नाबार्ड के छह सहायक/अनुषंगी कंपनियां हैं। इस लेख में हम केवल तीन सहायक कंपनियों पर चर्चा कर रहे हैं।
नैबकिसान फ़िनान्स लिमिटेड (NABKISAN FINANCE LIMITED)
- नैबकिसान फ़िनान्स लिमिटेड (नैबकिसान) (विगत में “एग्री डेवलपमेंट फ़िनान्स (तमिलनाडु) लिमिटेड”) को कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत 14.02.1997 को निगमित किया गया था।
- नैबकिसान राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की सहायक संस्था है जिसमें नाबार्ड, तमिलनाडु सरकार, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज़ बैंक, तमिलनाडु मर्कन्टाइल बैंक, केनरा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, फेडरल बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक और कुछ कार्पोरेटों/ व्यक्तियों ने इक्विटी अंशदान किया है।
- नैबकिसान भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अधिसूचित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफ़सी) है। इस कंपनी का मुख्य उद्देश्य कृषि, अनुषंगी और ग्रामीण कृषीतर गतिविधियों में संलग्न उद्योगों के संवर्धन, विस्तार और व्यवसायीकरण के लिए ऋण प्रदान करना है।
- यह कंपनी स्वयं सहायता समूहों/ संयुक्त देयता समूहों के सदस्यों को आगे ऋण देने के लिए एफ़पीओ, एनबीएफ़सी, एमएफ़आई, न्यासों, समितियों और धारा 25 के अंतर्गत आने वाली कंपनियों को ऋण देने के माध्यम से आजीविका/ आय अर्जक गतिविधियों के लिए सहायता प्रदान करती है।
नैबसमृद्धि फ़िनान्स लिमिटेड (NABSAMRUDDHI FINANCE LIMITED)
- नैबसमृद्धि फ़िनान्स लिमिटेड (NABSAMRUDDHI Finance Limited (NSFL)) (पूर्ववर्ती एग्री बिजनेस फ़िनान्स लिमिटेड) को 17 फरवरी, 1997 को कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत निगमित किया गया और यह कंपनी भारतीय रिज़र्व बैंक के साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी के रूप में पंजीकृत है। यह राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) (90.68%), आंध्र प्रदेश और तेलंगाणा सरकार (4.74%), आंध्रा बैंक (1.72%), केनरा बैंक (0.69%), और अन्य (2.17%) के इक्विटी अंशदान से संवर्धित कंपनी है। 31 जनवरी, 2020 की स्थिति के अनुसार इसकी निवल मालियत रु.178.3 करोड़ है।
- नैबसमृद्धि फ़िनान्स लिमिटेड का उद्देश्य व्यक्तियों और अन्य विधिक कंपनियों जैसे एनबीएफ़सी, एमएफ़आई, न्यासों, गैर-सरकारी संगठनों, कंपनियों, उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों/ संयुक्त देयता समूहों साथ ही साथ उद्योगों अथवा कृषि और सूक्ष्म वित्त, एमएसएमई, आवास, शिक्षा, परिवहन आदि सहित कृषीतर क्षेत्र की गतिविधियों के संवर्धन, विस्तार, व्यवसायीकरण और आधुनिकीकरण ऋण सुविधाएँ प्रदान करना है।
- कंपनी ने “मिसिंग मिडल (Missing Middle)” अर्थात् अतिलघु, लघु और मध्यम उद्योगों (एसएमई) जिनके अति लघु आकार के कारण पारंपरिक बैंकिंग सेवाओं अथवा अत्यंत बड़े आकार के कारण सूक्ष्म ऋणों और वित्तीय सेवाओं तक सीमित पहुँच है उनके लिए विभिन्न वित्तीय उत्पाद तैयार किए हैं। इससे भी आगे बढ़कर नैबसमृद्धि का उद्देश्य एमएसएमई क्षेत्र को इस प्रकार की सेवा प्रदान करना है – (i) उनके लक्ष्य समूह (उदाहरण के तौर पर लचीली समपार्श्विक संरचनाएँ और उनके कार्यशील पूँजी चक्र के अनुरूप तैयार किए गए उत्पाद) के लिए उत्पाद डिजाइन करना; (ii) जोखिम मूल्यन एक्सपोजर; और (iii) मानकीकृत प्रक्रियाओं और प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से ऋण मूल्यांकन से संवितरण तक के समय में कमी लाना।
नैबफिन्स लिमिटेड (NABFINS LIMITED)
- नैबफिन्स लिमिटेड (नैबफिन्स) कंपनी अधिनियम, 1956 के अंतर्गत निगमित कंपनी है और भारतीय रिज़र्व बैंक के पास गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी-सूक्ष्म वित्त संस्था के रूप में पंजीकृत है। यह राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की सहायक संस्था है और इसमें नाबार्ड, कर्नाटक सरकार, केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बरोड़ा, धनलक्ष्मी बैंक और फेडरल बैंक ने इक्विटी अंशदान किया है। कंपनी कम आय वाले परिवारों और असंगठित क्षेत्र को बिना किसी परेशानी के वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली विश्वसनीय और ग्राहक केंद्रित वित्तीय संस्था के रूप में काम करने के अपने मिशन में सफल रही है और बहुत उत्साह के साथ यह कार्य करती है।
- इस कंपनी का मुख्यालय बेंगलुरु में है और सम्पूर्ण भारत इसका कार्यक्षेत्र है। सूक्ष्म वित्त और ग्रामीण जनता को आजीविका प्रदान करने के लिए व्यापक स्तर पर वित्तीय सेवाएँ प्रदान करने का अधिदेश इसे प्राप्त हुआ है। कंपनी का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण तथा शहरी दोनो क्षेत्रों में समाज के जरूरतमंद और वंचित तबकों को अपनी संपन्नता सुनिश्चित करने के लिए सूक्ष्म वित्त के माध्यम से वित्तीय सेवाएँ प्रदान करना और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना है।
- कंपनी का निदेशक मण्डल बहुत ही संतुलित है जिसमें उच्च कार्यक्षमता वाले व्यक्ति है। निदेशक मण्डल के सदस्य ग्रामीण विकास, कृषि, बैंकिंग और वित्त आदि क्षेत्र में बहुत अनुभवी हैं। निदेशक मण्डल का नेतृत्व एक स्वतंत्र निदेशक गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में करते हैं।
- नैबफिन्स दक्षिणी, पश्चिमी, पूर्वी और मध्य भारत में कार्यरत है. सुदूर पूर्वोतर क्षेत्र के राज्यों में भी इसने अपने हैं. इस कंपनी ने ग्रामीण परिवारों तथा जरूरतमंद निर्धनों तक अपनी सीधी पहुँच से अथवा अपनी साझेदार संस्थाओं के माध्यम से सेवाएँ प्रदान करने के अनेकविध मार्ग खोजे हैं। यह बड़ी मात्रा में ऋण (संस्थागत ऋणीकरण) मुहैया कराने के माध्यम से भी वित्तीय सेवाएँ प्रदान करती है और इसने राज्यों की ग्रामीण जनता तक अपनी पहुँच बनाई है।
- नैबफिन्स ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारियों से संबंधित अधिदेश के अंतर्गत अथवा कौशल ऋण वर्टिकल के तहत ग्रामीण युवाओं के कौशल को अपने व्यवसाय चैनलों के माध्यम से प्रोत्साहित कर या तमिलनाडु में आईएफ़एडी से सहायता प्राप्त सुनामी पश्चात् संधारणीय आजीविका कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न सामाजिक गतिविधियों के प्रभावी कार्यान्वयन के माध्यम से अपनी उपयोगिता साबित की है।
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