World Organ Donation Day 2022 in Hindi: अंगदान से संबंधित मिथकों को दूर करने और अंगदान के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए प्रत्येक वर्ष 13 अगस्त को विश्व अंगदान दिवस (World Organ Donation Day) मनाया जाता है। यह दिन लोगों को अधिक जीवन बचाने के लिए मृत्यु के बाद अपने स्वस्थ अंगों को दान करने के लिए प्रोत्साहित करने का प्रयास करता है। पुरानी बीमारियों से पीड़ित लोगों को किडनी, हार्ट, अग्न्याशय, आंखें, फेफड़े आदि जैसे अंग दान करने से ऐसे लोगों के जीवन को बचाने में मदद मिल सकती है।
भारत का अपना ‘अंगदान दिवस’ है, जिसे प्रत्येक वर्ष 27 नवंबर को मनाया जाता है। इस अवसर पर सरकार, नागरिकों को स्वेच्छा से अपने अंगों को दान करने और लोगों की जिंदगी बचाने का आह्वान करती है।
World Organ Donation Day 2022: उद्देश्य (Objective)
- स्वस्थ अंगों की अनुपलब्धता (Unavailability of Healthy Organs) के कारण कई लोगों की जान चली जाती है, जिन्हें बचाया जा सकता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को यह महसूस करने में मदद करना है कि मृत्यु के बाद स्वेच्छा अपने अंग दान करने से कई लोगों के लिए जीवन बदल सकता है।
- अंग दान की ज़रुरत के बारे में लोगों को जागरुक करना।
- पूरे देश में अंग दान के संदेश को फैलाना।
- अंग दान करने के बारे में लोगों की हिचकिचाहट को हटाना।
- अंग दाता का आभार प्रकट करना।
- अपने जीवन में अंग दान करने के लिये और लोगों को प्रोत्साहित करना।
World Organ Donation Day 2022: इतिहास (History)
- आधुनिक चिकित्सा ने एक शख्स से दूसरे शख्स में अंगों को प्रत्यारोपित करना संभव बना दिया है। पहला सफल जीवित दाता अंग प्रत्यारोपण सन् 1954 में संयुक्त राज्य अमेरिका में किया गया था। डॉक्टर जोसेफ मरे ने 1990 में जुड़वां भाइयों रोनाल्ड और रिचर्ड हेरिक के बीच किडनी ट्रांसप्लांट को सफलतापूर्वक करने के लिए फिजियोलॉजी और मेडिसिन में नोबेल पुरस्कार जीता।
World Organ Donation Day 2022: थीम/विषय (Theme)
- विश्व अंग दान दिवस 2022 की थीम/विषय “आइए अंग दान करने और जीवन बचाने का संकल्प लें (Let’s pledge to donate organs and save lives)” है। यह दिवस अंगों को दान करने की आवश्यकता पर जागरूकता बढ़ाने और दाताओं को उनके जीवन रक्षक योगदान के लिए धन्यवाद देने के लिए मनाया जाता है।
World Organ Donation Day 2022: महत्व (Significance)
- एक रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी समय किसी व्यक्ति के मुख्य क्रियाशील अंग के ख़राब हो जाने की वजह से प्रतिवर्ष कम से कम 5 लाख से ज्यादा भारतीयों की मौत हो जाती है। वे अभी भी जीना चाहते हैं क्योंकि वे अपने जीवन से संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन प्राकृतिक संकट की वजह से वे ऐसा कर नहीं पाते। अंग प्रतिरोपण, उन्हें उम्मीद से ज्यादा सुंदर जीवन जीने में एक बड़ी भूमिका अदा कर सकता है। अंग प्रतिरोपित व्यक्ति के जीवन में अंग दान करने वाला व्यक्ति एक ईश्वर की भूमिका निभाता है। अपने अच्छे क्रियाशील अंगों को दान करके कोई अंग दाता 8 से ज्यादा जीवन को बचा सकता है। अंग दान दिवस हमें एक बेहतरीन मौका देता है कि, हम दूसरों के जीवन का उत्थान करने के लिए अपने बहुमूल्य अंगों को दान करने का संकल्प लें।
अंगदान के प्रकार (Types Of Organ Donation)
1. जीवित अंगदान: जीवित अंगदान, ऐसे डोनर के साथ किए जाते हैं जो जीवित होते हैं और अपने अंगों जैसे एक किडनी या लिवर का एक हिस्सा को डोनेट कर सकते हैं। इंसान एक किडनी के साथ जीवित रह सकता है और लिवर ही सिर्फ़ एक मात्र ऐसा शरीर का अंग है जो ख़ुद को फिर से पैदा करने के लिए जाना जाता है।
2. मृतक का अंगदान: ऐसे अंगदान को शव दान कहां जाता है। इस प्रक्रिया में डोनर की मौत के बाद उसके स्वस्थ अंगों को किसी जीवित शख्स में प्रत्यारोपित किए जाते हैं।
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