केंद्रीय बजट : 2017-18
संसद में भारी हंगामे के बीच आज 1 फरवरी 2017 को केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय बजट 2017-18 पेश करना शुरू किया. बजट में घोषित किये गए अब तक के मुख्य बिंदु :-
- विश्व बैंक का अनुमान 2017-18 में वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत तथा 2018-19 में 7.8 प्रतिशत रहेगी
- मार्च 2017 तक मनरेगा के तहत 10 लाख तालाब बना लिए जाएंगे
- मनरेगा का आवंटन बढा़कर 48 हजार करोड़ किया गया
- मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 55 फीसदी तक बढ़ी
- किसानों के हित में मिट्टी के परीक्षण के लिए 100 से ज्यादा अनुसंधान लैब बनाए जाएंगे
- जेटली ने बजट भाषण में कहा, अगले वित्तीय वर्ष में 10 लाख करोड़ होगा किसान ऋण
- इस साल कृषि विकास दर 4.1 फीसदी रहेगी
- सरकार ने महंगाई को काबू करने में सफलता हासिल की
- भारत निर्माण उद्योग में दुनिया के छठे स्थान पर पहुंच गया है
- दलहन के क्षेत्र में उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद
- उच्च शिक्षा की सभी परीक्षाओं के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी बनाई जाएगी, सीबीएसई और अन्य एजेंसियों को मुक्त किया जाएगा
- युवाओं के लिए एक विशेष व्यवस्था की जाएगी जिसमें वे वर्षभर में कितना सीखें इसकी जानकारी दी जाएगी, विशेषकर विज्ञान के क्षेत्र में
- बुजुर्गों के लिए हेल्थ कार्ड
- झारखंड और गुजरात में दो नये AIIMS बनाये जाएंगे
- प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह में 36 प्रतिशत वृद्धि, जनवरी में विदेशी मुद्रा भंडार 361 अरब डॉलर जो 12 महीनों की जरुरत के लिए पर्याप्त
- मई 2018 तक 100 फीसदी गांव का विद्युतीकरण किया जाएगा
- गर्भवती महिलाओं को उनके खातों में दिया जाएगा 6 हजार रुपये
- यूजीसी में सुधार करेगी सरकार
- दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के लिए 2017-18 में 2,814 करोड़ रुपये
- ग्रामीण एवं संबद्ध क्षेत्रों के लिए 2017-18 में 1,87,223 करोड़ रुपये का प्रावधान
- मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत रिण से जुड़ी सब्सिडी योजना की अवधि 15 से बढ़ाकर 20 साल की
- वर्ष 2017-18 में मनरेगा के लिए 48,000 करोड़ रुपये का प्रावधान. 2016-17 में इसके लिए 38,500 करोड़ रुपये रखे गए थे
- 2019 तक एक करोड़ परिवारों को गरीबी से बाहर निकाला जाएगा. 50,000 ग्राम पंचायतों को भी गरीबी मुक्त किया जाएगा
- कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2019 तक 1 करोड़ घर दिये जाएंगे
- चालू खाता घाटा मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में घटकर 0.3 प्रतिशत रहा. पिछले वित्त वर्ष में यह एक प्रतिशत था
- रेल के किराये-भाड़े का निर्धारण लागत, सामाजिक जिम्मेदारी तथा प्रतिस्पर्धा के आधार पर किया जाएगा
- रेल कोच से संबंधित शिकायतों को दूर करने के लिए सरकार का ‘कोच मित्र’ सुविधा का प्रस्ताव
- दूसरी श्रेणी के शहरों में चुनिंदा हवाई अड्डों पर परिचालन शुरू होगा. इनका विकास पीपीपी माडल के तहत होगा
- डेढ़ लाख गावों में ब्रॉडबैंड सेवा पहुंचायी जाएगी
- डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए रेफरल बोनस योजना, कैश बैक योजना शुरू की जाएगी. आधार युक्त भुगतान प्रणाली भी जल्द शुरू होगी
- आरबीआई में भुगतान नियामकीय बोर्ड बनाने का प्रस्ताव
- 2017-18 में 3,500 किलोमीटर नई रेल लाइनों को चालू करने का लक्ष्य. 2016-17 में 2,800 किलोमीटर की लाइनें शुरू की जा रही हैं.
- वरिष्ठ नागरिकों को आठ प्रतिशत गारंटीशुदा रिटर्न के लिए एक योजना
- स्वास्थ्य उपकरणों की लागत कम करने के लिए नए नियम तैयार किए जाएंगे
- इंद्रधनुष योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2017-18 10,000 करोड़ रुपये की शेयर पूंजी उपलब्ध कराई जाएगी
- आदर्श दुकान एवं प्रतिष्ठान विधेयक महिलाओं को रोजगार के अतिरिक्त अवसर देगा
- बैंक मार्च तक 10 लाख POS मशीन लाएंगे
- भीम को बढ़ावा देने के लिए दो नयी स्कीम
- नया PDU ETF लॉन्च किया जाएगा
- इलेक्ट्रानिक विनिर्माण इलेक्ट्रानिक विनिर्माण क्षेत्र में प्रोत्साहन के लिए 2017-18 में 745 करोड रपये का आबंटन
- बैंकों के रिकैपटिलाइजेशन के लिए 1 हजार करोड़ रुपये
- 2017 तक कालाजार, 2018 तक लेप्रोसी, 2020 तक खसरा और 2025 तक टीबी से मुक्त होगा भारत
- 1.5 लाख स्वास्थ्य उपकेंद्रों को स्वास्थ्य वेलनेस केंद्रों में बदला जाएगा
- बजट में फ्लूयोरॉइड और आर्सेनिक प्रभावित 28,000 रिहायशों में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का प्रस्ताव. गांवों में अक्तूबर 2016 तक स्वच्छता का कवरेज 60 प्रतिशत. पहले यह 42 प्रतिशत था, इस प्रकार कुल 18 प्रतिशत की वृद्धि
- प्रधानमंत्री कौशल केंद्रों का 600 जिलों तक विस्तार होगा. 100 अंतरराष्ट्रीय कौशल केंद्र खोले जाएंगे जिससे लोगों को विदेशों में नौकरी में मदद मिलेगी
- सड़कों, हवाई अड्डों तथा अन्य बुनियादी क्षेत्रों के लिए 2017-18 में 2,41,387 करोड़ रुपये का आबंटन
- वर्ष 2017-18 में 25 रेलवे स्टेशनों का पुन: विकास किया जाएगा. 500 स्टेशनों को दिव्यांगों के लिए सुविधाजनक बनाया जाएगा. 7,000 स्टेशनों पर सौर उर्जा की व्यवस्था होगी
- नई मेट्रो रेल नीति की घोषणा करेगी सरकार
- आईसीआरटीसी के जरिये ई टिकट बुकिंग पर सेवा कर समाप्त होगा
- बजट में रेल रक्षा एवं संरक्षा कोष के लिए एक लाख करोड़ रुपये का प्रावधान
- 350 ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के साथ स्वयं प्लेटफार्म का प्रस्ताव
- सरकार ने दो विवर्तनिक नीतिगत फैसले लिए हैं, एक जीएसटी विधेयक और दूसरा नोटबंदी
- वर्ष 2025 तक टीबी समाप्त करने का लक्ष्य
- ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक नियमों में बदलाव का प्रस्ताव
- अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यक समुदाय के लिए 2017-18 में आवंटन 35 प्रतिशत बढ़ाकर 52,393 करोड़ रुपये का प्रावधान
- प्रधानमंत्री ग्राम सडक योजना में प्रतिदिन 133 किलोमीटर सड़क निर्माण. 2011-14 के दौरान औसत सड़क निर्माण 73 किलोमीटर प्रतिदिन था
- रेलवे को केंद्रीय बजट से 2017-18 में 55,000 करोड़ रुपये की सहायता मिलेगी. रेलवे का कुल पूंजीगत निवेश 1.31 लाख करोड़ रुपये रखने का प्रस्ताव
- 2019 तक सभी रेलवे कोच में बायो टॉयलेट बनाने का लक्ष्य
- 2020 तक सभी मानवरहित क्रॉसिंग खत्म किया जाएगा
- 2017-18 में 3 हजार 5 सौ किलोमीटर रेललाइनों का विस्तार किया जाएगा
- 3 साल के लिए वित्तीय घाटे 3 फीसदी का लक्ष्य, इस साल का लक्ष्य 3.2 फीसदी
- वर्ष 2017-18 में कुल 21,47,000 करोड़ रुपये के व्यय का बजट
- दिल्ली और जयपुर में ठोस कचरा प्रबंधन संयंत्र होंगे और पांच अन्य को बाद में स्थापित किया जाएगा
- रक्षा क्षेत्र के लिए 86,484 करोड़ रुपये के पूंजी व्यय सहित कुल 2,74,114 करोड़ रुपये का आबंटन. इसमें पेंशन राशि शामिल नहीं
- वर्ष 2017-18 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 3.2 प्रतिशत तथा 2018-19 में तीन प्रतिशत रखने का लक्ष्य
- हमारी सरकार का ध्यान अर्थव्यवस्था से कालाधन को निकालने पर
- टैक्स नीति और आसान की जाएगी
- राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को 4.11 लाख करोड रपये के संसाधनों का अंतरण
- ओडिशा और राजस्थान में कच्चे तेल के रणनीतिक भंडार स्थापित किए जाएंगे. यह पहले से निर्मित ऐसे तीन भंडारों से अलग होंगे
- अगले वित्त वर्ष में राजस्व घाटा जीडीपी का 1.9 प्रतिशत रहने का अनुमान
- देश से धन लेकर विदेश भाग जाने वाले लोगों की संपत्ति जब्त करने के लिए कानून बनाएगी सरकार
- अब 90 प्रतिशत से अधिक एफडीआई प्रस्तावों को स्वत: मार्ग से मंजूरी दी जा रही है
- सार्वजनिक निजी भागीदारी में बनायी जाने वाली बुनियादी ढांचा योजनाओं से जुड़े विवाद संस्थागत तरीके से हल किए जाएंगे
- सरकार गरीब और निर्दोष निवेशकों के संरक्षण के लिए बहु राज्य सहकारी कानून में संशोधन करेगी15. विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) समाप्त होगा
- घरों के लिए कैपिटल गेन्स टैक्स सीमा घटाकर 3 लाख से 2 लाख की गयी
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स की सीमा बढ़ाकर 2 लाख की गयी
- 50 करोड़ टर्नओवर वाली कंपनियों का इनकम टैक्स घटा
- चालू वित्त वर्ष की तीन तिमाहियों में अग्रिम व्यक्तिगत आयकर भुगतान में 34.8 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि हुई है
- वित्तीय क्षेत्र की साइबर सुरक्षा के लिए कंप्यूटर आपातकाल रिस्पांस टीम बनायी जाएगी
- पिछले साल आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद 30 दिसंबर तक 1.09 करोड़ बैंक खातों में दो लाख रुपये से लेकर 80 लाख रुपये तक की राशि जमा कराई गई. प्रत्येक बैंक खाते में औसतन 5.03 लाख रुपये जमा किए गए.
- 3 लाख से अधिक नकद लेन-देन पर रोक
- टेली-मेडिसन और शिक्षा के प्रसार के लिए डिजि गांव पेश होंगे
- 50 करोड़ रुपये सालाना तक का कारोबार करने वाली कंपनियों पर कंपनी आयकर की दर घटाकर 25 प्रतिशत की गई
- बजट में आवास क्षेत्र के लिए कर में कई रियायतें
- कोई भी राजनीतिक पार्टी 2 हजार से अधिक नकद चंदा नहीं ले सकती
- मुद्रा योजना के तहत वित्त वर्ष 2017-18 में 2.44 लाख करोड़ रुपये वितरण का लक्ष्य
- एलएनजी पर मूल सीमा शुल्क पांच से घटाकर ढाई प्रतिशत किया गया
- सरकार ने तीन लाख रुपये से अधिक के लेनदेन में नकदी के प्रयोग पर पाबंदी की कालेधन पर एसआईटी की सिफारिश को स्वीकार किया. आयकर कानून में इसके लिए संशोधन किया जाएगा
- इलैक्ट्रॉनिक भुगतान के विनियमन के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के तहत ही भुगतान विनियामक बोर्ड का गठन किया जाएगा. यह भुगतान एवं निपटान प्रणाली में नियमन एवं निगरानी बोर्ड का स्थान लेगा
- अचल संपत्ति पर दीर्घावधि के पूंजीगत लाभ कर की तीन साल की अवधि को घटाकर दो साल किया गया. आधार वर्ष एक अप्रैल 1981 से एक अप्रैल 2001 किया गया
- इनकम टैक्स छूट बढा़कर 5 लाख की गयी
- अचल संपत्ति पर दीर्घावधि के पूंजीगत लाभ कर की तीन साल की अवधि को घटाकर दो साल किया गया. आधार वर्ष एक अप्रैल 1981 से एक अप्रैल 2001 किया गया
- छोटी कंपनियों पर कर में कटौती से 7,200 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होगा
- छोटे कारोबारियों के लिए अनुमानित कर देनदारी के लिए कारोबारी सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये की गई
- 2,50,000 रुपये 5,00,000 रुपये तक की सालाना आय पर कर की दर 10 से घटाकर पांच प्रतिशत की गई
- 50,00,000 से एक करोड़ रुपये तक की सालाना आय पर 10 प्रतिशत की दर से अधिभार लगाया जाएगा, इससे सरकार को 2,700 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे
- प्रत्यक्ष कर क्षेत्र में दी गई रियायतों से सरकार को 20,000 करोड़ रुपये के राजस्व का शुद्ध नुकसान
- एक करोड़ रुपये से अधिक की आय पर 15 प्रतिशत का अधिभार बना रहेगा