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RBI Governor Press conference Highlights : रेपो रेट में 0.40% की कटौती

RBI Governor Press conference Highlights : रेपो रेट में 0.40% की कटौती | Latest Hindi Banking jobs_2.1

RBI cuts interest rates, extends loan moratorium by another 3 months

आज 22 मई को RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने प्रेस कांफ्रेस में RBI गवर्नर ने कई बड़ी घोषणाएं कीं. RBI एक बार फिर से  प्रमुख ब्याज दर रेपो रेट में  0.40% की कमी की है, ताकि लोन सस्ते हो जाएँ. इसके साथ ही मार्च में को लोन की किश्त चुकाने में 3 महीने की छूट दी गई थी, उसे 3 महीने के लिए और आगे बढ़ा दी है. 
इस समय देश की अर्थव्यवस्था कोरोना के चलते ठप पड़ गई, lockdown 4.0 को 31 मई तक बढ़ाया गया है पर इसके साथ ही कुछ छूट दी गई है, जिससे ठप पड़े उद्योग धंधे एक बार फिर से शुरू हो सकें. अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए और देश को मजबूत बनाने के लिए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने 12 मई को  Atmanirbhar Bharat Abhiyan की शुरुआत की और 20 लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की. जिसकी विस्तार से जानकारी Finance Minister Nirmala Sitharaman ने 13 मई से लगातार 5 दिनों की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. 


PM मोदी का आत्मनिर्भर भारत अभियान : 20 लाख करोड़ का पैकेज की पूरी जानकारी

चलिए जानते हैं कि RBI की आज की Press conference में क्या रहे अहम बिंदु. 

RBI Governor Shaktikanta Das Press Conference Highlights

RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की स्पीच की मुख्य बातें –

  • लिक्विडिटी से जुड़ी परिस्थितियों को आसान बनाने के लिए, इस साल फरवरी की मौद्रिक नीति की बैठक के बाद से RBI ने GDP का 3.2 फीसद फंड अर्थव्‍यवस्‍था में डाला है.
  • RBI ने मार्च से ही कर्ज लेने वाले लोगों, कर्जदाताओं और अन्‍य इकाइयों से जुडी कई सकारात्मक घोषणाएं की थी. 
  • RBI governor ने कहा कि ग्लोबल इकोनॉमी पर कोरोनो वायरस के कारण बड़ा असर पड़ा है.  
  • RBI रेपो रेट में 0.40 फीसद की कटौती कर रही है. जिससे लोन की EMI का बोझ कम होगा. MPC के 6 में से 5 सदस्य रेपो रेट घटाने के लिए सहमत हुए हैं.10 साल वाले सरकारी बॉन्‍ड की यील्‍ड में रेपो रेट में कटौती के बाद  0.15 फीसद की कमी आई है.
  • ग्लोबल सर्विसेज PMI में इतिहास की सबसे बड़ी गिरावट आई है. इस वर्ष वैश्विक कारोबार के मूल्‍य में 13-32 फीसद की कमी आ सकती है.
  • Reserve Bank of India ने रिवर्स रेपो रेट को 3.75% से घटा कर 3.35% कर दिया है. 
  • RBI governor के अनुसार सर्विसेज PMI अप्रैल महीने में 5.4 फीसद रही है. जो अबतक के निचले स्‍तर पर रहा है. 
  • 33 फीसद की गिरावट उपभोक्ता उत्पादों की मांग में मार्च महीने में दर्ज की गई है.
  • अप्रैल में मैन्युफक्चरिंग  PMI 27.4 फीसद रही है.
  • Shaktikanta Das ने कहा कि कोरोना का सबसे बढ़ा असर निजी खपत पर पड़ेगा. 
  • मौजूदा हाल में एग्रीकल्चर से उम्मीदें हैं, इस समय देश में फॉरेन रिजर्व 487 बिलियन डॉलर है. 
  • मार्च में औद्योगिक उत्‍पादन में 17% की कमी आई है. 
  •  खाद्य महंगाई दर में अप्रैल में तेज उछाल आया है यह 8.6 % रही है. 
  • ऐसा अनुमान है कि 2021की पहली तिमाही में GDP ग्रोथ नेगेटिव रहे. 2021 दूसरी तिमाही में सुधार होने की सम्भावना है.
  • मर्चेंडाइज एक्सपोर्ट अप्रैल में 60 फीसद गिरा है, मांग में कमी की वजह से  निवेश में भी भारी कमी आई है.
  • MCP के अनुसार महंगाई में कमी  दूसरी छमाही में होने की सम्भावना है. 
  • मोरेटोरियम की समय सीमा को बढ़ा कर छह महीने कर दिया गया है. पहले यह 3 महीने थी, इससे EMI चुकाने वाले ग्राहकों को बढ़ी राहत मिली है. लोन मोरैटोरियम का लाभ 31 अगस्‍त तक उठा सकेंगे.
  • जरूरत के अनुसार पॉलिसी लेवल पर बैंक आगे भी   फैसले लेगा.
  • भारत में 9.2 अरब डॉलर विदेशी मुद्रा भंडार बढ़ा है.
  • 30% ग्रुप एक्सपोजर सीमा को बढ़ाने का फैसला लिया गया है. 
  • कोरोना वायरस महामारी फैलने से आर्थिक गतिविधियों में सुस्‍ती आई है, जिससे सरकार का राजस्‍व प्रभावित हुआ है.
  • एक्‍सपोर्ट क्रेडिट की अवधि 15 महीने कर दी गई है, जो पहले 12 महीने थी. 
  • RBI governor इस वर्ष 44 फीसदी की बढ़ोतरी खरीफ की बुवाई में हुई है. इसके साथ ही यह भी बताया कि दालों में महंगाई आने वाले महीनों में देखने को मिल सकती है.
  •  प्रशासनिक, मौद्रिक और वित्‍तीय एक्‍शंस से वित्‍त वर्ष 2021 की दूसरी छमाही में अर्थव्‍यवस्‍था में सुधार की सम्भावना है.
  • एग्जिम बैंक को 15,000 करोड़ रुपये का क्रेडिट लाइन दिया जाएगा. साथ ही साथ ही सिडबी को दी गई रकम का इस्तेमाल आगे और 90 दिनों तक करने की इजाजत दी गई है. 
  • बिजली, पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट्स की खपत में कमी देखि गई है. मांग में भारी गिरावट है.
  • COVID 19 के चलते दुनिया भर की इकोनॉमी को बड़ा नुकसान हुआ है. ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग PMI अप्रैल में घटकर 11 साल के निचले स्तर पर पहुंच गई है. WTO के अनुसार दुनिया के कारोबार में इस वर्ष 13-32 फीसद तक की कमी आ सकती है.
  • देश में लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह ठप हो गई हैं. टॉप-6 राज्यों के इंडस्ट्री वाले क्षेत्र रेड और ऑरेंज जोन में हैं.  जिनका  आर्थिक गतिविधियों में 60% योगदान है.


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