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जल्द हो सकते हैं बड़े बैंक मर्जर: “विकसित भारत विजन 2047” के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में होगा मेगा विस्तार

सरकार का मिशन: दो भारतीय बैंक होंगे दुनिया के टॉप 20 बैंकों में शामिल

भारत सरकार ने PSB Manthan 2025 सम्मेलन के दौरान विकसित भारत विजन 2047 के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSBs) को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का ब्लूप्रिंट पेश किया है।

इस विजन का मुख्य उद्देश्य है — भारत को 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाना और कम से कम दो भारतीय बैंकों को विश्व के शीर्ष 20 बैंकों में शामिल करना।

बड़े बैंकों का मर्जर प्लान: IOB, Central Bank और BoM का हो सकता है विलय

सरकार छोटे सार्वजनिक बैंकों जैसे इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) को बड़े बैंकों — स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), पंजाब नेशनल बैंक (PNB), और बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) — के साथ मर्ज करने पर विचार कर रही है।

यह प्रक्रिया वित्त वर्ष 2027 (FY27) तक पूरी हो सकती है। फिलहाल यह प्रस्ताव कैबिनेट स्तर पर विचाराधीन है और अंतिम समीक्षा प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) द्वारा की जाएगी।

विकसित भारत विजन 2047 का उद्देश्य

सरकार की यह योजना सिर्फ बैंक मर्जर तक सीमित नहीं है। इसका मकसद है —

  • बैंकों को सिर्फ स्टेबिलिटी-केंद्रित संस्थान नहीं, बल्कि विकास और नवाचार के केंद्र बनाना।
  • बड़े बैलेंस शीट और वैश्विक उपस्थिति के साथ ग्लोबल कम्पेटिटिव बैंकों का निर्माण।
  • MSME, कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे पारंपरिक क्षेत्रों के साथ-साथ
    ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, डिजिटल टेक्नोलॉजी, सेमीकंडक्टर और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे नए उद्योगों को बढ़ावा देना।

सुधारों की नई दिशा: डिजिटल और गवर्नेंस ट्रांसफॉर्मेशन

वित्त मंत्रालय के अनुसार, सरकार अब बैंकों में निम्नलिखित सुधारों पर जोर दे रही है:

  • कॉर्पोरेट गवर्नेंस और ऑटोनॉमी को मजबूत करना।
  • AI और Big Data आधारित डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन।
  • साइबर सुरक्षा और जोखिम प्रबंधन में सुधार।
  • वर्कफोर्स अपस्किलिंग और ग्राहक-केंद्रित सेवाओं पर ध्यान।

ग्राहकों और अर्थव्यवस्था को होगा लाभ

इस मेगा बैंकिंग रिफॉर्म के कई फायदे होंगे —

  • ग्राहकों को बेहतर डिजिटल और ग्रामीण बैंकिंग सेवाएं मिलेंगी।
  • वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
  • भारतीय बैंकों की वैश्विक पहचान और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी।
  • बैंकिंग सेक्टर में जोखिम प्रबंधन और नियामक अनुपालन मजबूत होगा।

चुनौतियां भी कम नहीं

बड़ी योजना के साथ बड़ी चुनौतियां भी हैं —

  • विभिन्न बैंकों के टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म और मानव संसाधन का एकीकरण आसान नहीं होगा।
  • मर्जर के बाद प्रशासनिक समन्वय और कार्य-संस्कृति में बदलाव जरूरी होगा।
  • सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि ग्राहक सेवाओं की गुणवत्ता प्रभावित न हो।

2047 तक विकसित भारत की ओर

अगर यह मर्जर और सुधार योजना तय समय पर पूरी हो जाती है, तो भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक
डिजिटल रूप से सशक्त, वित्तीय रूप से मजबूत और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी संस्थान बन सकते हैं।

यह कदम भारत को 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में निर्णायक भूमिका निभाएगा।

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FAQs

विकसित भारत विजन 2047" क्या है?

यह भारत सरकार की दीर्घकालिक योजना है जिसका उद्देश्य 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है।

किन बैंकों का मर्जर प्रस्तावित है?

इंडियन ओवरसीज बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को क्रमशः PNB, BOB और SBI जैसे बड़े बैंकों में मर्ज करने पर विचार किया जा रहा है।

इस योजना से आम ग्राहकों को क्या लाभ होगा?

ग्राहकों को बेहतर डिजिटल सेवाएं, व्यापक शाखा नेटवर्क और अधिक वित्तीय सुरक्षा मिलेगी।

यह योजना कब तक लागू होगी?

सरकार का लक्ष्य है कि यह बैंक मर्जर और सुधार प्रक्रिया वित्त वर्ष 2027 (FY27) तक पूरी की जाए।

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