प्रिय छात्रों,
आज के समय में बैंकिंग से जुडी परीक्षाओं में ही नहीं बल्कि एसएससी जैसी परीक्षाओं में भी यह महत्वपूर्ण हो गया है कि आप निश्चित समस्या को आसानी से हल करें। इसके लिए आपको प्रश्न के पीछे के मन्तव्य को जानना होगा, इसे ध्यान में रखते हुए हम आपके लिए कुछ महत्वपूर्ण स्टडी नोट्स और तार्किक क्षमता से सम्बन्धित शोर्ट ट्रिक्स लेकर आये हैं, जिससे छात्र कम समय में अधिक प्रश्नों को हल कर सकते हैं (विशेष रूप से बैंकिंग और एसएससी की परीक्षाओं में )| इससे उनके चयन की सम्भावना भी बढ़ जाती है| सभी छात्रों को शुभकामनाएं, बैंकर्स अड्डा के साथ जुड़े रहें
बैंकिंग की परीक्षा में बैठने की व्यवस्था के बारें में या डाटा पर्याप्तता के बारें में प्रश्न पूछे जाते है. मूलतः 10-12 प्रश्न इस विषय से पूछे जाते है, इसलिय यदि आप ठीक से अभ्यास करेंगे तो यह विषय आपके अंको में आसानी से बढ़ोतरी कर सकता है .
परिचय
⇒ बैठने की व्यवस्था विषय में,
मूलतः लोगो
के समूह को दी गयी परिस्थितयो के अनुसार व्यवस्थित करने के प्रश्न पूछे जाते है. वह शायद एक मेज के
चारो ओर बैठे हो सकते है, तथा जिनमे मेज की आकृति कुछ भी जैसे वृताकार, वर्ग, आयताकार, पंचभुजी या अन्य हो सकती है. इस विषय के प्रश्नों
को हल करने के लिये समीकरण में दी गयी जानकारी को आधार बनाया जाता है.
मूलतः लोगो
के समूह को दी गयी परिस्थितयो के अनुसार व्यवस्थित करने के प्रश्न पूछे जाते है. वह शायद एक मेज के
चारो ओर बैठे हो सकते है, तथा जिनमे मेज की आकृति कुछ भी जैसे वृताकार, वर्ग, आयताकार, पंचभुजी या अन्य हो सकती है. इस विषय के प्रश्नों
को हल करने के लिये समीकरण में दी गयी जानकारी को आधार बनाया जाता है.
⇒ यह किसी भी प्रतियोगी परीक्षा के लिए रीजनिंग भाग का सबसे
महत्वपूर्ण भाग है(विशेषतौर पर बैंक पीऔ की परीक्षा के लिए). इस भाग में,
इस विषय
के प्रश्न एक जानकारी के समूह पर आधारित होते है जिनमे परिस्थितियों का समूह होता
है जोकि छुपी हुई जानकारी प्रदान करते है तथा जिनका अनुसरण प्रश्नों का समूह करते
है.
महत्वपूर्ण भाग है(विशेषतौर पर बैंक पीऔ की परीक्षा के लिए). इस भाग में,
इस विषय
के प्रश्न एक जानकारी के समूह पर आधारित होते है जिनमे परिस्थितियों का समूह होता
है जोकि छुपी हुई जानकारी प्रदान करते है तथा जिनका अनुसरण प्रश्नों का समूह करते
है.
⇒ इस तरह के प्रश्न विद्यार्थियों की अध्ययन की योग्यता की
जाँच करता है तथा सचित्र आंकडो की
सहायता से प्रश्नों को हल किया जा सकता है.
जाँच करता है तथा सचित्र आंकडो की
सहायता से प्रश्नों को हल किया जा सकता है.
अवधारणा:
☞ रैखिय व्यवस्था: –
इस व्यवस्था में, या तो केवल
एक रेखा होती है या सामानांतर रेखायें होती है जिनमे प्रत्येक का मुख एक दुसरे की
ओर होता है या एक दुसरे से विपरीत दिशा में होता है..
इस व्यवस्था में, या तो केवल
एक रेखा होती है या सामानांतर रेखायें होती है जिनमे प्रत्येक का मुख एक दुसरे की
ओर होता है या एक दुसरे से विपरीत दिशा में होता है..
(i)
(निर्देश यदि व्यक्तियों का
लोगो का मुख उत्तर की ओर है)
लोगो का मुख उत्तर की ओर है)
(ii)
(निर्देश यदि व्यक्तियों
का मुख दक्षिण की ओर है)
का मुख दक्षिण की ओर है)
(iii)
(निर्देश यदि व्यक्ति
सामानांतर रेखाओ में एक दुसरे की ओर दक्षिण तथा उत्तर में मुख करके बैठे है)
सामानांतर रेखाओ में एक दुसरे की ओर दक्षिण तथा उत्तर में मुख करके बैठे है)
☞ उदाहरण: A, B, C, D,
E, F तथा G एक रेखा में बैठे
है जिनका मुख उत्तर की ओर है.
E, F तथा G एक रेखा में बैठे
है जिनका मुख उत्तर की ओर है.
F, E के ठीक दायें बैठा है.
E, G के दायें से चौथे स्थान पर स्थित है.
C , B
तथा D का पडोसी है.
तथा D का पडोसी है.
वह व्यक्ति जो D के बायें से तीसरे स्थान पर स्थित है वह रेखा के एक
छोर के अंत में स्थित है.
☞ वृताकार व्यवस्था: इस व्यवस्था में, व्यक्ति एक वृताकार मेज
के चारो ओर केंद्र की ओर मुख करके या विपरीत दिशा की ओर मुख करके बैठे होते है.
के चारो ओर केंद्र की ओर मुख करके या विपरीत दिशा की ओर मुख करके बैठे होते है.
(i)
(ii)
(iii)
☞ उदहारण: इब्राहीम, बिट्टू, क्रिस, दिलीप, इला, फैन, गौतम तथा
हेनरी एक गोलाकार अवस्था में
केंद्र की ओर मुख करके बैठे है. दिलीप, फैन के बायें से
दुसरे स्थान पर स्थित है तथा हेनरी के दायें से तीसरे स्थान पर स्थित है. अब्राहम, फेन दायें से दुसरे स्थान पर स्थित है तथा
हेनरी का निकटम पडोसी है. क्रिस, बिट्टू के दायें
से दुसरे स्थान पर है तथा फैन, बिट्टू के दायें से तीसरे स्थान पर है. गौतम, फेन का निकटम पडोसी नहीं है.
हेनरी एक गोलाकार अवस्था में
केंद्र की ओर मुख करके बैठे है. दिलीप, फैन के बायें से
दुसरे स्थान पर स्थित है तथा हेनरी के दायें से तीसरे स्थान पर स्थित है. अब्राहम, फेन दायें से दुसरे स्थान पर स्थित है तथा
हेनरी का निकटम पडोसी है. क्रिस, बिट्टू के दायें
से दुसरे स्थान पर है तथा फैन, बिट्टू के दायें से तीसरे स्थान पर है. गौतम, फेन का निकटम पडोसी नहीं है.
☞ आयताकार/वर्ग वयवस्था: इस व्यवस्था में, व्यक्ति एक आयताकार या
वर्ग अवस्था के चारो ओर केंद्र की ओर मुख करके या विपरीत दिशा में मुख करके बैठे
है.
वर्ग अवस्था के चारो ओर केंद्र की ओर मुख करके या विपरीत दिशा में मुख करके बैठे
है.
(i)
(ii)
(iii)
(वह व्यक्ति जो बीच में बैठे है, उनका मुख केंद्र की ओर है
तथा वह व्यक्ति जो कोने की ओर बैठे है, उनका मुख केंद्र की विपरीत दिशा में है)
तथा वह व्यक्ति जो कोने की ओर बैठे है, उनका मुख केंद्र की विपरीत दिशा में है)
☞ उदाहरण: एक परिवार के आठ सदस्य ध्रुव, गरिमा, अविनाश, वर्षा, आकाश, दीप्ति, चारु तथा मोक्ष एक आयताकार मेज के चारो ओर इस प्रकार बैठे कि
प्रत्येक पक्ष में दो व्यक्ति बैठे है तथा सभी केंद्र की ओर मुख करके बैठे है. सदस्य जो विपरीत
पक्ष में बैठे है वह एक दुसरे की और मुख करके बैठे है.
प्रत्येक पक्ष में दो व्यक्ति बैठे है तथा सभी केंद्र की ओर मुख करके बैठे है. सदस्य जो विपरीत
पक्ष में बैठे है वह एक दुसरे की और मुख करके बैठे है.
(i) आकाश तथा गरिमा एक दुसरे के ठीक विपरीत बैठे है.
(ii) दीप्ति, गरिमा के ठीक दायें बैठी है.
(iii) ध्रुव तथा मोक्ष एक ओर बैठे है.
(iv) मोक्ष, अविनाश के ठीक विपरीत बैठा है जोकि वर्षा के ठीक
बायें बैठे है.
बायें बैठे है.
(v) ध्रुव, दीप्ति के दायीं ओर है.
☞ एकल आयाम: ये
अपेक्षाकृत सीधे और सरल सवाल करते हैं. इस प्रकार के प्रश्नों
में, जानकारी को समरूपता के आधार पर व्यवस्थित किया जाता
है.
अपेक्षाकृत सीधे और सरल सवाल करते हैं. इस प्रकार के प्रश्नों
में, जानकारी को समरूपता के आधार पर व्यवस्थित किया जाता
है.
☞ बहु आयाम: इस प्रकार के प्रश्नों की प्रकृति जटिल होती है. इनमे एक व्यक्ति के बारें में अलग-अलग जानकारी दी
जाती है अर्थात लिंग,स्थान, व्यवसाय, विवाह आदि.
जाती है अर्थात लिंग,स्थान, व्यवसाय, विवाह आदि.
प्रश्नों को हल करते समय महत्वपूर्ण बिन्दुओं को नोट कीजिये:
☞ चरण I: दिए गयी व्यवस्था में कुछ
की स्थिति के बारें में डाटा उपलब्ध होगा या प्रत्येक सभी के बारें में डाटा दिया
जायेगा. इसमें स्थिति के बारे में
जानकारी परिस्थितियों द्वारा निर्दिष्ट
होती है जिनमे व्यक्तियों के बैठने(या न बैठने की), एक दुसरे के विपरीत बैठने या
कोई एक व्यक्ति के दुसरे व्यक्ति के दायें या बायें बैठने आदि की स्थिति को निर्दिष्ट
करती है.
की स्थिति के बारें में डाटा उपलब्ध होगा या प्रत्येक सभी के बारें में डाटा दिया
जायेगा. इसमें स्थिति के बारे में
जानकारी परिस्थितियों द्वारा निर्दिष्ट
होती है जिनमे व्यक्तियों के बैठने(या न बैठने की), एक दुसरे के विपरीत बैठने या
कोई एक व्यक्ति के दुसरे व्यक्ति के दायें या बायें बैठने आदि की स्थिति को निर्दिष्ट
करती है.
☞ चरण II: एक बार आप डाटा को पढ़ते
है, तो सबसे पहले एक आरेख बनाइये (वृत्त, आयत, चतुर्भुज, पंचकोण, आदि) जिससे आप जानकारी को पृथक कर सकेंगे तथा जानकारी को
खाली स्थान को चिन्हित कर सकते है.
है, तो सबसे पहले एक आरेख बनाइये (वृत्त, आयत, चतुर्भुज, पंचकोण, आदि) जिससे आप जानकारी को पृथक कर सकेंगे तथा जानकारी को
खाली स्थान को चिन्हित कर सकते है.
☞ चरण III: प्रत्येक निश्चित जानकारी का प्रयोग करें, रिक्त स्थानों को इसके आधार पर चिन्हित करें. आर्थात हमेशा आरंभिक बिंदु को सही चुनने में सावधानी रखें. वह जानकारी जो निश्चित है उन्हें सबसे पहले प्रयोग
करें.
करें.
☞ चरण IV: किसी भी प्रश्न में अनुमान न लगाइये..
☞ चरण V: उस स्थिति में, यदि जानकारी का उपयोग न हो, तो उस
जानकारी को चिन्हित कीजिये तथा बाद में समस्या आने पर उस जानकारी का प्रयोग कीजिये.
जानकारी को चिन्हित कीजिये तथा बाद में समस्या आने पर उस जानकारी का प्रयोग कीजिये.
☞ चरण VI: अब, तुलनात्मक जानकारी की ओर ध्यान दीजिये. तुलनात्मक जानकारी को लीजिये तथा सभी जानकारी तथा
संभावनाओ की ओर ध्यान दीजिये तथा उन सभी संभावनो का चयन कीजिये जो किसी परिस्थिति
का उलंघन नहीं करती.
संभावनाओ की ओर ध्यान दीजिये तथा उन सभी संभावनो का चयन कीजिये जो किसी परिस्थिति
का उलंघन नहीं करती.
☞ चरण VII: इन सभी शब्दों के प्रति
जागरूक रहे जैसे “नहीं”, “केवल”,
“जो”, “तथा”.
जागरूक रहे जैसे “नहीं”, “केवल”,
“जो”, “तथा”.
☞ चरण VIII: निम्न टर्म लिंग को परिभाषित
करती है जैसे “him”, “her”, “he”,
“she” यह आपकी जानकारी को समझने में सहायता करेंगे.
करती है जैसे “him”, “her”, “he”,
“she” यह आपकी जानकारी को समझने में सहायता करेंगे.
कुछ विशेष प्रकार के कथन:
☞ (1) A, B तथा C के बीच स्थित है
⇒ इस स्थिति में दो संभवाना हो सकती है
☞ A, जोकि B के बायें से दुसरे
स्थान है
स्थान है
☞ A, जोकि B के दायें से तीसरा
है
है
☞ B, A के ठीक बायें बैठा है, जोकि C के ठीक बायें है. |
☞ B, जोकि A के ठीक बायें
बैठा है तथा C के ठीक दायें बैठा है.
बैठा है तथा C के ठीक दायें बैठा है.
☞ B तथा C, A के आसन्न
बैठे है:-
बैठे है:-
इस स्थिति में दो संभावना है
बैठने की व्यवस्था के साथ रक्त सम्बन्ध के साथ उदाहरण:
☞ उदाहरण: J, P, Q, R,
S, T, U तथा V चार विवाहित दम्पति है जोकि गोलाकार अवस्था में केंद्र की
ओर मुख करके बैठे है, समूह में पुरुष सदस्यों का व्यवसाय व्याख्याता, वकील, डॉक्टर और वैज्ञानिक है. निम्न पुरुषो में, केवल R (वकील) तथा V (वैज्ञानिक) साथ में बैठे है. हर पुरुष अपनी पत्नी से साथ बैठा है.
U जोकि व्याख्याता की पत्नी है वह V के दायें से दुसरे स्थान पर बैठे है. T, U तथा V के बीच में बैठा है. P डॉक्टर की पत्नी है. Q डॉक्टर बही है. S पुरुष है.
S, T, U तथा V चार विवाहित दम्पति है जोकि गोलाकार अवस्था में केंद्र की
ओर मुख करके बैठे है, समूह में पुरुष सदस्यों का व्यवसाय व्याख्याता, वकील, डॉक्टर और वैज्ञानिक है. निम्न पुरुषो में, केवल R (वकील) तथा V (वैज्ञानिक) साथ में बैठे है. हर पुरुष अपनी पत्नी से साथ बैठा है.
U जोकि व्याख्याता की पत्नी है वह V के दायें से दुसरे स्थान पर बैठे है. T, U तथा V के बीच में बैठा है. P डॉक्टर की पत्नी है. Q डॉक्टर बही है. S पुरुष है.
महत्वपूर्ण स्मरणीय बिंदु:
☞ (1) जानकारी जैसे “A तथा B एक दुसरे से दूर बैठे है “या” A तथा B मेज के पार बैठे है” का अर्थ है A तथा B एक दुसरे के विपरीत बैठे
है.
है.
☞ (2) यदि ‘दायें’ दर्शाता है तो “घडी की सुइयों के विपरीत दिशा” में जाये तथा यदि ‘बायें’
दर्शाता है तो “घडी की सुइयों के दिशा” में व्यवस्थित कीजिये.
दर्शाता है तो “घडी की सुइयों के दिशा” में व्यवस्थित कीजिये.
☞ (3)कभी कभी प्रश्न दिशा का
स्पष्ट अर्थ की मांग करता है, तो आपको अच्छी तरह से दिशात्मक तथ्यों के प्रति
जागरूक होना होगा.
स्पष्ट अर्थ की मांग करता है, तो आपको अच्छी तरह से दिशात्मक तथ्यों के प्रति
जागरूक होना होगा.
☞ (4) यहाँ संबंध और पीढ़ीगत पेड़
के बारे में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए.
के बारे में कोई भ्रम नहीं होना चाहिए.
☞ (5) कभी कभी बैठने की
व्यवस्था ज्यामिति नियम भी लागू होते है.
व्यवस्था ज्यामिति नियम भी लागू होते है.
☞ उदाहरण: अशोक 90° सीमा
के दायें है, जोकि 45° रूचि के दायें है
के दायें है, जोकि 45° रूचि के दायें है