याप्त ऋण प्रवाह (adequate credit flow) बनाए रखने के लिए जिम्मेदार है।



आईआरसीआई (IRCI)


भारतीय औद्योगिक पुनर्निर्माण निगम (Industrial Reconstruction Corporation of India (IRCI)) की स्थापना वर्ष 1971 में हुई थी। IRCI को कमज़ोर इकाइयों की मदद करने और वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए बनाया गया था।



सिडबी (SIDBI)


भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (Small Industries Development Bank of India (SIDBI)) की स्थापना वर्ष 1989 में हुई थी। सिडबी आईडीबीआई की सहायक कंपनी थी। सन् 1998 में सिडबी को स्वायत्तता दी गई थी।



एक्ज़िम बैंक (Exim Bank)


निर्यात-आयात बैंक (Export-Import Bank) की स्थापना जनवरी 1982 में हुई थी। एक्ज़िम बैंक की स्थापना का मुख्य उद्देश्य निर्यात को तकनीकी सहायता और ऋण प्रदान करना था।



नाबार्ड (NABARD)


शिवरामन समिति (Shivraman Committee) की सिफारिश पर जुलाई 1982 में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development (NABARD)) की स्थापना की गई। नाबार्ड ने एक पुनर्वित्त संस्थान (Refinancing Institution) के रूप में काम किया। कृषि और ग्रामीण क्षेत्रों के क्षेत्र में नाबार्ड सर्वोच्च संस्थान के रूप में कार्य करता है।



एनएचबी (NHB)


वर्ष 1988 में राष्ट्रीय आवास बैंक (National Housing Bank (NHB)) का गठन किया गया था। आवास परियोजनाओं (Housing Project) के वित्तपोषण के लिए राष्ट्रीय आवास बैंक की स्थापना की गई थी।


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FAQs: Development Financial Institution(DFI)


Q.1 What is a Development Financial Institution(DFI)?

Ans. Development Financial Institution(DFI) is an institution that provides risk capital for the development projects on a non-commercial basis.

Q.2 What are the main objectives of Development Financial Institutions(DFI)?

Ans. The main objectives of Development Financial Institutions(DFI) are discussed in the article above.

Q.3 What are the types of Finances provided by the Development Financial Institution(DFI)?

Ans. Two types of finances are provided by the DFIs: Medium(for1-5 Years), and Long Term(for more than 5 years).

Q.4 What are some of the important Development Financial Institutions(DFI)?

Ans. Some important Development Financial Institutions are ICICI, IDBI, NHB, NABARD, SIDBI, etc.


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