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धूम्रपान निषेध दिवस ( No Smoking Day )

धूम्रपान निषेध दिवस ( No Smoking Day ) | Latest Hindi Banking jobs_2.1

पूरे विश्व में धुम्रपान के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए प्रतिवर्ष मार्च के दूसरे बुधवार को धूम्रपान निषेध दिवस ( No Smoking Day ) मनाया जाता है. इस वर्ष 11 मार्च को No Smoking Day मनाया जा रहा है. जिसके माध्यम से दुनिया भर में धुम्रपान करने वाले लोगों को धुम्रपान छोड़ने के  लिए प्रोत्साहित किया जाता है. तंबाकू उतपाद से होने  वाले हानिकारक प्रभावों के बारे में लोगों को जागरुक किया जाता है. इस महत्वपूर्ण दिन का संदेश ‘धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान की बुरी आदत से छुटकारा दिलाने में उन्हें सहयोग करें’ है

दुनिया भर में धुम्रपान करने वाले लोगों की भरमार है, अगर भारत की बात करें तो एक शोध के  मुताबिक लगभग 48% पुरुष और 20 % महिलाएं धुम्रपान करते हैं साथ ही धुम्रपान करने से एक पुरुष  की औसतन आयु 13.2 वर्ष कम हो जाती है वहीँ एक महिला की औसतन आयु 14.5 वर्ष कम हो जाती है. एक अन्य शोध के अनुसार साल 2000 तक फेफड़े के कैंसर से हर साल लगभग दस लाख लोगों की मौत हो रही थी. इनमें से लगभग 85 प्रतिशत लोगों के कैंसर की वजह सिर्फ़ धुम्रपान था. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रख कर धुम्रपान निषेध दिवस मनाया जाता है.

धुम्रपान एक ऐसा नशा है जो स्लो पाइजन की तरह कार्य करता है. जिसके भयावह परिणाम देखे गए हैं. इससे शुरूआती प्रभाव के रूप में स्वास्थ्य समस्याएं जैसे गले में जलन, सांस लेने में परेशानी और खाँसी आदि से इसके  परिणाम दिखने शुरू होते हैं. इसके बाद धीरे-धीरे  ब्रोंकाइटिस, निमोनिया, हृदय रोग, स्ट्रोक और विभिन्न प्रकार के कैंसर होने की सम्भावना होती है. Premature death( अकाल मृत्यु) के सबसे बड़े कारणों में से एक  धूम्रपान है.


धूम्रपान से बचाव सम्बंधित सरकारी पहलें:

भारत सरकार ने विभिन्न अधिनियम और व्यापक तंबाकू नियंत्रण उपाए लागू किये है, जिनके माध्यम से स्मोकिंग पर लगाम लगाने की कोशिश की जाती है.

1. भारत सरकार ने वर्ष 1975 में सिगरेट अधिनियम (उत्पादन, आपूर्ति और वितरण विनियमन) बनाया. जिसके अंतर्गत वैधानिक चेतावनी “सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है”, इस चेतावनी को सभी सिगरेट के पैकेजों, डिब्बों और सिगरेट के विज्ञापनों पर लिखा जाना अनिवार्य कर दिया. जिससे लोग इसके प्रति जागरूक हो सकें.

2. भारत ने WHO फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑफ टोबैको कंट्रोल (FCTC) अपनाया तथा वर्ष 2003 में “सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन  निषेध और व्यापार तथा वाणिज्य  उत्पादन, आपूर्ति और वितरण विनियमन) अधिनियम” पारित किया गया था.

3. तंबाकू उपभोग के हानिकारक प्रभावों और तंबाकू नियंत्रण कानून के बारे में अधिक जागरूकता लाने तथा तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा एक्ट वर्ष 2003) के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए वर्ष 2007-08 में राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम (एनटीसीपी) की शुरूआत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने की थी.

4. वर्ष 2018 में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (पैकेजिंग और लेबलिंग) संशोधित नियम के तहत ‘तंबाकू से कैंसर होता है’ और विशिष्ट स्वास्थ्य चेतावनी के दो चित्र अनिवार्य कर दिए गए तथा तंबाकू उत्पादों के पैकेट पर ‘आज ही तंबाकू छोड़ने के लिए 1800-11-2356 पर कॉल करें’ का विज्ञापन शामिल किया गया है. जिससे उन लोगों की मदद की जा सके जो धुम्रपान छोड़ना चाहते हैं.

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