Directions (1-5) : निम्नलिखित प्रत्येक शब्द के नीचे उसके विलोम स्वरूप चार विकल्प दिए गए हैं। दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प चुनिए।
1. जर्जर
2. आर्द्र
3. ‘अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता’ का अर्थ है-
4. ‘कलेजे पर साँप लोटना’ मुहावरे का अर्थ है-
5. निम्नलिखित में से कौन सा शब्द ‘समुद्र’ का पर्यायवाची शब्द नहीं है
Directions (6-8) निम्नलिखित प्रत्येक वाक्यांश के लिए दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए।
6. ‘युद्ध करने का इच्छुक’
7. ‘जिसका दमन करना कठिन हो’
8. ‘गहरी नींद में सोया हुआ’
Directions(9-15) नीचे दिए गए प्रत्येक परिच्छेद में कुछ रिक्त स्थान छोड़ दिए गए हैं तथा उन्हें प्रश्न संख्या से दर्शाया गया है। ये संख्याएँ परिच्छेद के नीचे मुद्रित हैं, और प्रत्येक के सामने (a), (b), (c), (d) और (e) विकल्प दिए गए हैं। इन पाँचों में से कोई एक इस रिक्त स्थान को पूरे परिच्छेद के संदर्भ में उपयुक्त ढंग से पूरा कर देता है। आपको वह विकल्प ज्ञात करना है और उसका क्रमांक ही उत्तर के रूप में दर्शाना है। आपको दिए गए विकल्पों में से सबसे उपयुक्त का चयन करना है।
विख्यात रुसी लेखक मैक्सिम गोर्की का बाल्यकाल अत्यंत निर्धनता एवं कठिनाइयों में बीता। गोर्की आरंभ से ही पढ़ना चाहते थे, किंतु उनके पिता की इच्छा थी कि वे काम करें। ..(194).. को उनके पिता पैसे की बर्बादी समझते थे। कई बार ऐसा होता था कि गोर्की कुछ पढ़ने लगते और इसी बात पर पिता उन्हें पीटने लगते थे। कुछ समय तक तो गोर्की ने ये सब सहन किया, किंतु पिता के ..(195).. भी उनकी पढ़ने की इच्छा को कम नहीं कर पाए। यह इच्छा जैसे-जैसे बलवती हुई, वैसे-वैसे गोर्की के दिमाग ने पढ़ने की राह ..(196).. शुरू कर दी। उन्होंने कबाड़ी की दुकान पर नौकरी कर ली। चूँकि कबाड़ी की दुकान पर हजारों पुस्तकें आती थीं, सो गोर्की काम से बचे समय में उन्हें पढ़ने बैठ जाते। पिता को लगता कि गोर्की काम करके पैसे कमा रहा है और गोर्की काम के साथ-साथ अपनी पढ़ने की ..(197).. भी पूर्ण कर रहे थे। हालाँकि, आरंभ में बालक गोर्की को किताबों में लिखी बातों को समझने में दिक्कत आई, किंतु कभी कबाड़ी वाले से या फिर दुकान पर आने वाले ग्राहकों से पूछ-पूछकर उन्होंने पहले ..(198).. का, फिर शब्द का और अंत: में अर्थ का ज्ञान प्राप्त कर लिया। फिर एक दिन अपने विचार एक समाचार पत्र में प्रकाशन हेतु भेजे। संपादक से उन्हें बधाई पत्र मिला और विचार प्रकाशित भी हुए। अब तो गोर्की का ..(199).. परवान चढ़ गया, और हम सभी जानते हैं कि कबाड़ी की दुकान पर कार्य करने वाले गोर्की ने एक दिन ‘माँ’ नामक पुस्तक लिखी, जो विश्व की सर्वोत्कृष्ट पुस्तकों में से एक मानी गई और गोर्की संसार में महानतम लेखकों में ..(200).. गए। जब दृढ़ इच्छा शक्ति हो, तो साधनों का अभाव और स्वजनों का सहयोग न मिलने पर भी लक्ष्य की प्राप्ति हो जाती है।
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