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SBI और IBPS इंटरव्यू 2021 के लिए बैंकिंग अवेयरनेस स्पेशल सीरीज़ – भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिजिटल भुगतान के लिए बनाए नियम (RBI set rules on Digital Payments)

 SBI और IBPS इंटरव्यू 2021 के लिए बैंकिंग अवेयरनेस स्पेशल सीरीज़ – भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिजिटल भुगतान के लिए बनाए नियम (RBI set rules on Digital Payments) | Latest Hindi Banking jobs_3.1

हम सभी जानते है कि SBI CBO, IBPS SO और IBPS RRB PO मेंस सहित कई अन्य बैंकिंग परीक्षाओं के रिजल्ट जारी हो चुके हैं और अब इनका अगला चरण साक्षात्कार (Interview) होगा. बैंकिंग सेक्टर से जुड़ी सभी परीक्षाओं के साक्षात्कार में अधिकांश सवाल बैंकिंग अवेयरनेस यानि बैंकिंग से जुड़ी हाल ही घटनाओं से पूछे जाते है, ऐसे में उम्मीदवारों के लिए जरुरी है कि वे हाल के Important Banking Event के बारे में अपडेट रहे और इंटरव्यू में पूछे गए सवालों का Confident के जवाब दें. Candidates की इसी बात को समझते हुए Adda247 की टीम ने आपके लिए तैयार की है SBI और IBPS इंटरव्यू 2021 के लिए बैंकिंग अवेयरनेस स्पेशल सीरीज़. 



इस सीरीज़ में, हम रोज़ाना (daily basis) आपके लिए कुछ महत्वपूर्ण बैंकिंग अवेयरनेस टॉपिक्स लेकर आएंगे, इसी कड़ी में आज की हमारी इस सीरीज़ का टॉपिक-  डिजिटल भुगतान पर भारतीय रिज़र्व बैंक के नियम  (RBI set rules on Digital Payments) हैयदि आप किसी Goverment Bank Job में जाना चाहते है तो ये बहुत ही जरुरी हो जाता है कि आपको भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा डिजिटल भुगतान के लिए बनाए गए नियम के बारे में अच्छी Knowledge हो. इस आर्टिकल में आगे  डिजिटल भुगतान पर भारतीय रिज़र्व बैंक के नियम (RBI set rules on Digital Payments) से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारी यानी बेसिक फैक्ट्स दिए जा रहे हैं

Banking Awareness Special Series For SBI & IBPS Interviews 2021

भारतीय रिज़र्व बैंक ने डिजिटल भुगतान के लिए बनाए नियम (RBI set rules on Digital Payments)


केंद्रीय बैंक (Central Bank) ने भारत के डिजिटल भुगतान आर्किटेक्चर को मजबूत करने के लिए डिजिटल भुगतान (digital payments ) का एक ढांचा (framework) तैयार किया है। RBI ने बैंकों और कार्ड जारी करने वाली संस्थाओं के लिए न्यूनतम साझा मानक जारी किए हैं। इसका मकसद डिजिटल भुगतान की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके तहत इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल पेमेंट, कार्ड पेमेंट, ग्राहक सुरक्षा व शिकायत निपटान तंत्र से संबंधित दिशा-निर्देश शामिल हैं। ये नई दिल्ली को ‘कम-कैश’ लेनदेन अर्थव्यवस्था (Cash-less economy) के अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करने का एक कदम हैं।

ये दिशा-निर्देश ऐसे समय आए हैं जब भारत में फल-फूल रहे भुगतान पारिस्थितिक तंत्र (payments ecosystem) पर धोखाधड़ी और साइबर हमले बढ़ते जा रहे हैं। 6 महीने के भीतर अपने सुरक्षा संचालन को मानकीकृत (to standardise) करने के लिए सभी विनियमित संस्थाओं को इस नए ढांचा अनुपालन (compliance) का पालन करना होगा। ये दिशानिर्देश ग्राहकों को एक बेहतर और अधिक सुरक्षित तरीके से डिजिटल प्लेटफार्मों का उपयोग करने के लिए एक अच्छा वातावरण बनाएंगे। वे ग्राहकों को बेहद प्रचलित जोखिमों के बारे में लगातार जानकारी देंगी। इसमें थर्ड-पार्टी UPI ऐप्स के सोर्स कोड सुरक्षा, बाहरी हमलों, इंटरनेट बैंकिंग और कार्ड पेमेंट्स के खिलाफ सुरक्षा के लिए साइबर सुरक्षा दिशानिर्देश शामिल हैं। ये नियम सभी शेड्यूल्ड कॉमर्शियल बैंकों, स्मॉल फाइनेंस बैंक, पेमेंट बैंक तथा क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों यानी एनबीएफसी पर लागू होंगे। आज के समय जब बैंकिंग धोखाधड़ी के मामलों में लगातार तेजी देखने को मिल रही है, केंद्रीय बैंक के ये दिशा-निर्देश काफी अहम हो जाते हैं। हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 1500 करोड़ रुपये की योजना का प्रस्ताव किया था

इन नियमों का न केवल विनियमित बैंकों पर, बल्कि व्हाट्स ऐप पे, गूगल पे, फोन-पे आदि जैसे थर्ड-पार्टी के भुगतान एप्लीकेशन (payment applications ) पर भी प्रभाव पड़ेगा, कि वे अपने बैंकिंग साझेदारों के साथ कैसे बातचीत करते हैं और ग्राहक की कौन-सी जानकारी जुटाते हैं।

 

डिजिटल भुगतान संबंधी उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष: श्री नंदन नीलेकणि                            

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