नेहा(पटना,बिहार)
यूनियन
बैंक ऑफ़ इंडिया(पीओ)
बैंक ऑफ़ इंडिया(पीओ)
(उन शुरुआती दिनों में सुबह और देर रात की मेहनत का सुनहरा फल)
मेरी यात्रा जून 2014 में शुरू हुई, जब मैंने बीकॉमस्ट्रीम
से अपनीस्नातक की पढाईपूरी की. मेरी भी भारत के शीर्ष 20 एमबीए(MBA) कॉलेजों में से एक में अध्ययन करने का सपना था. मैंने उन कॉलेजों मे
प्रवेश के लिए तीन बार प्रयास किया लेकिन उनमें से किसी में भी प्रवेश नहीं ले
पायी.तब मुझे यह एहसास हुआकि मेरेजीवन के लगभग दो वर्ष बीतने के बाद भी मेरे हाथ
में कुछ भी नही है और मैं अभी भी एक बेरोजगार स्नातक हूँ.
से अपनीस्नातक की पढाईपूरी की. मेरी भी भारत के शीर्ष 20 एमबीए(MBA) कॉलेजों में से एक में अध्ययन करने का सपना था. मैंने उन कॉलेजों मे
प्रवेश के लिए तीन बार प्रयास किया लेकिन उनमें से किसी में भी प्रवेश नहीं ले
पायी.तब मुझे यह एहसास हुआकि मेरेजीवन के लगभग दो वर्ष बीतने के बाद भी मेरे हाथ
में कुछ भी नही है और मैं अभी भी एक बेरोजगार स्नातक हूँ.
यह कहा
गया है की “एक लक्ष्य स्मार्ट(SMART)होना चाहिए” जहां R का अर्थ “यथार्थवादी” से है. हो
सकता है कि मैंने एक ऐसा लक्ष्य चुना जो अवास्तविक थी उसमे कोईयथार्थवाद नही था और
मेरी क्षमता से बाहर था जो मुझे बार-बार निराश कर रहा था.
गया है की “एक लक्ष्य स्मार्ट(SMART)होना चाहिए” जहां R का अर्थ “यथार्थवादी” से है. हो
सकता है कि मैंने एक ऐसा लक्ष्य चुना जो अवास्तविक थी उसमे कोईयथार्थवाद नही था और
मेरी क्षमता से बाहर था जो मुझे बार-बार निराश कर रहा था.
“कभी-कभी हम अपने सपने
के रास्ते में खो जाते हैं परअंततः अपनी मंजिल को ढूढ़ ही लेते हैं”. मेरे साथ
भी कुछ ऐसा ही हुआ मैं अपने सपने में खो गई थी लेकिन रास्ते को ढूढ नही पा रही थी.बाद में मेरे भैया ने मेरा मार्गदर्शन किया
उन्होंने मुझे आईबीपीएस(IBPS–2015)2015 परीक्षा में भाग लेने के लिए कहा. मैंने उनकी बात को मान कर परीक्षा में
भाग लियालेकिन मैं इसकी मुख्य परीक्षा को 5 अंकों से हासिल नही कर सकी. मुझे पता
था कि मैंने कहा गलती की है वह गलती मेरी GENERAL AWARENESS(GA)अनुभाग था. मुझे नहीं पता था कि GA कैसे सुधारा जाए लेकिन मैंBA, SWAPNIL, SONAM औरBHAIYA(भाईया)को इसके लिए धन्यवादकरती हूँकि मैंने इस बार
GA में उच्चतम अंक अर्जित कियेऔर आईबीपीएस पीओ को पास कर सकी.
के रास्ते में खो जाते हैं परअंततः अपनी मंजिल को ढूढ़ ही लेते हैं”. मेरे साथ
भी कुछ ऐसा ही हुआ मैं अपने सपने में खो गई थी लेकिन रास्ते को ढूढ नही पा रही थी.बाद में मेरे भैया ने मेरा मार्गदर्शन किया
उन्होंने मुझे आईबीपीएस(IBPS–2015)2015 परीक्षा में भाग लेने के लिए कहा. मैंने उनकी बात को मान कर परीक्षा में
भाग लियालेकिन मैं इसकी मुख्य परीक्षा को 5 अंकों से हासिल नही कर सकी. मुझे पता
था कि मैंने कहा गलती की है वह गलती मेरी GENERAL AWARENESS(GA)अनुभाग था. मुझे नहीं पता था कि GA कैसे सुधारा जाए लेकिन मैंBA, SWAPNIL, SONAM औरBHAIYA(भाईया)को इसके लिए धन्यवादकरती हूँकि मैंने इस बार
GA में उच्चतम अंक अर्जित कियेऔर आईबीपीएस पीओ को पास कर सकी.
प्रिय दोस्तों, हमारी तैयारी के दौरान का समय जीवन का सबसे
कठिन समय होता है जिसमें हमे समस्याओं से निदान पाना और विफलता के डर से तो लड़ना
ही होता हैं लेकिन उससे भी बड़ी समस्या किसी अवसर के 0.5 अंक से छुट जाना है
और इसे जीवन के किसी मोड़ पर याद करके पछताना है, अपने माता-पिता के आकांक्षाओं को
पूरा करने के सपने देखना है और परीक्षा के फॉर्म को फिल करने के लिए 600 रुपयें मांगना
होता हैं. इसके साथ ही-बेटा अभी क्या कर रहे हो ? का जबाब देना सबसे बड़े संकट
का पल होता हैं. क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे आसान काम क्या है? दुनिया का सबसे आसान काम––अध्ययन करना है. लेकिन
इसके लिए मेरी यह सलाह है कि – “विश्व की क्षणिक कल्पनाओं की कल्पना करना
छोड़े और अपने ध्यान को अपने लक्ष्य
पर केंद्रित करते हुए लगातार अध्ययन करें।”
कठिन समय होता है जिसमें हमे समस्याओं से निदान पाना और विफलता के डर से तो लड़ना
ही होता हैं लेकिन उससे भी बड़ी समस्या किसी अवसर के 0.5 अंक से छुट जाना है
और इसे जीवन के किसी मोड़ पर याद करके पछताना है, अपने माता-पिता के आकांक्षाओं को
पूरा करने के सपने देखना है और परीक्षा के फॉर्म को फिल करने के लिए 600 रुपयें मांगना
होता हैं. इसके साथ ही-बेटा अभी क्या कर रहे हो ? का जबाब देना सबसे बड़े संकट
का पल होता हैं. क्या आप जानते हैं कि दुनिया का सबसे आसान काम क्या है? दुनिया का सबसे आसान काम––अध्ययन करना है. लेकिन
इसके लिए मेरी यह सलाह है कि – “विश्व की क्षणिक कल्पनाओं की कल्पना करना
छोड़े और अपने ध्यान को अपने लक्ष्य
पर केंद्रित करते हुए लगातार अध्ययन करें।”
हमेशा याद रखें! हर किसी के पास जीवन में अपनी समस्याएं हैं, परन्तु जो लोग अपनी उन
समस्याएं के सामने झुकते नहीं वे ही सफल होते हैं.
समस्याएं के सामने झुकते नहीं वे ही सफल होते हैं.
जब भी आपको अपना लक्ष्य छोड़ने का मन करे तो अपने उन माता-पिता के
बारे में सोचिए, जो अपने जीवन के दो दशकों से भी अधिक समय आपको एक आरामदायक जीवन
प्रदान करने के लिए कितने दुःख और दर्द सहते है तथा आपके नौकरी न लगने पर आपके आस-पास
के पड़ोसियों से उन्हें कितनी आलोचनाएँ सुननी पड़ी होगी. ये भी आप याद रखे यदि आपके सपने
है, तो आप ही इसे प्राप्त कर सकते है कोई दूसरा नही. ये कुछ यादृच्छिक समस्याओं का उल्लेख नहीं है जो मैंने उल्लेख किया
है। ये वे समस्याएं हैं जिसका मुझे सामना करना पड़ा था और आपको भी करना पड़ेगा अगर
आप अपना कोई सपना पूरा करना चाहते है. तो ये सब होने के बावजूद, अगर मैं कर सकता हूं, तो कोई भी कर सकता
है!
बारे में सोचिए, जो अपने जीवन के दो दशकों से भी अधिक समय आपको एक आरामदायक जीवन
प्रदान करने के लिए कितने दुःख और दर्द सहते है तथा आपके नौकरी न लगने पर आपके आस-पास
के पड़ोसियों से उन्हें कितनी आलोचनाएँ सुननी पड़ी होगी. ये भी आप याद रखे यदि आपके सपने
है, तो आप ही इसे प्राप्त कर सकते है कोई दूसरा नही. ये कुछ यादृच्छिक समस्याओं का उल्लेख नहीं है जो मैंने उल्लेख किया
है। ये वे समस्याएं हैं जिसका मुझे सामना करना पड़ा था और आपको भी करना पड़ेगा अगर
आप अपना कोई सपना पूरा करना चाहते है. तो ये सब होने के बावजूद, अगर मैं कर सकता हूं, तो कोई भी कर सकता
है!
यह सिर्फ मेरी यात्रा थी, मेरी सफलता उस माता
से सबंधित है जिसने अपनी सारी इच्छाओं को इस लिए छोड़ दिया ताकि उसकी लाड़ली बेटी
जीवन की कोई भी बाधाओं को सफलता पूर्वक सामना करने के लिए योग्य बन सके . यह सफलता उस पिता से सबंधित है जिसने
एक सरल जीवन का नेतृत्व करते थे, केवल यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसका परिवार आरामदायक जीवन जी सके. यह
उन अध्यापकों- शशि सर और सैलेश सर से संबंधित है, जिनके पास हमेशा अपने
छात्र के लिए समय था. यह सफलता उस भाई की है जो एक भाई से बढकर एक पिता की तरह है, जो मेरे सबसे कठिन
समय के दौरान हमेशा मेरे लिए समय निकालता था और मेरे पर विश्वास बनाये रखा और मेरे
सम्बन्धी जैसे- मामा जी, अमन भाईया, गुनित और सोनम से है जिन्होंने
मुझपर अपना विश्वास बनाए रखे.
से सबंधित है जिसने अपनी सारी इच्छाओं को इस लिए छोड़ दिया ताकि उसकी लाड़ली बेटी
जीवन की कोई भी बाधाओं को सफलता पूर्वक सामना करने के लिए योग्य बन सके . यह सफलता उस पिता से सबंधित है जिसने
एक सरल जीवन का नेतृत्व करते थे, केवल यह सुनिश्चित करने के लिए कि उसका परिवार आरामदायक जीवन जी सके. यह
उन अध्यापकों- शशि सर और सैलेश सर से संबंधित है, जिनके पास हमेशा अपने
छात्र के लिए समय था. यह सफलता उस भाई की है जो एक भाई से बढकर एक पिता की तरह है, जो मेरे सबसे कठिन
समय के दौरान हमेशा मेरे लिए समय निकालता था और मेरे पर विश्वास बनाये रखा और मेरे
सम्बन्धी जैसे- मामा जी, अमन भाईया, गुनित और सोनम से है जिन्होंने
मुझपर अपना विश्वास बनाए रखे.
P.S. – “सफल होने के लिए आपका ध्यान इतनी तीव्र होना चाहिए कि लोग आपको
पागल कहना शुरू कर दे और जब वे ऐसा कहते हैं, तो बस आप मुस्कुराए और
कहें-
पागल कहना शुरू कर दे और जब वे ऐसा कहते हैं, तो बस आप मुस्कुराए और
कहें-
“ हमारी
खुशियों में
खुशियों में
पागलपन
के लक्षण हैं
के लक्षण हैं
हमें
पागल ही रहने दो
पागल ही रहने दो
हम पागल
ही अच्छे हैं ”
ही अच्छे हैं ”
“आप
हमेशा पाने के लिए ललाईत रहे और लोगों की नजरो में मुर्ख बने रहें“
हमेशा पाने के लिए ललाईत रहे और लोगों की नजरो में मुर्ख बने रहें“
– स्टीव जॉब्स
All the very best to all the aspirants for their forthcoming exams!
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