First Prime Minister of India – Jawaharlal Nehru
PM Modi pays tribute to Jawaharlal Nehru on his death anniversary :
आज देश के पहले प्रधानमंत्री स्वर्गीय जवाहर लाल नेहरू की 56वीं पुण्यतिथि है. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू की पुण्यतिथि (Jawaharlal Nehru death anniversary) पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. PM मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा- ‘हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि.’ देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू ने अगस्त 1947 से मई 1964 तक देश की कमान संभाली थी. उनका निधन 1964 में हुआ था.
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के बारे में :
स्वतंत्रता के बाद पंडित जवाहरलाल नेहरू को पहले प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया था.जवाहरलाल नेहरू 1947 में देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे. जिसे बाद वह अपने जीवन के आखरी समय तक देश के प्रधान मंत्री रहे. वह देश के सबसे लम्बे समय तक प्रधान मंत्री रहे. देश की आजादी में उनका अहम योगदान हैं, आजादी से पहले वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सक्रिय सदस्य थे. उन्हें महात्मा गांधी के राजनीतिक उत्तराधिकारी के रूप में देखा जाता था. उन्होंने विविध संस्कृति, भाषा और धर्म वाले आबादी को एकजुट करने की चुनौतियों को संभाला. उन्हें बच्चे प्यार से चाचा कहते हैं. इस लिए उन्हें चाचा नेहरू के नाम से भी जाना जाता है.
First Prime Minister of India
नाम |
जवाहर लाल नेहरू |
जन्म |
14 नवंबर 1889
इलाहाबाद, उत्तर-पश्चिमी प्रांत, ब्रिटिश भारत
(वर्तमान उत्तर प्रदेश, भारत) |
पार्टी |
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
निर्वाचित निर्वाचन क्षेत्र |
फूलपुर, उत्तर प्रदेश |
Succeeded by |
गुलजारीलाल नंदा |
मौत |
27 मई 1964 (आयु 74 वर्ष)
नई दिल्ली, दिल्ली, भारत |
पुरस्कार |
भारत रत्न (1955) |
प्रारंभिक जीवन
Jawaharlal Nehru का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद में एक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में हुआ था. 15 साल की उम्र तक, उनकी पढाई घर पर ही हुई, नेहरू ने बाद में इंग्लैंड के हैरो और बाद में ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज में पढ़ाई की. लंदन के इनर टेम्पल में लॉ(LAW) का अध्ययन करने के बाद, 22 वर्ष की आयु में नेहरू भारत लौट आए, जहाँ उन्होंने अपने पिता और प्रमुख बैरिस्टर मोतीलाल नेहरू के साथ लॉ की प्रैक्टिस की. 1916 में, नेहरू ने 17 वर्षीय कमला कौल से शादी की. इनके बाद उनके इकलौती संतान, इंदिरा का जन्म हुआ.
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राजनीतिक जीवन
अप्रैल 1919 में, ब्रिटिश सैनिकों ने जलियावाला बाग में हजारों निहत्थे नागरिकों पर गोलियां चला दीं, जो रौलेट एक्ट कानून का विरोध कर रहे थे, जिसमें बिना किसी ट्रायल के संदिग्ध राजनीतिक दुश्मनों को हिरासत में लेने की अनुमति दी गई थी. अमृतसर के नरसंहार में 379 भारतीय मारे गए थे और कई अन्य घायल हो गए थे, इसने नेहरू को विचलित किया और भारत की स्वतंत्रता प्राप्ति के अपने संकल्प को मजबूत करके, आजादी तक उनके खिलाफ लड़ते रहे.
महात्मा गांधी के नेतृत्व में असहयोग आंदोलन (1920-22) के दौरान, नेहरू को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ गतिविधियों के लिए पहली बार कैद किया गया था और अगले ढाई दशकों में, कुल मिलाकर नौ साल जेल में बिताए थे.
जवाहरलाल नेहरू को 1929 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुने गए. नेतृत्व के रूप में राजनीति में यह उनकी पहली भूमिका थी. भारतीय नेताओं के परामर्श के बिना द्वितीय विश्व युद्ध की शुरुआत में जर्मनी के खिलाफ युद्ध में भारत की भाग लेने के बारे में ब्रिटेन की घोषणा के जवाब में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 8 अगस्त, 1942 को भारत छोड़ो आंदोलन का प्रस्ताव पास किया, जिसमें ब्रिटेन से राजनीतिक स्वतंत्रता की मांग की गई. अगले दिन, ब्रिटिश सरकार ने नेहरू और गांधी सहित सभी कांग्रेस नेताओं को गिरफ्तार कर लिया.
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प्रधानमंत्री के रूप में उनकी चुनौतियां और विरासत
अंततः 15 अगस्त, 1947 को, भारत स्वतंत्रता हुआ और जवाहरलाल नेहरू को देश के पहले प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया. संघर्ष से हासिल की गई आजादी के उत्सवों के बीच, काफी उथल-पुथल भी थी. पाकिस्तान और भारत के अलग-अलग राष्ट्रों के विभाजन के साथ ही कश्मीर पर नियंत्रण के कारण बड़े पैमाने पर विस्थापन के परिणामस्वरूप कई लाख मुसलमानों और हिंदुओं की जान चली गई.
अपने 17 साल के नेतृत्व के दौरान, उन्होंने समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, लोकतांत्रिक सरकार को बढ़ावा दिया और 1951 में अपनी पहली पंचवर्षीय योजनाओं के कार्यान्वयन के साथ भारत के औद्योगिकीकरण को प्रोत्साहित किया. कृषि उत्पादन बढ़ाने में इस योजना ने महत्वपूर्ण योगदान दिया. उन्होंने उच्च शिक्षा की स्थापना के माध्यम से वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को बढ़ावा दिया, और कई सामाजिक सुधारों जैसे कि भारतीय बच्चों के लिए मुफ्त सार्वजनिक शिक्षा और भोजन, विरासत की सम्पति में महिलाओं के अधिकार और अपने पति को तलाक देने की क्षमता सहित कानूनी अधिकार – और जाति के आधार पर भेदभाव पर रोक लगाने के लिए कानून को पारित किया. उनका जीवन वास्तव में भारत के लिए समर्पित जीवन था और गणतंत्र का शायद ही कोई सार्वजनिक संस्थान या पहलू था जिसे नेहरू ने स्वरुप दिया या प्रभावित नहीं किया.
तथ्य
- 1950-1955 के दौरान जवाहरलाल नेहरू, शांति के लिए नोबल पुरस्कार के लिए नामांकित किये गए थे.
- उनकी जयंती को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो उनके बच्चों की शिक्षा के लिए उनके प्यार और स्नेह के कारण है. उन्हें बच्चे प्यार से चाचा नेहरू कहते थे.
- पंडित जवाहरलाल नेहरू एक कश्मीरी पंडित परिवार से थे.
- यह 1930 के मध्य में उनके कारावास का समय था जब पंडित नेहरू ने अपनी आत्मकथा, “Toward Freedom” लिखी. पुस्तक अगले वर्ष यूएसए(USA) में प्रकाशित हुई थी.
- 1947, 1955, 1956, 1961 में चार बार नेहरू के हत्या करने के प्रयास दर्ज हैं.
- 27 मई, 1964 को दिल का दौरा पड़ने के बाद नेहरू का निधन हो गया. अगले दिन नेहरू के शोक में 1.5 मिलियन लोग दिल्ली की सड़कों पर एकत्रित हुए थे.
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