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IBPS SO Rajbhasha Adhikari के लिए सिलेक्टेड Narayan Singh की Success Story

IBPS SO Rajbhasha Adhikari के लिए सिलेक्टेड Narayan Singh की Success Story | Latest Hindi Banking jobs_2.1
प्रिय उम्मीदवारों, 

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि  IBPS ने हाल ही में आईबीपीएस की आधिकारिक वेबसाइट पर IBPS PO, Clerk, and SO फाइनल रिजल्ट 2021 जारी किया है. हमारी टीम की ओर से उन सभी उम्मीदवारों को बहुत बधाई, जिन्होंने अपनी मेहनत से अपनी ड्रीम जॉब पाकर, सफलता हासिल की है. Adda247 वर्षों से बैंकिंग क्षेत्र के उम्मीदवारों की मदद का हर संभव प्रयास करता है ताकि वो अपने सपने पूरे कर सकें. जब हमारी मदद से कोई स्टूडेंट्स बैंकिंग परीक्षा में सफलता प्राप्त करता हैं, तो हमें सबसे ज्यादा ख़ुशी होती है.

 हम उन सभी सफ़ल उम्मीदवारों को अपनी सक्सेस स्टोरी Hindi Bnakersadda के साथ Share करने के लिए invite करते हैं, जिन्होंने बैंकिंग की परीक्षा में सफलता प्राप्त की है. आज हम यहाँ IBPS SO 2022 के लिए सिलेक्टेड Narayan Singh की  Success Story शेयर कर रहे है:



Success Story of Narayan Singh Selected As IBPS SO 2021 in Union Bank of India.



नाम – नारायण सिंह        

चयन – IBPS
SO XI 2022-23
राजभाषा अधिकारी  

शैक्षणिक योग्यता : बीकॉम (दिल्ली विश्वविद्यालय),
एम.ए – हिंदी (दिल्ली विश्वविद्यालय), एक वर्षीय अनुवाद डिप्लोमा (भारतीय अनुवाद
परिषद)। 

कार्य अनुभव – हिंदी-अंग्रेजी अनुवाद तथा हिंदी
भाषा सामग्री सृजन में 5 वर्ष से अधिक का कार्य अनुभव।  


मेरे संघर्ष की कहानी जो आज एक खूबसूरत सफलता में
बदल गयी

 

वर्ष 2016 में दिल्ली
विश्वविद्यालय से एम.ए – हिंदी करने के बाद मैंने एक कंपनी में अनुवादक के रूप में
कार्य करना आरंभ किया और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना भी आरंभ किया।

प्रतियोगी परीक्षाओं में असफलता के रास्तों पर
निरंतर प्रयास करते हुए सफलता का सफर-

1.वर्ष 2016 में
IBPS SO
में अंग्रेजी विषय की सेक्शन कट ऑफ पार न कर पाने
के कारण असफल।

2.वर्ष 2016 में ही राज्यसभा का
पहला पेपर पास करने के बाद दूसरे पेपर की कटऑफ पार करने में असफल।

3. SSC JHT में कई बार पहला पेपर ही पास नहीं हुआ।

4. वर्ष 2018
से मेरे सभी
परीक्षाओं के पहले पेपर पास होना शुरू हुए, किसी भी परीक्षा का प्री-एग्जाम पास
करना अब मेरे लिए आसान हो गया था।

5.चंडीगड़ रेलवे में JHT का पहला पेपर पास हुआ
दूसरे का अभी परिणाम नहीं आया है।

6.FCI असिस्टेंट ग्रेड-2 (AGII)
(
हिंदी) 2019 में चयन हो गया
परन्तु FCI ने शैक्षिणक दस्तावेजो में एक कमी बता कर मेरी उम्मीदवारी निरस्त कर
दी। 

7. धीरे-धीरे सभी परीक्षाओं का पहला और दूसरा पेपर
पास होना अब सामान्य बात हो गई थी मेरे लिए परन्तु अंतिम मैरिट में स्थान पाना अभी
भी मेरे लिए चुनौती का विषय बना हुआ था।

8. वर्ष 2020 में मैंने IBPS
SO
IX राजभाषा अधिकारी दोनों
परीक्षाएं पास की और इंटरव्यू दिया पर अंतिम मैरिट में चयन नहीं हो सका।   

9. IBPS में हिंदी ऑफिसर की परीक्षा पास करने और
इंटरव्यू भी अच्छा होने के बाद भी फाइनल कटऑफ में नाम नहीं आया।

10. SSC JHT
2020
में प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा दोनों पास करने के बाद भी फाइनल मैरिट
में नाम नहीं आया।

11.अंतत: आखरी प्रयास में IBPS
SO XI 2022-23
में राजभाषा अधिकारी के रूप में चयन हुआ।

 

मेरी सफलता का मूल मन्त्र

1.      संघर्ष के समय में
जब बार-बार असफलताओं का समाना करना पड़े तब खुद को प्रेरित और उत्साहित रखने के लिए
खुद से ही प्रेरणा का स्रोत बनाएं दूसरों में मिली प्रेरणा ज्यादा प्रभावशाली नहीं
होती है। परन्तु खुद से मिली प्रेरणा स्थायी और ज्यादा सकारात्मक होती है।

2.      सफल होने तक लगातार
प्रयास करते रहना। कोई भी व्यक्ति किसी की मेहनत से संयोयी धनराशि तो चुरा सकता है
पर प्रयास करते रहने की क्षमता नहीं चुरा सकता है।   

3.      खुद को जिद्दी
बनाएं जीवन की कोई भी चुनौती आपकी सफल होने की जिद से बड़ी नहीं होनी चाहिए। जीवन
में बार-बार गिरना कोई मायने नहीं रखता अगर आप में बार-बार उठने की जिद है।

4.      परीक्षाओं की
तैयारी करते समय अपने अध्ययन में निरंतरता, लगन, एकाग्रता, सटीकता और मेहनत का 100
प्रतिशत दें।

मैं संघर्ष के दिनों में खुद को प्रेरित रखने के
लिए जो करता था वो साझा करता हूँ –

1.खुद को प्रेरित रखने के लिए प्रेरणा या आशा से
भरी कविताएँ लिखता था और उन्हें बार-बार खुद के लिए पढ़ता रहता था। कुछ पंक्तियाँ
साझा कर रहा हूँ –

 

“समस्याएं हमें तकलीफ तो दे सकती हैं

पर हमारी मर्जी के बिना

हमें अपना गुलाम नहीं बना सकती हैं।

अंधेरों के बस में नहीं कि वो सवेरा न
होने दें”।

 

 

“दिक्कतों को फिर से ठेंगा दिखा दूँ क्या,

हालत तो रोने के हैं, पर मुस्कुरा दूँ
क्या”।

 

 

“संघर्ष उसी का सुना जायेगा, जिसका अंत
विजय पर होगा

लाख ठोकरें खाने पर भी, जिसका अंत शिखर पर
होगा”। 

परिश्रम उसी का माना जायेगा, जिसका कार्य
सिद्धि पर होगा,

तैराक उसी को कहा  जायेगा, जो वापस तट पर होगा”।

 

 

(मोहब्बत की हवा में साँस लेना फिर कभी,

आज वक्त मेहनत का है,

मोहब्बत की कसमें खाना, फिर कभी …….)

 

अपनी प्रेरणा का स्रोत खुद को बनाएं
क्योंकि आपको गिरने के बाद कोई व्यक्ति उठा सकता है तो वो आप खुद हो इसलिए खुद को
शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ्य रखें खूब मेहनत करें, प्रयास करने वालों को
सफलता एक दिन जरुर मिलती है मेरी संघर्ष यात्रा को पढ़ कर आप ऐसा महसूस कर सकते
हैं।

 

 

धन्यवाद

नारायण सिंह (राजभाषा अधिकारी) 


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