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PM Cares Vs PM National Relief Fund : जानिए क्या है PM-CARES और PMNRF और इनके बीच अंतर

PM Cares Vs PM National Relief Fund : जानिए क्या है PM-CARES और PMNRF और इनके बीच अंतर | Latest Hindi Banking jobs_2.1


How different is the PM CARES Fund from the PM’s National Relief Fund? 

इस समय देश में कोरोना संकट के बीच देश में पीएम केयर्स फंड और प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष को लेकर विवाद है, इन दोनों को लेकर लोग confused है कि आखिर क्या है इन दोनों के बीच फर्क? आपके  इन्हीं प्रश्नों का  जवाब इस लेख के माध्यम से हम यहाँ देंगे. PM CARES Fund का फुल फॉर्म प्रधानमंत्री के नागरिक सहायता और आपातकालीन स्थिति में राहत या Prime Minister’s Citizens Assistance and Relief in Emergency Situations है. जैसा की आप इसके नाम से ही समझ गए होंगे, कि किसी आपातकाल के दौरान स्थितियों को संभालने के लिए फंड बनाया गया है. पीएम केयर्स फंड की शुरुआत अभी COVID 19 संकट के दौरान  28 मार्च 2020 की गई थी, जिसमें 45 दिनों के भीतर हजारों करोड़ रुपये का योगदान मिला.  

पीएम केयर्स फंड का प्रबंधन या मैनेज कैसे किया जाता है?

भारत के प्रधान मंत्री फंड का नेतृत्व करते हैं और फंड की देखभाल करने वाले अन्य तीन ट्रस्टी हैं. ये ट्रस्टी वित्त मंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री हैं.
PM CARES कोष में योगदान को कर से मुक्त किया गया है क्योंकि यह राष्ट्र के प्रति व्यक्ति की सामाजिक जिम्मेदारी है. न केवल भारत के व्यक्तियों और संगठनों, बल्कि कोष ने भी अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से दान और योगदान का स्वागत किया है. इसके अलावा, योगदान करने वाले सभी अंशों को विदेशी अंशदान अधिनियम 2010 के अनुसार कर से मुक्त रखा गया है.
इससे पहले, केंद्र सरकार ने पिछले दिनों केरल में आई प्राकृतिक आपदा के दौरान ऐसे विदेशी योगदानों से इनकार कर दिया था. लेकिन ऐसा लगता है कि केंद्र तैयार हो रहा है और अब तक की सबसे बड़ी समस्याओं से लड़ने के लिए अपनी क्षमता का विस्तार कर रहा है जो कि इस महामारी के रूप में अभी हमारे सामने है. इसलिए, देश में प्रचलित स्थितियों से निपटने में अधिक मात्रा में योगदान मददगार हो सकता है.

क्या है प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष?

अब यह प्रश्न – what is Prime Minister National Relief Fund? लोगों को बहुत परेशान कर रहा हैं. और जब देश में पहले से प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष था तो  PM Cares Fund को क्यों बनाया गया? तो जानते हैं क्या है प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष – 
प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष या PMNRF वर्ष 1948 में उन शरणार्थियों की मदद के लिए बनाया गया था जो भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत वापस आ रहे थे. अब, राहत कोष का उपयोग प्राकृतिक आपदा की स्थिति के दौरान लोगों की मदद करने के लिए किया जाता है, या ऐसे लोगों को चिकित्सा राहत देने के लिए किया जाता है जो बड़ी दुर्घटनाओं या दंगों में घायल हो गए हैं, यहां तक कि एसिड हमलों जैसे मुद्दों पर भी pradhan mantri rahat kosh का प्रयोग किया  जाता है.
इससे पहले, इस फंड में कई ट्रस्टी थे जैसे कि वित्त मंत्री, टाटा ट्रस्टी, राष्ट्रपति और कई अन्य. लेकिन वर्ष 1985 में इसकी पूरी जिम्मेदारी पूरी तरह से प्रधानमंत्री को प्रदान की गई.

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दिसंबर 2019 तक, PMNRF में 3,800 करोड़ रुपये शेष थे, इसके बाद नया फण्ड क्यों बनाया गया? यह प्रश्न विपक्ष सरकार से पूछ रही है. इस मुद्दे को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को घेरने का प्रयास कर रही है.  खैर, इस सवाल का जवाब देने के लिए एक प्रमुख बिंदु यह हो सकता है कि वर्तमान महामारी की स्थिति ने पूरी दुनिया को हिला दिया है. भारत की भी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से ठप पड़ी है ऐसे में यह फंड इस मुश्किल स्थिति से लड़ने के लिए आर्थिक रूप से मजबूत होना बहुत आवश्यक था और शायद इसी लिए इस नए फंड का निर्माण विशेष तौर से कोरोना महामारी से जूझने के लिए किया  गया है. 

इसके आलावा राज्यों के अपने मुख्यमंत्री राहत कोष भी है, पर जब किसी प्रदेश में बढ़ी आपदा आती है और प्रदेश सरकार के पास उस आपदा से निपटने के लिए पर्याप्त पैसा मुख्यमंत्री राहत कोष में नहीं होता तो उसे  प्रधान मंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से मदद दी जाती है. हाल ही में चक्रवाती तूफान अम्फान से हुई तबाही से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने 1,000 करोड़ रुपये की राशि बंगाल सरकार को मदद के  रूप में दी थी.  

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The Controversy :  विवाद

केवल 45 दिनों में, पीएम केयर्स फंड को अलग-अलग व्यक्तियों के साथ-साथ बड़ी मात्रा में समूहों से दान मिल रहा था. नाना पाटेकर, अजय देवगन, कार्तिक आर्यन अक्षय कुमार और कई अन्य बॉलीवुड अभिनेताओं ने निधि को बड़ी मात्रा में योगदान दिया है.  इसी तरह, रक्षा, रेलवे और समाज के अन्य क्षेत्रों के कर्मचारियों ने भी धनराशि दान की है. रिलायंस और टाटा जैसी बड़ी कंपनियों ने फंड की दिशा में बड़ा योगदान दिया है. कुल मिलाकर, केवल 45 दिनों में फंड में बड़ी राशि पीएम केयर्स डाली गई है.
अब बड़ा विवाद यह है कि जो अधिकारी PM CARES के फंड का प्रबंधन करते हैं, वे फंड में शेष राशि की कोई गणना करने में सक्षम नहीं हैं. इसके अलावा, यह स्पष्ट नहीं है कि योगदान आरटीआई अधिनियम के तहत है या नहीं. ऐसे कई सवाल विपक्ष ने खड़े किये हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने इस प्रकाश में अधिकारियों को निधि में उपलब्ध कुल राशि के बारे में 30 दिनों में उचित जानकारी प्रदान करने का आदेश दिया है, जहां से योगदान आया है और वे स्थान जहां राशि का उपयोग किया गया है
यद्यपि अब तक 30 दिनों के नोटिस के बाद भी, अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कोई जवाब नहीं दिया है, वर्तमान में स्वतंत्र लेखा परीक्षकोंके समूह (group of independent auditors)  को PM CARES के फंड का ऑडिट करने के लिए रखा गया है.

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Frequently Asked Questions

Q1. Who heads the PM CARES Fund?
Answer: The Prime Minister of India heads the PM CARES Fund.
Q2. Who administers the PMNRF?
Answer: The PMNRF is administered by an independent auditor who is not a part of the Government.
Q3. How does PMNRF help?
Answer: PMNRF helps in providing medical help to people who suffer in major accidents, riots, and similar other incidents. 
Q4. How much balance does PM CARES have?
Answer: It is yet to be disclosed by the authorities about the balance in the PM CARES fund. 
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