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Highlights of RBI: पढ़ें फरवरी 2022 में रिज़र्व बैंक द्वारा ज़ारी की गई महत्वपूर्ण सूचनाएँ (Highlights of RBI in the Month of February 2022)

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1. ‘बैंक क्रेडिट के सेक्टोरल परिनियोजन (Sectoral Deployment of Bank Credit) – दिसंबर 2021’- विभिन्न क्षेत्रों में ऋण वृद्धि (loan growth) के बारे में डेटा।

  • दिसंबर 2021 में बैंक के ग़ैर-खाद्य ऋण में 9.3 प्रतिशत (वर्ष-दर-वर्ष (y-o-y) आधार पर) की वृद्धि दर्ज़ की गई, जबकि दिसंबर 2020 में यह 6.6 प्रतिशत थी।
  • इन सभी क्षेत्रों जिसमें इंजीनियरिंग, रसायन और रासायनिक उत्पाद, बुनियादी ढांचा, खनन और उत्खनन, पेट्रोलियम, कोयला उत्पाद और परमाणु ईंधन, कपड़ा तथा लकड़ी और लकड़ी के उत्पाद, आदि शामिल हैं, में वृद्धि देखी गई।
  • बुनियादी धातु और धातु उत्पादों, सीमेंट और सीमेंट उत्पादों, निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, कांच और कांच के बने पदार्थ, क़ाग़ज और क़ाग़ज उत्पादों के क्षेत्रों में संकुचन (Contraction) देखा गया।
  • आवास, व्यक्तिगत ऋण खंड (personal loans segment) में समग्र विकास का प्रमुख ऋण बना रहा।

2. देयता प्रोफाइल (liability profile) और बाज़ार के विकास (market developmen) को सुगम बनाने के लिए, भारत सरकार ने 28 जनवरी, 2022 को 1,19,701 करोड़ रुपये (अंकित मूल्य) की राशि के लिए आरबीआई के साथ अपनी प्रतिभूतियों का रूपांतरण स्विच लेनदेन किया है।

3. भारतीय कंपनियों की वित्त वर्ष 2012 (अप्रैल 2021-दिसंबर 2021) की पहली 3 तिमाहियों में विदेशी उधारी (overseas borrowings) 23.28 बिलियन अमरीकी डालर थी, जबकि वित्त वर्ष 2011 (अप्रैल दिसंबर 2020) के दौरान 19.53 बिलियन अमरीकी डालर थी। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के अनुसार, वर्तमान वित्त वर्ष के पहले नौ महीनों  (9MFY22) में 19 प्रतिशत से अधिक उछल गया था।

  • विदेशी उधार (Overseas borrowing) का अर्थ बाह्य वाणिज्यिक उधारी (External Commercial Borrowing) है
  • एक बाहरी वाणिज्यिक उधार (External commercial borrowing – ECB) अनिवासी उधारदाताओं से लिए गए ऋणों को संदर्भित करता है। न्यूनतम औसत परिपक्वता (3 वर्ष) वाली विदेशी कंपनियां जिनका स्वचालित या अनुमोदन मार्ग के माध्यम से लाभ उठाया जा सकता है।
  • ECB में वाणिज्यिक बैंक ऋण, ख़रीदारों का ऋण, आपूर्तिकर्ताओं का ऋण, प्रतिभूतिकृत उपकरण जैसे फ्लोटिंग रेट नोट (floating rate notes) और फिक्स्ड रेट बॉन्ड (fixed-rate bonds) आदि शामिल हैं।

4. आरबीआई ने ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) के लिए नए नॉन-परफॉर्मिंग एसेट (NPAs) वर्गीकरण मानदंडों का पालन करने की समय सीमा को मार्च 2022 से बढ़ाकर सितंबर 2022 तक कर दिया है।

  • 15 नवंबर, 2021 को आरबीआई द्वारा ज़ारी किए गए ‘आय निर्धारण, आस्ति वर्गीकरण और अग्रिमों से संबंधित प्रावधानीकरण पर विवेकपूर्ण मानदंड – स्पष्टीकरण (Prudential norms on Income Recognition, Asset Classification and Provisioning pertaining to Advances – Clarifications)’ पर विवेकपूर्ण मानदंडों के अनुसार, NPA के रूप में वर्गीकृत ऋण खातों को केवल ‘मानक (standard)’ संपत्ति के रूप में अपग्रेड किया जा सकता है। यदि उधारकर्ता द्वारा ब्याज और मूलधन की संपूर्ण बकाया राशि का भुगतान कर दिया जाता है।
5. गोल्डहब के अनुसार, 2021 में आरबीआई दुनिया के केंद्रीय बैंकों में सोने के दूसरे सबसे बड़े ख़रीदार के रूप में उभरा है।
  • गोल्डहब विश्व स्वर्ण परिषद की एक आधिकारिक वेबसाइट है जो कीमती धातु से संबंधित सभी डेटा का रखरखाव करती है
  • गोल्डहब के अनुसार, भारत के पास दुनिया का 9वां सबसे बड़ा आधिकारिक स्वर्ण भंडार है।
  • सेंट्रल बैंक ऑफ़ थाईलैंड 2021 में सबसे बड़ा ख़रीदार है जो 90 मीट्रिक टन सोना ख़रीद रहा है
6. आरबीआई ने कुछ ग़ैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) को 30 सितंबर, 2025 तक ‘मुख्य वित्तीय सेवा समाधान (Core Financial Services Solution – CFSS)’ को अनिवार्य रूप से लागू करने का निर्देश दिया।
  • अक्टूबर 2021 में, RBI ने NBFC के लिए ‘स्केल बेस्ड रेगुलेशन’ (Scale Based Regulation – SBR) फ्रेमवर्क पेश किया, जिसमें 10 और अधिक शाखाओं वाली NBFC को 01 अक्टूबर, 2022 से कोर बैंकिंग सॉल्यूशन अपनाने के लिए अनिवार्य किया गया था।
  • एनबीएफसी-अपर लेयर के लिए विशेष समयावधि (Special Timeline for NBFC-Upper Layer): एनबीएफसी – अपर लेयर को 30 सितंबर, 2024 को या उससे पहले ‘फिक्स्ड पॉइंट सर्विस डिलीवरी यूनिट्स (fixed point service delivery units)’ के कम से कम 70 प्रतिशत में सीएफएसएस (Core Financial Services Solution – CFSS) लागू करना चाहिए।
  • एनबीएफसी – बेस लेयर में सीएफएसएस का कार्यान्वयन अनिवार्य नहीं है
 
7. ई-आरयूपीआई (यूपीआई के उपयोग वाला प्रीपेड डिजिटल वाउचर) – प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer – DBT) को मज़बूत करने और बैंक रहित नागरिकों के वित्तीय समावेशन के लिए अगस्त 2021 में लॉन्च किया गया।
  • भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा ‘व्यक्ति और उद्देश्य-विशिष्ट (person and purpose-specific)’ वन-टाइम कैशलेस और कॉन्टैक्टलेस वाउचर-आधारित प्रीपेड इलेक्ट्रॉनिक डिजिटल भुगतान समाधान  विकसित किया गया था और इसके UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) प्लेटफॉर्म पर चलता है।
  • परिवर्तन (Changes): आरबीआई ने सरकारों द्वारा ज़ारी किए गए ई-आरयूपीआई वाउचर (e-RUPI vouchers) के लिए राशि की सीमा को 10000 से बढ़ाकर 1 लाख रुपये प्रति वाउचर करने और वाउचर की राशि पूरी तरह से भुनाए जाने तक कई बार वाउचर के उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव किया है।
8. ट्रेड रिसीवेबल्स डिस्काउंटिंग सिस्टम (Trade Receivables Discounting System – TReDS), को माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) सेक्टर को सपोर्ट करने के लिए RBI द्वारा लॉन्च किया गया था। यह MSMEs की प्राप्तियों में छूट / वित्तपोषण की सुविधा प्रदान करता है।
  • TReDS निपटान नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (National Automated Clearing House – NACH) प्रणाली के माध्यम से किया जाता है। वर्तमान में, NACH मैंडेट की राशि 1 करोड़ रुपये तक सीमित है।
  • वर्तमान विस्तार (Current Extension): RBI ने TReDS के माध्यम से MSMEs के लिए चालान छूट तंत्र से संबंधित बस्तियों के लिए नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) मेंडेट की सीमा को 1 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव किया है ताकि एमएसएमई के वित्तपोषण में आसानी और बढ़ती तरलता आवश्यकताओं को बढ़ाया जा सके।
9. 30 जून, 2022 तक 50,000 करोड़ रुपये की टर्म लिक्विडिटी सुविधा का विस्तार। यह सुविधा मई 2021 में आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पेश की गई थी।
10. आरबीआई ने 1 अप्रैल, 2022 से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (Foreign portfolio investors – FPI) के लिए स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (Voluntary Retention Route – VRR) के तहत निवेश सीमा को 1.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.50 लाख करोड़ रुपये (1 लाख करोड़ रुपये की वृद्धि) कर दी है।
11. अन्य सूचनाएं (Other notifications)-
  • आरबीआई ने ‘कैशबीन (Cashbean)’ ऐप का संचालन करने वाली पीसी वित्तीय सेवाओं (PC Financial Services) की सीओआर (CoR) रद्द की।
  • आरबीआई ने मंथा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड, मंथा, जिला जालना, महाराष्ट्र का लाइसेंस रद्द कर दिया।
  • आरबीआई ने मिलथ को-ऑपरेटिव बैंक, देवंगरे (कर्नाटक) पर प्रतिबंधों को और तीन महीने के लिए बढ़ा दिया।

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