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उठो, जागो और लक्ष्य प्राप्ति तक रुको मत

Adda247 के साथ Bankersadda, SSCadda, Ctetadda की पूरी टीम की ओर से आप सभी को उल्लासपूर्ण राष्ट्रीय युवा दिवस की बहुत बहुत शुभकामनाएं।

एक विचार लो उस विचार को अपना जीवन बना लो – उसके बारे में सोचो उसके सपने देखो, उस विचार को जियो अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, शरीर के हर हिस्से को उस विचार में डूब जाने दो, और बाकी सभी विचार को किनारे रख दो यही सफल होने का तरीका है।” – स्वामी विवेकानंद

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राष्ट्रीय युवा दिवस (युवा दिवस या स्वामी विवेकानंद जयंती) सम्पूर्ण भारत वर्ष में बेहद उल्लास, उत्साह और प्रफुल्लता के साथ प्रतिवर्ष 12 जनवरी को मनाया जाता है. यह दिवस, आधुनिक भारत के निर्माता, स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. भारत सरकार द्वारा 1984 में स्वामी विवेकानंद जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई थी.

स्वामी विवेकानंद जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का उददेश्य एक बेहतर भारत का निर्माण करना और युवाओं को, स्वामी विवेकानंद के विचारों और जीवन के तरीकों से प्रेरित करना है. आप इस देश के युवा हैं, आप ऊर्जा और उत्साह हैं, आप भारत के भविष्य हैं. हमारे देश में आपकी समृद्धि सिर्फ आपकीनहीं है, यदि बड़े दृष्टिकोण से देखें तो वास्तव में यह भारत की प्रगति है.

शक्ति जीवन है, निर्बलता मृत्यु है. विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है. प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है…

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स्वामी विवेकानंद एक भारतीय संत थे जो 19वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी स्वामी रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे. कलकत्ता के एक कुलीन बंगाली परिवार में जन्मे, विवेकानंद का झुकाव आध्यात्मिकता की ओर था. उनकी शिक्षाओं और उपदेशों ने लोगों और जनसामान्य में एक सकारात्मकता का संचार किया. उन्होंने प्राचीन महान भारतीय मेधा का महत्व पुनः स्थापित करते हुए गुलामी की जंजीरों में जकड़े भारतीय समाज को झकझोर कर आध्यात्मिक रूप से जागृत किया. स्वामी विवेकानंद युवाओं को विशेष रूप से संबोधित करते थे और इसीलिए वो भारत समेत विश्व के करोड़ों युवाओं के आदर्श और प्रेरणास्रोत हैं. 

स्वामी विवेकानंद ने कहा था, “सफल होने के लिए, आपमें जबरदस्त दृढ़ता, जबरदस्त इच्छा होनी चाहिए। एक समय में एक काम करो, और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ। तुम्हें सफलता अवश्य मिलेगी” 

“सच्ची सफलता और आनंद का सबसे बड़ा रहस्य यह है: वह पुरुष या स्त्री जो बदले में कुछ नहीं मांगता, पूर्ण रूप से निस्स्वार्थ व्यक्ति, सबसे सफल है “. एक अभ्यर्थी या उम्मीदवार के रूप में, आपका कठिन परिश्रम ही आपको आपके लक्ष्य तक ले जाएगा और ये लक्ष्य ही आपके उस परिश्रम का फल है. एक परीक्षा से पहले मामूली कट-ऑफ के बारे में न सोचें. आपको यह नहीं सोचना चाहिए कि ‘मैं इस खंड में 12-13 प्रश्न आसानी से कर सकता हूँ और इस तरह मैं सुरक्षित हूँ” यह निश्चित रूप से सही दृष्टिकोण नहीं है, शायद यह एक बाधा है जो कि आपको अंतिम चरण में सीट प्राप्त करने से रोके हुए है.

उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये. अपना सर्वश्रेष्ठ करें, खुद से सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए जितनी आवश्यकता है उतना अभ्यास करें, चाहे बैंकिंग हो या एसएससी या फिर सीटेट, हर जगह गलाकाट प्रतिस्पर्धा है; सफल होने के लिए आपको अपनी कमजोरियों का विश्लेषण करना होगा और उनसे पार पाना होगा, साथ ही अपनी कमजोरियों को सुधार कर उन्हें अपनी मजबूती बनाना होगा. जीवन की हर परीक्षा में एक योजना के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ देने का लक्ष्य बनायें. लक्ष्य के लिए केन्द्रित रहें. स्वामी विवेकानंद कहते थे – “मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान हैं. जब वो केन्द्रित होती हैं, चमक उठती हैं.”

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