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जानिए, Zoom App का इस्तेमाल क्यों नहीं है सुरक्षित, ये हैं MHA गाइडलाइंस

जानिए, Zoom App का इस्तेमाल क्यों नहीं है सुरक्षित, ये हैं MHA गाइडलाइंस | Latest Hindi Banking jobs_2.1

Zoom video-conferencing app is not a safe platform, Home Ministry cautions users

इस समय देशभर में कोरोना वायरस (Coronavirus)के चलते  लॉकडाउन जारी है. बड़े शहरों का एक तबका Work From Home कर रहा है औ इसलिए सभी घर से एक दूसरे के साथ कनेक्ट करने के लिए मीटिंग्स में  या वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए वीडियो कॉलिग ऐप जूम (Zoom App) का इस्तेमाल कर रहे हैं.  लेकिन,  इस बीच सरकार ने इस ऐप के इस्तेमाल को लेकर गृह मंत्रालय (MHA) के साइबर को-ओरडिनेशन सेंटर द्वारा एक गाइडलाइन जारी की गई है. यह एडवाइजरी इस ऐप के जरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग करने वाले प्राइवेट सेक्टर और ऑनलाइन क्लास देने वाले स्कूलों को जारी किया गया है.  सरकार ने ऑपरेटर और उपयोगकर्ताओं, दोनों के लिए सुरक्षा उपाय देते हुए गाइडलाइन जारी की है. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले दिनों इस ऐप से जुड़ी डाटा लीक्स के मामले सामने आने के बाद यह एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है कि यह ‘सुरक्षित नहीं है.   

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 साइबर हमलों से निपटने वाली राष्ट्रीय एजेंसी कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया (सीईआरटी-आईएन) ने कहा कि डिजिटल एप्लिकेशन का सुरक्षा उपायों के बिना उपयोग साइबर अटैक हो सकता है.  इससे साइबर अपराधियों द्वारा आपकी संवेदनशील सूचनाओं को लीक किए जाने का खतरा भी बना रहता है. इस समय जूम, माइक्रोसॉफ्ट टीम, सिस्को वेबएक्स जैसे ऑनलाइन कम्युनिकेशन प्लेटफार्म का वीडियो कांफ्रेंसिंग बैठकों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. लेकिन ऑनलाइन प्लेटफार्म (Zoom) का असुरक्षित उपयोग साइबर अपराधियों को महत्वपूर्ण सूचनाओं और conversastion जैसी संवेदनशील जानकारी को लीक कर सकता है.


Guidelines की मदद से किसी गैर अधिकृत व्यक्ति का कॉन्फ्रेंस में हस्तक्षेप और अवांछित गतिविधि को रोका जा सकेगा. गाइडलान का पालन किया जाए तो उपयोगकर्ताओं के अलावा कोई दूसरा व्यक्ति उनकी गतिविधि को प्रभावित नहीं कर सकता है. पासवर्ड और यूजर एक्सेस के जरिए डीओएस अटैक को भी रोका जा सकता है.


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गृह मंत्रालय  (MHA) द्वारा जारी इन गाइडलाइंस में क्या-क्या कहा गया है :  

1. Strong पासवर्ड बनाएं : एजेंसी ने जूम से होने वाली बैठकों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए कुछ उपाय सुझाए हैं. इनमें जूम साफ्टवेयर को अपडेट रखने को कहा गया है. Meetingsऔर Webinars के लिए हमेशा इतना मजबूत पासवर्ड बनाने को कहा गया है जो इतना मुश्किल हो कि उसे Crack न किया जा सके. 


2.  हर मीटिंग के दौरान नया यूजर आईडी और पासवर्ड क्रिएट करने को कहा गया है. ऐप में वेटिंग रूम क्रिएट करें ताकि कोई भी यूजर मीटिंग में तभी एंटर कर सकेंगे जब Host उसे एंट्री करने की Permission दे. 


3. वीडियो कांफ्रेंस होस्ट करने से पहले Host  Feature को डिसेबल करें और अल्टर्नेटिव होस्ट स्क्रीन शेयरिंग सेटिंग्स को Host only में करने के लिए कहा गया है. Removed Participants को दोबारा ज्वॉइन करने की परमिशन न दें. फाइल ट्रांसफर को रिस्ट्रिक्ट या डिसेबल करने की सलाह दी गई है.  


4. जब सभी पार्टिशिपेंट्स ज्वॉइन कर लेते हैं तो मीटिंग को लॉक करने की सलाह दी गई है. इसके अलावा रिकॉर्डिंग फीचर को Restrict करने के लिए भी निर्देश दिया गया है.    


5. गृह मंत्रालय की गाइडलाइंस के मुताबिक ज्यादातर सेटिंग लॉगिन करके की जा सकती है या फिर अपने लैपटॉप फोन में एप्लीकेशन डाउनलोड करके की जा सकती है. कांफ्रेंस के दौरान भी यह बदलाव किए जा सकते हैं. हालांकि कुछ सेटिंग एक खास चैनल पर ही की जा सकती है.




दरअसल, Zoom App से निजता की सुरक्षा को लेकर कई सवाल उठे हैं. Tik tok और Zoom के ज्यादातर Server चीन में हैं और इनमें कुछ कमजोरियां हैं.  तकनीकी विश्लेषण कहता है कि इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग ऐप से मीटिंग का डाटा लीक हो सकता है.


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