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गोवेर्धन पूजा : इसे मनाने का उद्देश्य

गोवेर्धन पूजा : इसे मनाने का उद्देश्य | Latest Hindi Banking jobs_2.1

दिवाली पूजा के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है। इसे हिंदू धर्म में दिवाली उत्सव में शुभ और महत्वपूर्ण दिनों में से एक माना जाता है। देश के कुछ हिस्सों में इसे ‘पड़वा’ या ‘वर्शापतिप्रदा’ के नाम से भी जाना जाता है। यह दिन पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और बिहार राज्य में लोकप्रिय रूप से मनाया जाता है। Adda247 सभी को इस पर्व की हार्दिक शुभकामनायें देता है।

गोवर्धन पूजा क्यों की जाती है?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्रज के लोग बारिश प्रदान करने के लिए भगवान इंद्र की पूजा करते थे। इंद्रा की पूजा होती थी इस पर इंद्रा को बहुत घमंड हो गया था जिसे तोड़ने के लिए विष्णु के अवतार श्री कृष्ण ने वनों की पूजा का समर्थन किया। ऐसा करने से इंद्रा को क्रोध आ गया और उन्होंने ब्रज में भयंकर बारिश करवा दी, मूसलाधार बारिश से बचने के लिए सबने कृष्ण से मदद मागीं, तब 8 वर्षीया भगवान् कृष्ण ने गोवर्धन उठा लिया और उसके नीचे सभी लोगों से शरण ली। अंत में हार मान कर इंद्रा ने क्षमा मांगी और तभी से गोवर्धन पूजा प्रतिवर्ष मनाई जाती है।

गोवर्धन पूजा में लोग क्या करते हैं?

इस त्योहार को अन्नकूट, भोजन के पहाड़ के रूप में भी जाना जाता है। लोग भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं और उनके लिए 56 प्रकार के भोजन तैयार करते हैं।

इस दिन ब्रज के गोवेर्धन पर भव्य पूजन का आयोजन किया जाता है जिसमें हजारों लोग एकत्रित होअते हैं, अन्य जगहों में इस दिन गोबर से भगवान् गोवेर्धन का स्वरूप बनाया जाता है और उनकी पूजा करते हैं और उनके लिए तरह तरह के पकवान बनाते हैं और अर्पित करते हैं। अलग-अलग जगहों में इसे मानाने के तरीके अलग हैं और पकवान भी अलग-अलग क्षेत्रों के अनुसार बदल जाते हैं।

गोवेर्धन पूजा का उद्देश्य 

गोवेर्धन वास्तव में एक पहाड़ है, जिसकी पूजा करके यह सन्देश दिया  जाता है कि हमें प्राकृतिक संसाधनों का सम्मान और संरक्षण करना चाहिए, हमें अपने स्वार्थ के लिए उनको नष्ट नहीं करना चाहिए। आज के युग में इस सन्देश का  महत्त्व और भी बढ़ गया है, आज के  समय में यह पूजा और प्रासंगिक हो गई है। हजारों वर्ष पहले अवतरित भगवान् श्री कृष्ण ने तब प्रकृति का महत्त्व समझा और उसके प्रति श्रद्धा को बढ़ावा देने के लिए इस पूजा की शुरुआत की। जिससे हमें सीख लेनी चाहिए और प्रकृति को नुकसान नहीं पहुँचाना चाहिए।

हम आपके आगामी अवसरों के लिए शुभकामनाएँ देते हैं। इस दिवाली  भगवान कृष्ण, समृद्धि और ज्ञान की वर्षा करें। आप सभी को दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनाएँ।

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