ऑपरेशन सिंदूर के बाद बड़ा झटका: भारत ने मार गिराया पाकिस्तानी F-16 जेट
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। भारतीय वायु रक्षा प्रणाली ने जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर के पास एक पाकिस्तानी F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया है। यह कार्रवाई ऐसे समय पर हुई जब पाकिस्तान ने भारत पर जवाबी हमला करने की कोशिश की, जो कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए नौ आतंकी ठिकानों पर हमलों के बाद सामने आया है।
✈️ दो जेट्स बने निशाना?
कुछ सूत्रों के मुताबिक, एक JF-17 थंडर फाइटर जेट को भी भारतीय ‘आकाश मिसाइल सिस्टम’ द्वारा टारगेट किया गया है। हालाँकि, अभी तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। F-16 को गिराए जाने की पुष्टि अनौपचारिक तौर पर सुरक्षा एजेंसियों से मिली है, और कहा जा रहा है कि पायलट को इजेक्ट होने का मौका तक नहीं मिला।
पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई हुई नाकाम
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने:
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बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय
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मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा का बेस
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मुझफ्फराबाद और कोटली में आतंकियों के लॉन्च पैड्स पर हमला किया।
इन स्ट्राइक्स के बाद पाकिस्तान द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश की गई, लेकिन भारत की एडवांस एयर डिफेंस तैयारियों ने उसे नाकाम कर दिया।
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पाकिस्तानी F-16: इतिहास और विवाद
पाकिस्तान ने सबसे पहले 1983 में अमेरिका से F-16 फाइटर जेट खरीदे थे। ये जेट्स “Peace Gate Program” के तहत Cold War के दौर में मिले थे। हालांकि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के कारण कई बार इन जेट्स की सप्लाई रोकी गई।
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F-16 Block 50/52+ वर्जन में एडवांस रडार (APG-68) और AIM-120 मिसाइल शामिल हैं।
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एंड-यूज़ एग्रीमेंट के तहत पाकिस्तान इन जेट्स का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं कर सकता, लेकिन बार-बार इसका उल्लंघन हुआ है।
⚔️ भारत का जवाब: राफेल बनाम F-16
तुलना | F-16 फाइटर जेट | राफेल |
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जनरेशन | चौथी पीढ़ी | 4.5 पीढ़ी |
इंजन | सिंगल इंजन | ट्विन इंजन |
रडार | APG-83 AESA | Thales RBE2 AESA |
हथियार | AIM-120 AMRAAM | Meteor, SCALP, HAMMER |
ऑपरेशनल रेंज | अधिक | कम पर अधिक पेलोड कैपेसिटी |
इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम | सीमित | SPECTRA – श्रेष्ठ जामिंग और सुरक्षा |
राजनीतिक और सार्वजनिक प्रतिक्रिया
देशभर में सोशल मीडिया पर पीड़ितों के परिवार और रक्षा विशेषज्ञों ने भारत की इस निर्णायक कार्रवाई की प्रशंसा की है।
क्या कहती हैं सुरक्षा एजेंसियाँ?
हालांकि अब तक रक्षा मंत्रालय या सेना की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन रक्षा विश्लेषकों का कहना है कि:
“यह कार्रवाई केवल प्रतिशोध नहीं, बल्कि एक चेतावनी है – भारत अब चुप नहीं रहेगा।”
आगे क्या? – बढ़ती हुई निगरानी और सतर्कता
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एलओसी के पास हाई अलर्ट
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IAF बेसों पर युद्ध स्तर की तैयारियाँ
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विदेश मंत्रालय द्वारा डिप्लोमैटिक ब्रीफिंग की संभावना