HINDI DIWAS 2020 : देश भर में आज हिंदी दिवस मनाया जा रहा है, दफ्तरों में हिंदी दिवस के इस अवसर पर प्रतियोगिताएं की जारी हैं, कुछ Online हैं, तो कुछ Offline…सभी अपने कौशल और ज्ञान से अपनी रचनाएँ, लेख या कविताएँ पढ़ते हैं, सुनाते हैं, और अपनी भाषा ‘हिंदी’ का आनन्द उठाते हैं. और अपने इसी कौशल के साथ हमारे सहयोगी नारायण सिंह ने एक बहुत सुन्दर कविता का लेखन किया है, आप भी इस कविता का आनन्द उठायें…
हिंदी दिवस
पर ‘हिंदी
भाषा’ का आभार व्यक्त करने हुए एक कविता
शीर्षक “हिंदी भाषा का आभार”
परतंत्रता की
बेड़ियों से मुक्ति दिलवायी, राष्ट्रभाषा हिंदी ने,
‘क’ से ‘क्रांति’
की मशालों को जलाया, राष्ट्रभाषा हिंदी ने,
‘ख’ से ‘खादी’ को
अपना, अंग्रेजों को भगाया राष्ट्रभाषा हिंदी ने,
‘ग’ से ‘गरिमा’
देश की उत्पन्न कर दी फिर से, राष्ट्रभाषा हिंदी ने,
‘घ’ से ‘घुटनों’
पर था दुश्मन, हुँकार मारी जब हिंदी ने,
परतंत्रता की
बेड़ियों से मुक्ति दिलवायी, राष्ट्रभाषा हिंदी ने ….
हर भाव की
अभिव्यक्ति को, हृदय तक पहुँचाया साहित्य भाषा हिंदी ने,
‘च’ से ‘चंचलता’
की किरणों को सजाया हिंदी ने,
‘छ’ से ‘छम-छम’
नचाया, मंत्रमुग्ध भाषा हिंदी ने,
‘ज’ से ‘जन-जन’
की अभिव्यक्ति को, व्यक्त कर दिया मातृभाषा हिंदी ने,
‘झ’ से
‘झिल-मिल’, ‘झ’ से ‘झरना’, ‘झ’ से ‘झंडा’ हिंदी में,
हर भाव की
अभिव्यक्ति को, हृदय तक पहुँचाया हिंदी ने……
राष्ट्र का गौरव
बढ़ाया, राजभाषा हिंदी ने,
‘ट’ से टकरावों
को मिटाया, राजभाषा हिंदी ने,
‘ठ’ से ‘ठप्पा’
एकता का लगाया, मातृभाषा भाषा हिंदी ने,
‘ड’ से ‘डंका’
विश्व में, बजवाया वैश्विक भाषा हिंदी ने,
‘ढ’ से ‘ढिंढोरा’
अस्मिता का, पिटवाया भाषा हिंदी ने,
राष्ट्र का गौरव
बढ़ाया, राजभाषा हिंदी ने……..
देश की अखंडता का
परचम फहराया, संपर्क-भाषा हिंदी ने,
‘त’ से
‘तेजस्विता’ से बात करना, सिखलाया सरल भाषा हिंदी ने,
‘थ’ से ‘थकावट’
को भगाया, बोल मधुर, जन-जन की भाषा हिंदी में,
‘द’ से ‘दामन’
थाम गैरों को भी, अपनाया मृदु भाषा हिंदी ने,
‘ध’ से ‘ध्वनि’
प्रेम की सुनवाई, मन-मन की भाषा हिंदी ने,
‘न’ से नफरत को मिटाकर,
सद्भाव का बिगुल बजाय हिंदी ने,
देश की अखंडता का
परचम फहराया, संपर्क-भाषा हिंदी ने….
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