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विमुद्रिकर्ण से टेकअवेज़: दीर्घकालिक लक्ष्य

भारतीय अर्थव्यवस्था में विमुद्रीकरण एक बड़ा कदम था जिसमे 500रु और 1000रु के नोट बंद कर दिए गए और उनके स्थान पर 500रु और 2000रु के नए नोट शुरू किये गए. हाल ही की परीक्षाओं में विमुद्रीकरण से प्रश्न पूछे गए थे, और आने वाली परीक्षाओं में इस प्रकार के प्रश्नों का सामना करने के लिए आपको तैयार रहना होगा. विमुद्रीकरण के सन्दर्भ में अपने ज्ञान और विश्लेषण के बारे में विश्लेषणात्मक सोच को बढ़ाएं  5 टेकअवेयस: विमुद्रीकरण के दीर्घकालिक लक्ष्य.
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लंबे समय के लिए काली अर्थव्यवस्था को रोकना
भारत में एक बड़ी काली अर्थव्यवस्था है, जिसपर सरकार कर नहीं लगा सकती है और यह काले या बेहिसाब धन को नियंत्रित करने में एक बड़ा कदम है.

प्रत्येक नागरिक के लिए बैंक खाता सुनिश्चित करना
विमुद्रीकरण ने प्रत्येक भारतीय नागरिक को बैंक में खाता खुलवाने के लिए मजबूर किया और सरकार यही चाहती है. यदि किसी व्यक्ति के पास अपना बैंक खाता नहीं है तो उन सभी को एक बैंक खाता खोलने के लिए मजबूर किया गया था जिससे वे अपनई पुरानी मुद्रा को बैंक में जमा करवा सके.

नकली नोटों पर सर्जिकल स्ट्राइक 
जाली या नकली मुद्रा किसी देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है. हालांकि, अब नकली नोट्स को सिस्टम से हटा दिया गया है और नए नकली नोट बनाने में भुत मुसीबतों का सामना करना होगा

डिजिटल-युग की ओर एक कदम, कम-कैश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
कम-नकद अर्थव्यवस्था जिसे प्रधान मंत्री द्वारा गढ़ा गया है, जिसमे क्रेडिट कार्ड, ऑनलाइन भुगतान प्रणाली को बढ़ावा दिया जाएगा. यह सिर्फ नागरिकों के लिए सुविधाजनक नहीं है, बल्कि सरकार के लिए भी मोनिटर है. ऑनलाइन लेनदेन को आसानी से ट्रैक किया और उसका पता लगाया जा सकता है.

भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
काले धन की एक अच्छी रकम सफेद अर्थव्यवस्था में अपना रास्ता बनायेगी और यह केवल भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा. परिणामस्वरूप सिस्टम में नकली नोट बंद हो जायेंगे और रूपये का मूल्य बढेगा.ऑनलाइन उद्योग को भी बहुत बड़ा बढ़ावा मिला है.