हेलो दोस्तों,
नाम – रविकांत पाण्डेय,
मध्यप्रदेश के रीवा से
2011 में बी फार्मा और 2013 में एमबीए करने के बाद मैंने एमआर के रूप में सेल्स की नौकरी ज्वाइन की लेकिन ज्वाइनिंग के बाद मैंने पाया कि कि सेल्स और ये नौकरी मेरे लिए नहीं है जहाँ मुझे उचित पारिश्रमिक, मेरी सोसाइटी में सम्मान और नौकरी की संतुष्टि नहीं मिल सकती. मैं बहुत भ्रमित था कि मैं क्या करू और क्या नहीं. नौकरी के ढेढ़ साल बाद मैं इस्तीफ़ा दे दिया और बैंक की तैयारी करने की सोची लेकिन इसमें एक और मुश्किल मेरी उम्र थी.
जब मैंने बैंकिंग की तैयारी करने का निर्णय लिया, मैं 28 वर्ष का था (12वीं के बाद पीएमटी की तैयारी में 3 साल ड्राप किया था). सामान्य वर्ग का उम्मीदवार होने के नाते मैं केवल बैंक पीओ पद के लिए योग्य था क्लर्क के लिए नहीं. पिछले पीएमटी असफलता की वजह से यह एक जोखिम भरा फैसला था. लेकिन मैंने तैयारी का निर्णय लिया और एक प्रसिद्ध कोचिंग संस्थान में शामिल हो गया. इसी बीच मेरे छोटा भाई अप्रैल 2014 में आईबीपीएस क्लर्क पास कर इंडियन बैंक ज्वाइन कर चुका था जिससे मुझे सरकारी नौकरियों के लिए बढ़ने के लिए प्रोत्साहन मिला लेकिन 2015 में एसबीआई पीओ में और 2016 में आईबीपीएस पीओ में कुछ अंकों से फेल होने के बाद मुझे निराशा हुई.
पीओ परीक्षा के लिए आईबीपीएस पीओ 2016 मेरा अंतिम प्रयास (आयु के कारण) था और इसमें असफलता मुझे हैरान करने वाली थी. लेकिन मैंने कभी भी नकारात्मकता के बारे में नहीं सोचा और हमेशा कठिन परिश्रम करता रहा. जिस दिन मैंने सुना कि मैं पीओ के प्रीलिम्स में पास नहीं हुआ, उसके अगले दिन ही मेरी आरआरबी पीओ प्रीलिम्स परीक्षा थी लेकिन मैंने अपनी पूरी ताकत इकट्टा की और सोचा कि अब यह स्थिति मेरे लिए करो या मरो जैसी है क्योंकि मैं इसे खो नहीं सकता था, और उसके बाद बाकी सबा इतिहास है.
आरआरबी पीओ प्री पास 58/80, कट ऑफ 54
आरआरबी पीओ मेन्स 121/200, कट ऑफ 111, मेरी पहली पसंद मध्यांचल ग्रामीण बैंक मिला
आरआरबी एनटीपीसी परिणाम प्रतीक्षित
एमपी लेबर इंस्पेक्टर 146/200 परिणाम प्रतीक्षित
और फिर ईश्वर ने मेरे लिए सर्वश्रेष्ठ चीज रखी हुई थी.
आईबीपीएस एसओ मार्केटिंग ऑफिसर 72/100, कट ऑफ़ 67, मेरी पहली प्राथमिकता बैंक ऑफ़ बड़ौदा मिला.
अंततः, मेरा अनुभव यही कहता है कि स्वयं पर विश्वास करिए. आप जितना कठिन परिश्रम कर सकते हैं, उतना करें. बैंकिंग उम्मीदवार को अधिक से अधिक इंग्लिश अख़बार के लेख पढ़ने चाहिए (जैसाकि मैं हिंदी माध्यम से था जिसमें मैं बहुत परेशान हुआ था). कोई 1 जीए पत्रिका पूरी पढ़ें और अंतिम लेकिन बेहद महत्वपूर्ण, बिना किसी शक शंका के बैंकर्सअड्डा को लगातार फॉलो करें. बैंकर्सअड्डा की हर एक पोस्ट को पढ़ें और उसका अच्छे से अभ्यास करें. अंत में, मैं बैंकर्सअड्डा की पूरी टीम को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने मेरी बहुत मदद की क्योंकि मैं तैयारी करने वालों में से एक नहीं था और इस तरह मैं बिलकुल अकेला था. मेरे खाली कमरे में बैंकर्सअड्डा मेरा इकलौता और सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक और गाइड था जो मुझे बैंकिंग भर्ती के नए पैटर्न तथा अन्य हर जरुरी चीज से अपडेट रखता था.
आपके शानदार कैरियर के लिए शुभकामनाएं !!
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