प्रत्येक वर्ष 21 सितंबर को विश्व शांति दिवस मनाया जाता है. दुनिया भर में शांति कायम करने के मकसद से यह दिन मनाया जाता है. आज के समय में पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुयी है. ज्यादातर देश एक दूसरे को आँख दिखने में लगे हुए हैं. ऐसे में इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है.
विश्व शांति दिवस की शुरुआत
इसकी शुरुआत शांति 1981 में संयुक्त राष्ट्र अमेरिका ने की थी. तब से दुनिया भर में शांति बनाये रखने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं. दुनिया भर में शांति कमी की जा सके इसलिए संयुक्त राष्ट्र ने साहित्य, कला, सिनेमा, संगीत और खेल जगत जैसे कई क्षेत्रों में प्रसिद्ध हस्तियों को शांतिदूत बनाया है.
आजकल दुनिया भर के बहुत से देश एक-दूसरे के दुश्मन बन गए हैं. समय के साथ इन देशों के बीच युद्ध का खतरा भी मंडराने लगा है. कई देश आतंकवाद या अन्य अनेक प्रयासों से अपने दुश्मन देश को नुकसान पहुँचाना चाहते हैं. ऐसी परिस्थिति में विश्व शांति दिवस का महत्त्व बढ़ जाता है. जिसे हम सभी देशों को मिल कर मनना चाहिए और विपरीत परिस्थितियों में लागू लगाने का प्रयास करना चाहिए. दुनिया भर में सफेद कबूतर को शांतिदूत माना जाता है. इसलिए इस दिन सफेद कबूतरों को उड़ाने की भी परंपरा है.
अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस 2019 का थीम
अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस 2019 का विषय “क्लाइमेट एक्शन फ़ॉर पीस” है। यह विषय दुनिया भर में शांति की रक्षा और बढ़ावा देने के लिए जलवायु परिवर्तन से निपटने की आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित करता है।
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यह विषय क्यों?
यूनाइटेड नेशन ने इस विषय को चुना क्योंकि जलवायु परिवर्तन, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा और शांति के लिए बहुत बड़ा खतरा है। यूनाइटेड नेशन के अनुसार, जलवायु के खिलाफ कार्रवाई करके ही शांति हासिल की जा सकती है। शांति से संबंधित कुछ समस्याएं हैं, जो शांति की अवधारणा को खतरे में डाल रही हैं :
- प्राकृतिक आपदाओं के मामले संघर्ष पैदा करते हैं, लाखों लोगों को नए घरों और सुरक्षा खोजने के लिए मजबूर करते हैं।
- इसके परिणामस्वरूप पानी की कमी हो जाती है, जिससे खाद्य सुरक्षा को खतरा होता है, जिससे मानव का स्वास्थ्य खराब होता है।
- संसाधनों पर बढ़ते तनाव और लोगों के जन आंदोलन से हर देश में बड़ी संख्या में लोग प्रभावित हो रहे हैं।
इस विषय के पीछे उद्देश्य
संयुक्त राष्ट्र के सचिव ने, न केवल संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश के लिए एक संकल्प की है, बल्कि अन्य देशों को भी दुनिया भर के जलवायु में सुधार के लिए प्रेरित किया है। उनके अनुसार 2050 तक कार्बन न्यूट्रैलिटी तक पहुंचने के लिए दुनिया भर के देशों को इस दिशा में ध्यान देना होगा। इसमें 4 प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान दिया गया है:
- लोगों प्रदूषण कर लेना चाहिए।
- जीवाश्म ईंधन पर सब्सिडी रोक दी जानी चाहिए क्योंकि वे प्रदूषण पैदा कर रहे हैं।
- कोयला संयंत्रों को रोका जाना चाहिए।
- ग्रे इकोनॉमी के अलावा, ग्रीन इकोनॉमी पर ज्यादा फोकस करने की जरूरत है।
Concluding बिंदु
प्रत्येक मानव, विश्व जलवायु के समाधान का एक हिस्सा है। लाइट बंद करने से लेकर सार्वजनिक परिवहन तक, मनुष्यों द्वारा अपने समुदाय में जागरूकता बढ़ाने के अभियान शुरू करने चाहिए. तभी हम एक बेहतर भविष्य का निर्माण कर सकते है।