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IBPS क्लर्क मेन्स : इन सामान्य गलतियों से बचें

IBPS क्लर्क मेन्स :

जब हम किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं तो हमें सभी क्षेत्रों में ध्यान देना होता है, जैसे की आप सभी जानते हैं कि IBPS क्लर्क परीक्षा नजदीक है और 19 जनवरी 2010 को आयोजित होने वाली है. आपको IBPS क्लर्क प्रीलिम्स के विस्तृत समीक्षा की जाँच करनी चाहिए. हमें उम्मीद है की आपने बिना IBPS क्लर्क प्रीलिम्स रिजल्ट की प्रतीक्षा किये अपनी तैयारी शुरू कर दी होगी. और अपना बेस्ट देने के लिए पूरी मेहनत कर रहे होंगे. बैंकिंग परीक्षाओं में सफलता प्राप्त कर पाना इन दिनों आसान नहीं है, पर यदि आप पुरे समर्पण के साथ अपनी तैयारी को आगे बढ़ाते हैं तो सफलता अवश्य प्राप्त करेंगे.

IBPS क्लर्क की भर्ती में कोई भी साक्षात्कार का चरण नहीं है, फ़ाइनल मेरिट लिस्ट मेंस परीक्षा के आधार पर तैयार की जाती है. इस समय आप अपनी सफलता से महज एक कदम दूर है, इसलिए आपको कोई कसर नहीं छोड़नी चाहिए. अब आपके पास महज एक महीने शेष है. आपको अपनी तैयारी पर पूरा फोकस करना चाहिए और अपनी तैयारी को पूरा करने के लिए अपनी रणनीति के साथ बने रहना चाहिए.

हम यह आर्टिकल आपको कुछ सामान्य गलतियों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से साझा कर रहे हैं. कुछ गलतियाँ जो बैंकिंग के उम्मीदवार आम तौर पर करते हैं. हम यहाँ आपके साथ साझा कर रहे हैं. आप जब मेंस परीक्षा की तैयारी कर रहे होते हैं तो ऐसी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए. क्योंकि ये गलतियाँ आपको तैयारी के  मार्ग से भ्रमित कर सकती हैं.

IBPS क्लर्क मेंस तैयारी 2019 के दौरान इन गलतियों से बचें 

IBPS क्लर्क परीक्षा जिस तरह से डिज़ाइन की गई है कि उसमे सफल होना आसान नहीं है, इसमें कुछ सामान्य गलतियाँ जो एस्पिरेंट करते हैं, उन्हें जानना बहुत आवश्यक है। IBPS क्लर्क, IBPS PO, SBI क्लर्क के पैटर्न और सिलेबस लगभग एक जैसा है। यहाँ आईबीपीएस क्लर्क की तैयारी के दौरान होने वाली कुछ गलतियां हम बता रहे हैं, जिन्हें आपको ध्यान में रखना चाहिए।

विशिष्ट रणनीति(Specific Strategy): अधिकांश छात्र, एक से अधिक बैंकिंग परीक्षाओं की तैयारी करते हैं और जिससे वह एक विशेष लक्ष्य पर अपना ध्यान केंद्रित करने में विफल रहते हैं। यह एक बड़ा दोष है। यदि आप IBPS क्लर्क 2019 की तैयारी कर रहे हैं, तो पाठ्यक्रम, पिछले वर्ष के पेपर और परीक्षा पैटर्न अवश्य देखना चाहिए और उसके अनुसार रणनीति बनानी चाहिए। इससे IBPS क्लर्क परीक्षा में सफल होने की संभावना बढ़ जाएगी।

अध्याय-वार अभ्यास : यह बैंकिंग के साथ-साथ अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए एक मिथक है जो एक उम्मीदवार को हर विषय पर कदम से कदम मिलाकर चलता है। जब तक आप शुरुआत नहीं करते हैं, अगर आपने अभी बैंकिंग परीक्षा की तैयारी की शुरुआत की तो किसी अध्याय या विषय में बहुत समय न लगा कर, सब कुछ पढ़ने का प्रयास करें। कोशिश करें कि सभी टॉपिक्स के मिक्स-बैग हल करें, ऐसा करने से आपका कोई भी महत्वपूर्ण विषय पीछे नहीं छूटेगा ।

अंग्रेजी खंड से सम्बंधित मिथक: अंग्रेजी खंड कड़ी मेहनत के बजाय स्मार्ट काम की मांग करता है। आमतौर पर एस्पिरेंट्स अच्छे स्कोर प्राप्त करने के बदले में सभी व्याकरण के नियम को समझने की सोचते हैं, लेकिन फिर भी असफल रहते हैं। व्याकरण के लिए नियमों को पढ़ने की जगह अधिक अभ्यास करने में ध्यान देना चाहिए।  मॉक टेस्ट का प्रयास करें और अवधारणा को समझें।

Comprehension टॉपिक को छोड़ना : अगर आप इस टॉपिक को छोड़ते हैं उसे बोझ की तरह लेते हैं और उसमें इंटरेस्ट नहीं दिखाते हैं, समझदारी से काम नहीं लेते और अध्ययन करते समय बस घंटे गिनते रहते हैं तो ऐसे तैयारी करने का कोई फ़ायदा नहीं है। ऐसे में आपको तैयारी के विषय में विचार कर लेना चाहिए। यह खंड 5-10 अंक प्रदान कर सकता है और ऐसे स्कोरिंग विषय को छोड़ना आपको सफलता की सूची से बाहर कर सकता है। 

सामान्य जागरूकता को महत्त्व न देना : एक आकांक्षी के रूप में, आपको सामान्य जागरूकता के महत्व को जानना चाहिए। हालाँकि, सामान्य जागरूकता IBPS क्लर्क प्रिलिम्स परीक्षा का हिस्सा नहीं है। यह मेंस परीक्षा में एक महत्वपूर्ण खंड बनाता है। IBPS क्लर्क की मेंस परीक्षा, प्रीलिम्स से सिर्फ एक महीने बाद होती है और एक महीने में सामान्य जागरूकता को कवर करना असंभव है। अखबार या दैनिक / साप्ताहिक / मासिक पत्रिका से सामान्य जागरूकता पढ़ने से आप खुद को तैयार रख सकते हैं।

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असंतुलित समय प्रबंधन: समय एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, खासकर तब जब परीक्षा ऑनलाइन होती है। आपको समय प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए अपनी तैयारी को व्यवस्थित करने की आवश्यकता है। यह आपकोस्पीड और एक्यूरेसी में मदद करेगा।

सभी वर्गों पर समान ध्यान नहीं देना: यह आपके लिए सबसे बड़ी कमी हो सकती है क्योंकि यह सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में प्रवेश करने का मौका खत्म कर सकता है। प्रीलिम्स के साथ मेंस परीक्षा में अनुभागीय कट-ऑफ है, इसलिए किसी एक सेक्शन को छोड़ना भारी पड़ सकता है।

मॉक-टेस्ट: एस्पिरेंट्स सोचते हैं कि सिर्फ एक-दो मॉक टेस्ट देने से आप परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकते हैं  टेस्ट से गुजरने से उन्हें उड़ने वाले रंगों में उभरने में मदद मिल सकती है। यह एक बड़ी गलती है क्योंकि अभ्यास सफलता की कुंजी है। जितना संभव हो सके उतना मॉक टेस्ट दें, जिसकी मदद से आप अवश्य सफलता प्राप्त करेंगे।

अनावश्यक प्रयास: बैंकिंग परीक्षा के उम्मीदवारों को यह पता होना चाहिए कि बैंकिंग परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग है। इसलिए उन प्रश्नों के उत्तर न दें जिसके सम्बन्ध में आपको पूरा विश्वास नहीं है। यदि आप गलत उत्तर देतें हैं, तो प्रत्येक गलत प्रयास के लिए चौथाई अंक अर्थात .25 अंक आपके प्राप्त अंको से घटा लिए जायेंगे।


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