बजट हर साल आता है. पूरे देश को बजट आने का इंतज़ार रहता है और बजट आने पर यह बड़ी चर्चा का विषय बन जाता है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या है बजट? और हम पर इसका इतना प्रभाव क्यों है?
क्या होता है बजट ?
भारत के संविधान में कहीं भी ‘बजट’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है, लेकिन अनुच्छेद 112 में भारत के केन्द्रीय बजट को वार्षिक वित्तीय विवरण या एनुअल फाइनेंशियल स्टेटमेंट कहा गया है. यही भारतीय गणराज्य का वार्षिक बजट होता है, जिसे बोलचाल की भाषा में आम बजट कहा जाता है. इसे प्रत्येक वर्ष फरवरी के पहले कार्य-दिवस को भारत के वित्त मंत्री द्वारा संसद में पेश किया जाता है. दरअसल बजट में अनुमानित प्राप्तियों और खर्चों का उस साल के लिए सरकार का विस्तृत ब्योरा लिखा जाता है. बजट डॉकेट में करीब 16 दस्तावेज होते हैं, इसमें बजट भाषण होता है। इसके अलावा प्रत्येक मंत्रालय के खर्च प्रस्तावों का विस्तृत ब्योरा होता है. साथ यह रकम कहां से आएगी, इसके प्रस्ताव भी बजट में बताए जाते हैं.
कब आयेगा बजट 2020?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को बजट (Union Budget 2020) पेश करेंगी. संसद का बजट सत्र (Budget Session) 31 जनवरी 2020 से शुरू हो रहा है. बजट सत्र का पहला चरण 31 जनवरी से 11 फरवरी 2020 तक होगा. नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्णकालिक बजट होगा.
क्या है ‘हलवा रस्म’
बजट को अंतिम रूप देने से कुछ दिन पहले वित्त मंत्रालय में एक बड़ी कढ़ाई में हलवा बनाया जाता है. हर साल होने वाले इस कार्यक्रम के लिए नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्री खुद भी भाग लेते हैं. हिन्दू परम्परा के अनुसार हलवे को काफी शुभ माना जाता है और शुभ काम की शुरुआत भी मीठे से की जाती है. इसीलिए हलवा रस्म के दौरान वित्तमंत्री समेत वित्त मंत्रालय के कर्मचारियों को हलवा बांटा जाता है.
ऐसी परंपरा है कि बजट छपाई का काम शुरू होने से पहले बजट तैयार करने की प्रक्रिया से प्रत्यक्ष तौर पर जुड़े मंत्रालय के अधिकारियों को हलवा समारोह के बाद मंत्रालय में ही रहना पड़ता है. बजट बनाने में शामिल होने वाले मंत्रालय के कर्मचारी दस दिनों तक घर-परिवार, दुनिया से दूर हो जाते हैं, वर्ष 1980 से नार्थ ब्लाक के बेसमेंट में बजट छापने का काम किया जा रहा है. इस प्रक्रिया में इस्तेमाल होने वाले सभी कंप्यूटर्स को दूसरे नेटवर्क से डीलिंक कर दिया जाता है. उन्हें फोन या ईमेल के जरिये भी किसी से संपर्क करने की अनुमति नहीं दी जाती है.
क्या होता है संसद में बजट पेश किए जाने के बाद ?
बजट भाषण के पढ़े जाने के बाद बजट उपायों पर एक आम चर्चा होती है. बहस में हिस्सा लेने वाले सदस्य बजट के प्रस्तावों और नीतियों पर चर्चा करते हैं. इस दौरान विभागों की स्थायी समितियां मंत्रालयों के अनुमानित खर्चों का विस्तार से अध्ययन करती हैं, इन्हें डिमांड्स फॉर ग्रांट्स (अनुदान मांग) कहा जाता है.