List of Strongest Passports in the World by October 2025: विश्व के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट की लिस्ट अक्टूबर 2025 तक की लेटेस्ट पासपोर्ट रैंकिंग जारी हो गई है, और इस बार भी सिंगापुर ने फिर से दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट होने का खिताब अपने नाम किया है। सिंगापुर के नागरिकों को 193 देशों में बिना वीज़ा यात्रा की अनुमति मिलती है — जो किसी भी देश के लिए सबसे ज़्यादा है।
यह उपलब्धि न सिर्फ सिंगापुर की मजबूत कूटनीतिक स्थिति को दर्शाती है, बल्कि इसके नागरिकों को मिलने वाली वैश्विक स्वतंत्रता और प्रतिष्ठा को भी दिखाती है।
पासपोर्ट को “मजबूत” क्या बनाता है?
किसी पासपोर्ट की ताकत इस बात पर निर्भर करती है कि उसके धारक को कितने देशों में वीज़ा-फ्री या वीज़ा-ऑन-अराइवल एंट्री मिलती है।
इसके पीछे कई कारक होते हैं —
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देश के कूटनीतिक संबंध
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आर्थिक स्थिरता और वैश्विक प्रभाव
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नागरिकों की सुरक्षा और विश्वसनीयता
जितने ज़्यादा देश वीज़ा-फ्री एंट्री देते हैं, उतना ही शक्तिशाली माना जाता है वह पासपोर्ट।
टॉप 10 सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट 2025
रैंक | देश | वीज़ा-फ्री देशों की संख्या |
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1 | सिंगापुर | 193 |
2 | दक्षिण कोरिया | 190 |
3 | जापान | 189 |
4 | जर्मनी, इटली, स्पेन, स्विट्ज़रलैंड, लक्समबर्ग | 188 |
5 | फ्रांस, नीदरलैंड, बेल्जियम, डेनमार्क, फिनलैंड, आयरलैंड | 187 |
6 | ग्रीस, स्वीडन, न्यूज़ीलैंड, पुर्तगाल | 186 |
7 | ऑस्ट्रेलिया, चेकिया, माल्टा, पोलैंड | 185 |
8 | यूनाइटेड किंगडम, स्लोवेनिया, यूएई | 184 |
9 | कनाडा | 183 |
10 | लातविया | 182 |
भारत की पासपोर्ट रैंकिंग 2025 में
भारत का पासपोर्ट 2025 में 85वें स्थान पर पहुंच गया है, जो पिछले साल के 80वें स्थान से 5 पायदान नीचे है।
भारतीय नागरिकों को अब करीब 60 देशों में वीज़ा-फ्री या वीज़ा-ऑन-अराइवल की सुविधा प्राप्त है।
📊 भारत की रैंकिंग ट्रेंड:
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2006: रैंक 71 (अब तक की सबसे ऊँची)
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2021: रैंक 90 (सबसे कम)
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2024: रैंक 80
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2025: रैंक 85
हालांकि भारत की स्थिति थोड़ी नीचे गई है, लेकिन सरकार नए वीज़ा एग्रीमेंट्स के जरिए अपने नागरिकों की यात्रा सुविधा को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रही है।
अमेरिका और ब्रिटेन की रैंकिंग में गिरावट
कभी शीर्ष स्थान पर रहने वाले अमेरिका और ब्रिटेन अब इस लिस्ट में नीचे खिसक गए हैं।
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अमेरिका (U.S.) अब 12वें स्थान पर है — 180 देशों में वीज़ा-फ्री एंट्री।
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ब्रिटेन (U.K.) 8वें स्थान पर पहुंच गया है — जो उसका अब तक का सबसे निचला स्थान है।
यह गिरावट वैश्विक यात्रा नीतियों में बदलाव और एशियाई देशों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है।
रोचक तथ्य
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सिंगापुर पिछले 10 वर्षों से लगातार टॉप-3 में बना हुआ है।
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एशिया के कई देशों जैसे जापान और दक्षिण कोरिया ने भी शीर्ष स्थान बनाए रखे हैं।
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यूरोप के छोटे देश (लक्समबर्ग, स्विट्ज़रलैंड) मजबूत कूटनीति के चलते टॉप रैंक पर हैं।
अक्टूबर 2025 की रैंकिंग ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि एशिया वैश्विक यात्रा स्वतंत्रता के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। सिंगापुर, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देशों की कूटनीतिक शक्ति ने इन्हें दुनिया के सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट धारक बना दिया है।
वहीं भारत भी लगातार अपने अंतरराष्ट्रीय संबंध मजबूत कर रहा है ताकि उसके नागरिकों को आने वाले वर्षों में और अधिक देशों की वीज़ा-फ्री यात्रा सुविधा मिल सके।