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List of Important Commissions of India: भारत के महत्वपूर्ण आयोग, यहाँ देखें भारत के प्रमुख आयोगो की सूची और उनके कार्य सहित अन्य महत्वपूर्ण डिटेल

 

List of Important Commissions of India: भारत के महत्वपूर्ण आयोग, यहाँ देखें भारत के प्रमुख आयोगो की सूची और उनके कार्य सहित अन्य महत्वपूर्ण डिटेल | Latest Hindi Banking jobs_3.1


List of Important Commissions of India (भारत के महत्वपूर्ण आयोग की सूची)


List of Important Commissions of India: भारत में वर्तमान विभिन्न क्षेत्रों में कई आयोग बने हैं. इन आयोगों की सिफारिशों के आधार पर हमारे देश में कई सुधार कार्य किए जाते है हुए हैं. वे उम्मीदवार जो सरकारी नौकरी पाने के लिए परीक्षाओं में शामिल होते है, उन्हें इन आयोग की जानकारी होना बहुत ही महत्वपूर्ण है. हमने अक्सर देखा है कि आयोगों के आधार पर परीक्षा में कई प्रश्न पूछे जाते हैं. इसलिए प्रतियोगी परीक्षाओं में उम्मीदवारों की मदद के लिए आज इस आर्टिकल हम भारत के प्रमुख आयोगों और उनके कार्यक्षेत्रों (List of Important Commissions of India) के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे है. 

1. भारतीय निर्वाचन आयोग (Election Commission)

भारत निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त एवं अर्ध-न्यायिक संस्थान
है जिसका गठन भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष रूप से विभिन्न से भारत के
प्रातिनिधिक संस्थानों में प्रतिनिधि चुनने के लिए किया गया था। भारतीय चुनाव आयोग
की स्थापना
25 जनवरी 1950 को की गयी थी।


आयोग में वर्तमान में एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो चुनाव
आयुक्त होते हैं। जब यह पहले पहल
1950 में गठित हुआ तब से और 15 अक्टूबर, 1989 तक केवल मुख्य
निर्वाचन आयुक्त सहित यह एक एकल-सदस्यीय निकाय था।
16 अक्टूबर, 1989 से 1 जनवरी, 1990 तक यह आर. वी. एस. शास्त्री (मु.नि.आ.) और
निर्वाचन आयुक्त के रूप में एस.एस. धनोवा और वी.एस. सहगल सहित तीन-सदस्यीय निकाय
बन गया।
2 जनवरी, 1990 से 30 सितम्बर, 1993 तक यह एक
एकल-सदस्यीय निकाय बन गया और फिर
1 अक्टूबर, 1993 से यह तीन-सदस्यीय निकाय बन गया।

निर्वाचन आयोग का कार्य तथा कार्यप्रणाली

1 निर्वाचन आयोग के पास यह
उत्तरदायित्व है कि वह निर्वाचन का पर्यवेक्षण
, निर्देशन तथा आयोजन करवाये वह राष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति
, संसद, राज्यविधानसभा के
चुनाव करता है

2 निर्वाचक नामावली तैयार
करवाता है

3 राजनैतिक दलॉ का पंजीकरण
करता है

4. राजनैतिक दलॉ का राष्ट्रीय, राज्य स्तर के दलॉ के रूप
मे वर्गीकरण
, मान्यता देना, दलॉ-निर्दलीयॉ को चुनाव चिन्ह देना

5. सांसद/विधायक की
अयोग्यता (दल बदल को छोडकर) पर राष्ट्रपति/राज्यपाल को सलाह देना

6. गलत निर्वाचन
उपायों का उपयोग करने वाले व्यक्तियॉ को निर्वाचन के लिये अयोग्य घोषित करना

 

अनुच्छेद

भारतीय संविधान के भाग 15 में अनुच्छेद 324 से लेकर अनुच्छेद 329 तक निर्वाचन की व्याख्या की गई है। अनुच्छेद 324 निर्वाचनों का
अधीक्षण
, निदेशन और
नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना बताता है। संविधान ने अनुच्छेद
324 में ही निर्वाचन
आयोग को चुनाव संपन्न कराने की ज़िम्मेदारी दी है।



2. संघ लोक सेवा
आयोग (
Union Public Service Commission)

संघ लोक सेवा आयोग भारत सरकार के लिए प्रमुख भर्ती एजेंसी
है।
UPSC अखिल भारतीय
सेवाओं
, केंद्रीय सेवाओं
और संवर्गों के साथ-साथ भारत संघ के सशस्त्र बलों के लिए उम्मीदवारों की भर्ती के
लिए जिम्मेदार है।

कुछ सेवाएं जिनके लिए यूपीएससी उम्मीदवारों की भर्ती करता
है
, वे हैं

·        
भारतीय प्रशासनिक
सेवा

·        
भारतीय पुलिस
सेवा

·        
भारतीय विदेश
सेवा

·        
भारतीय राजस्व
सेवा आदि।


संवैधानिक प्रावधान

Ø  अनुच्छेद- 315. संघ और राज्यों के लिए लोक सेवा आयोग

Ø  अनुच्छेद- 316. सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि

Ø  अनुच्छेद- 317. लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और
निलंबित किया जाना

Ø  अनुच्छेद- 318. आयोग के सदस्यों और कर्मचारिवृंद की सेवा की
शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति

Ø  अनुच्छेद- 319. आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद
धारण करने के संबंध में प्रतिषेध

Ø  अनुच्छेद- 320 लोक सेवा आयोगों के कृत्य

Ø  अनुच्छेद- 321. लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की
शक्ति

Ø  अनुच्छेद- 322. लोक सेवा आयोगों के व्यय

Ø  अनुच्छेद-323. लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन

 

आयोग के कार्य

संविधान के अनुच्छेद 320 के अंतर्गत, अन्‍य बातों के साथ-साथ सिविल सेवाओं तथा पदों
के लिए भर्ती संबंधी सभी मामलों में आयोग का परामर्श लिया जाना अनिवार्य होता है।
संविधान के अनुच्छेद
320 के अंतर्गत आयोग के कार्य 
इस प्रकार हैं:

Ø  संघ के लिए सेवाओं में नियुक्‍ति हेतु परीक्षा
आयोजित करना

Ø  साक्षात्‍कार द्वारा चयन से सीधी भर्ती

Ø  प्रोन्‍नति/ प्रतिनियुक्‍ति/ आमेलन द्वारा
अधिकारियों की नियुक्‍ति

Ø  सरकार के अधीन विभिन्‍न सेवाओं तथा पदों के लिए
भर्ती नियम तैयार करना तथा उनमें संशोधन

Ø  विभिन्‍न सिविल सेवाओं से संबंधित अनुशासनिक
मामले

Ø  भारत के राष्‍ट्रपति द्वारा आयोग को प्रेषित
किसी भी मामले में सरकार को परामर्श देना

 

3. राष्ट्रीय महिला
आयोग (
National Commission for Women)

राष्ट्रीय महिला आयोग भारतीय संसद द्वारा 1990 में पारित
अधिनियम के तहत
31 जनवरी 1992 में गठित एक सांविधिक निकाय है। यह एक ऐसी इकाई है जो शिकायत
या स्वतः संज्ञान के आधार पर महिलाओं के संवैधानिक हितों और उनके लिए कानूनी
सुरक्षा उपायों को लागू कराती है। आयोग की पहली प्रमुख सुश्री जयंती पटनायक थीं।
17 सितंबर, 2014 को ममता शर्मा का
कार्यकाल पूरा होने के पश्चात ललिता कुमारमंगलम को आयोग का प्रमुख बनाया गया था
,मगर पिछले साल सितंबर में
पद छोड़ने के बाद रेखा शर्मा को कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर यह संभाल रही थी
,और अब रेखा शर्मा को
राष्ट्रीय महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है।राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम की
धारा
7 के तहत आयोग का
गठन किया गया.


 

4. निति आयोग (NITI Aayog)

1 जनवरी, 2015 को योजना आयोग
के स्थान पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक संकल्प पर नीति आयोग का गठन किया गया.

नीति आयोग के पहले उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया थे तथा वर्तमान
में सुमन बेरी इसके उपाध्यक्ष हैं और अमिताभ कांत
CEO हैं निति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री है.


FAQ – List of Important Commissions of India (भारत के महत्वपूर्ण आयोग की सूची)

Q. भारतीय निर्वाचन आयोग क्या होता है?

Ans. निर्वाचन आयोग या चुनाव आयोग एक निकाय अथवा संस्था होती है, जिसपर चुनाव प्रक्रियाओं के कार्यान्वयन की निगरानी रखने का प्रभार होता है। इस निकाय के लिये उपयोग किये जाने वाली सटीक शब्दावली, देश दर देश भिन्न हो सकता है, इनमें चुनाव आयोग, केंद्रीय चुनाव आयोग, चुनावी शाखा या चुनावी अदालत जैसे शब्द शामिल हैं।


Q. यूपीएससी का क्या कार्य है?

Ans.संविधान के अनुच्छेद 320 के तहत आयोग के कार्य हैं: संघ की सेवाओं में नियुक्ति के लिए परीक्षा आयोजित करना। साक्षात्कार के माध्यम से चयन द्वारा  पदोन्नति/प्रतिनियुक्ति/आमेलन पर अधिकारियों की नियुक्ति करना।



Q. राष्ट्रीय महिला आयोग के क्या कार्य है?

Ans. राष्ट्रीय महिला आयोग भारतीय संसद द्वारा 1990 में पारित अधिनियम के तहत 31 जनवरी 1992 में गठित एक सांविधिक निकाय है। यह एक ऐसी इकाई है जो शिकायत या स्वतः संज्ञान के आधार पर महिलाओं के संवैधानिक हितों और उनके लिए कानूनी सुरक्षा उपायों को लागू कराती है।

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