corona vaccine latest update? #Remdesivir
COVID 19 से पूरी दुनिया जूझ रही है यह अब तक में मानव इतिहास में सबसे बढ़ी महामारियों में से एक हैं. इस समय पूरी दुनिया इस खतरनाक बिमारी से लड़ने का कोई कारगर उपाय खोज रही है. दुनिया भर के शोधकर्ता इस Corona Vaccine बनाने का प्रयास कर रहे हैं. देश में कई दवाओं को लेकर टेस्टिंग की जा रही है, कुछ की क्लिनिकल ट्रायल की परमिशन भी मिल गई है. ऐसे ही अन्य देशों में भी शोध किये जा रहे हैं. अमेरिकन यूनिवर्सिटीज में भी दो-तीन दवाओं की टेस्टिंग की जा रही है. कुछ दवाओं के शुरूआती नतीजे भी पॉजिटिव आये हैं. पर अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है, जिससे यह कहा जा सके कि हमने Corona Vaccine बनाने में कामयाबी पा ली है. पर इतना तो है कि इन तमाम मेडिसिन ने उम्मीद जगाई है, जिनके डोज कोरोना वायरस के मरीजों को दिए जा रहे हैं और कुछ सकारात्मक परिणाम भी देखने को मिले हैं. इस लेख के माध्यम से हम उन्हीं वैक्सीन की बात करेंगे, जिनपर दुनिया की निगाहें टिकी हुयी हैं.
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रेमडेसिवियर (Remdesivir) के तीसरे फेज में पॉजिटिव रिजल्ट्स
कोरोना मरीज की रिकवरी में Remdesivir एक अहम् भूमिका निभा सकती है, जिसके तीसरे फेज के ट्रायल में भी पॉजिटिव रिजल्ट आये, जिसके बाद पूरी दुनियां की निगायें इस समय इस पर टिकी हुयी हैं. यह कोरोना की लड़ाई में अब तक की सबसे प्रभावी दवा बताई जा रही है. कैलिफोर्निया की दवा कंपनी गिलीड साइंसेज ने इस दवा का ट्रायल किया था. इस दावा से रिकवरी 5 दिनों के भीतर होने लगती है. Remdesivir की खोज इबोला के इलाज के लिए की गई थी. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह शरीर के अन्दर वायरस को क्लोन बनाने से रोक देता है.
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Antiviral drug Favipiravir का ट्रायल
देश में COVID-19 रोगियों पर antiviral drug Favipiravir के ट्रायल की परमिशन मुंबई के ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स को मिल गई है. जिसके बाद इस दवा का clinical trials शुरू कर दिया गया है. drug Favipiravir को coronavirus infection का संभावित उपचार माना जा रहा है. Drug Controller General of India ने इसके clinical trials को मंजूरी दे दी थी. ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स कंपनी ने कहा कि उसने इस दवा के लिए API खुद तैयार किया है. इसके अलावा दवा का फॉम्युलेशन भी तैयार करने का दावा किया है. इसका ट्रायल शुरुआत में 150 कोरोना मरीजों पर किया जायेगा. जिसमें सामान्य से क्रिटिकल कंडिशन वाले सभी तरह के मरीज होंगे. इस दावा का ट्रायल अधिकतम 28 दिन तक किया जायेगा.
BCG कॉन्सेप्ट
कोरोना से जूझने के लिए नए-नए ट्रायल किये जा रहे हैं, जिसमें से एक दवा BCG यानी Bacillus Calmette-Guerin है. यह टीबी(ट्यूबरक्यूलोसिस) की मेडिसिन है. महाराष्ट्र के मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट (MED) के साथ मिलकर अमेरिका के हॉफकिन रिसर्च इंस्टिट्यूट के वैज्ञानिक TB की इस दावा का ट्रायल करने के लिए तैयार हैं.
किया गया Gimsilumab का ट्रायल-
कोरोना वायरस का प्रभाव, फेफड़ों में सबसे अधिक पड़ता है. इसी बात को टारगेट करते हुए अमेरिका के टेंपल यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी Gimsilumab का टेस्ट कोरोना प्रभावित मरीजों पर करना शुरू कर दिया है. शुरुआत में इस दवा का नॉन-क्लिनिकल ट्रायल दो बार हो चुका है, और अभी तक के टेस्ट के अनुसार यह दवा सेफ है.
इन दवाओं के आलावा भी दुनिया भर में विभिन्न दवाओं और तरीकों पर रिसर्च चल रही है. भारत में प्लाज्मा थेरपी का भी ट्रायल चल रहा है. ऐसे ही अमेरिका की एयरवे थेरेपॉटिक्स कंपनी AT-100 प्रोटीन नाम की दवा का परिक्षण कर रही है. तियाना लाइफ साइंसेज TZLS-501 नाम की मोनोक्लोनल एंटीबॉडी बना रही है, भारत में भोपाल में माइक्रोबैक्टीरियम-डब्ल्यू (MW) का परिक्षण हो रहा है. OYA1 नाम के ड्रग का टेस्ट OyaGen ने ने शुरू किया है. BPI-002 नाम के मॉलिक्यूल एजेंट पर BeyondSpring काम कर रही है. इसके साथ Hydroxychloroquine पर भी रिसर्च चल रही है.
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हम जानते हैं कि अभी तक कोई ठोंस इलाज नहीं है पर उम्मीद है कि जल्द ही हमें सफलता मिलेगी और दुनिया को इस वायरस से छुटकारा मिलेगा. और तब तक हमें ऐसे ही social distancing बनाए रखना चाहिए और धैर्य से काम लेना चाहिए.
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