केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन द्वारा जारी एक बयान में बताया गया है कि केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सार्वजनिक क्षेत्र (public sector banks – PSBs) के 10 बैंकों को मिलाकर 4 बड़े बैंक बनाने के व्यापक विलय को मंजूरी दे दी है, उन्होंने ये भी कहा कि इस विलय पर काम जारी है और यह विलय 1 अप्रैल 2020 से प्रभावी हो जाएगा। केंद्र सरकार लगातार इन बैंकों से संपर्क बनाए हुए है। साथ ही वित्त मंत्री ने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का विलय निर्धारित किया जा चुका है, और इस संबंध में बैंक के बोर्डों द्वारा पहले ही निर्णय ले लिए गए हैं।
4 बड़े बैंक जिनमें होगा विलय | इन बैंकिं का होगा विलय |
पंजाब नैशनल बैंक | यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स |
केनरा बैंक | सिंडिकेट बैंक |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | कॉरपोरेशन बैंक, आंध्रा बैंक |
इंडियन बैंक | इलाहाबाद बैंक |
पहले भी किया गया है बैंकों का विलय –
इससे पहले मोदी कैबिनेट ने पिछले कार्यकाल में भी बैंकों का विलय किया था। इस विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी वहीं वर्ष 2017 में सरकारी बैंकों की संख्या 27 थी। इस योजना पर पहली बार सार्वजनिक रूप से दिसंबर 2018 में विचार किया गया था जब भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कहा गया था कि भारत वैश्विक बैंकिंग की कुछ बड़ी कंपनियों का गठन कर सकता है यदि कुछ राज्य के स्वामित्व वाले बैंकों के मौजूदा विलय को मजबूती और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुचालित पूंजीकृत उधारदाताओं के वांछित प्रभाव को हासिल करते हैं।