बिहार शिक्षा विभाग ने BPSC TRE 4.0 प्रक्रिया को तेज़ मोड पर डाल दिया है। राज्य के सभी ज़िलों को सिर्फ 7 दिनों के भीतर अपडेटेड और पूरी तरह वेरिफाइड शिक्षक रिक्तियों का डेटा भेजने का निर्देश दिया गया है। इसमें प्रत्येक पद को आरक्षण रोस्टर से मिलान करना अनिवार्य है, ताकि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले सभी विवरण पूरी तरह सटीक हों। लक्ष्य है— स्पीड, पारदर्शिता और क्लीन डेटा।
बिहार सरकार ने वैकेंसी लिस्ट जमा करने के लिए 7 दिन की सख्त डेडलाइन दी
अपर मुख्य सचिव के आदेश के बाद सभी ज़िलों में हलचल तेज़ हो गई है। इस बार सरकार पूरी तरह सही, रोस्टर-मैच की गई और त्रुटि-मुक्त वैकेंसी लिस्ट चाहती है। पहले जिलों द्वारा भेजे गए डेटा में कई गड़बड़ियां थीं, जिसके कारण विभाग को फिर से डेटा माँगना पड़ा।
अब तक सिर्फ 7 जिलों ने ही रोस्टर-क्लियर वैकेंसी भेजी है, जिससे राज्य स्तर पर गंभीर चिंता बढ़ गई है।
सरकार 7 दिनों में क्या चाहती है?
- सभी जिलों से अपडेटेड शिक्षक वैकेंसी लिस्ट
- हर पद का आरक्षण रोस्टर से मिलान
- पहले भेजे गए गलत या अधूरे डेटा की सुधारित सूची
- पूरी तरह वेरिफाइड डेटा, ताकि TRE-4 नोटिफिकेशन में देरी न हो

जिलों को वैकेंसी वेरीफिकेशन के लिए क्या-क्या पूरा करना होगा?
भर्ती के दौरान भ्रम से बचने के लिए जिलों को कई स्तर पर जाँच पूरी करके ही अंतिम सूची भेजनी होगी। इसके लिए प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा निदेशकों को ज़िला स्तर पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
जिन बिंदुओं पर जिलों को वेरिफिकेशन करना है:
- स्वीकृत पद बनाम वास्तविक रिक्तियां
- आरक्षण रोस्टर के अनुसार सीटों का मिलान
- लंबित मामले जैसे:
-
अनुकंपा नियुक्ति
-
क्लेरिकल त्रुटियां
-
नए सृजित पद जिन्हें अपडेट नहीं किया गया
-
- डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट द्वारा रोस्टर पदों की मंजूरी
₹2654 करोड़ के उपयोगिता प्रमाणपत्र (UCs) का बड़ा बैकलॉग हटाना सरकार की प्राथमिकता
वैकेंसी वेरिफिकेशन के साथ, सरकार ने वित्तीय प्रगति की भी समीक्षा की। सबसे बड़ा मुद्दा है— स्कूल विकास कार्यों से जुड़े लंबित उपयोगिता प्रमाणपत्र (UCs)।
| श्रेणी | राशि |
|---|---|
| कुल आवंटित धन | ₹5111 करोड़ |
| जमा UC | ₹2454 करोड़ |
| लंबित UC | ₹2654 करोड़ |
लंबित UCs जिन कार्यों से जुड़े हैं:
- हाई स्कूल बिल्डिंग
- मध्य एवं प्राथमिक विद्यालय अपग्रेडेशन
- नए क्लासरूम
- लाइब्रेरी भवन
- कंप्यूटर लैब
- बाउंड्री वॉल
- अन्य आधारभूत संरचनाएं
बेगूसराय, मधुबनी, सीवान, भागलपुर, नालंदा, सुपौल, कटिहार, पश्चिम चंपारण सहित कई ज़िलों में अभी UC लंबित हैं। इन ज़िलों में कैंप लगाकर प्रक्रिया तेज़ की जाएगी।
इसका BPSC TRE 4.0 पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
TRE-4 की टाइमलाइन पूरी तरह इस पर निर्भर है कि जिले कितनी तेज़ी से यह काम पूरा करते हैं। सटीक और रोस्टर-मैच डेटा मिलने के बाद ही BPSC अंतिम वैकेंसी चार्ट जारी कर पाएगा।
संभावित असर:
- TRE-4 का आधिकारिक नोटिफिकेशन जल्दी जारी होगा
- विषयवार और श्रेणीवार सीटों का साफ़ वितरण
- पारदर्शिता बढ़ेगी, विवाद कम होंगे
- जिले समय पर डेटा भेजते हैं तो भर्ती समय पर शुरू होगी
- देरी होने पर पूरी टाइमलाइन आगे बढ़ सकती है
BPSC TRE-4 तैयारी तेज़: आगे क्या होगा?
जैसे ही सभी जिलों से फाइनल और वेरिफाइड डेटा मिल जाएगा, BPSC अगली प्रक्रियाएं शुरू कर देगा।
उम्मीदवार जल्द ही क्या उम्मीद कर सकते हैं:
- TRE-4 का विज्ञापन जारी होना
- ज़िला-वार और विषय-वार वैकेंसी चार्ट
- श्रेणीवार सीट आवंटन की अंतिम सूची
- भर्ती प्रक्रिया के अगले चरण शुरू
शिक्षा विभाग ने साफ़ कर दिया है कि हर जिले को डेडलाइन का पालन करना ही होगा, वरना TRE-4 में देरी तय है।



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