आप सभी जानते हैं कि आईबीपीएस आरआरबी परीक्षा 2019 की अधिसूचना जारी की जा चुकी है. परीक्षा के पाठ्यक्रम के आधार पर आपकी सफलता सुनिश्चित करने के लिए ADDA247 आपके लिए हिंदी भाषा के स्टडी नोट्स लेकर आया है. ये नोट्स मुख्य परीक्षा आने तक आपको पहले से ही तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे. अपने साथियों के लिए हम हिंदी प्रश्नोत्तरी का आयोजन पहले से कर ही रहे हैं. सभी जानते हैं कि बैंकिंग परिक्षाओं में केवल आरआरबी ही एकमात्र ऐसी परीक्षा है , जो आपको अपनी भाषा का चयन का विकल्प देता है जिसमें आप अंग्रेजी के स्थान पर हिंदी भाषा चुन सकते हैं. यह हिंदी भाषा क्षेत्र के उम्मीदवारों के लिए सफलता पाने का एक सुनहरा मौक़ा है, क्योंकि हम अपनी भाषा में अधिक से अधिक अंक स्कोर करने में सक्षम होते हैं. यदि आपका लक्ष्य इस वर्ष आईबीपीएस आरआरबी में सफलता पाना है, तो अभी से मेंस की तैयारी में जुट जाएँ. अपनी तैयारी को और बेहतर बनाते हुए अपनी सफलता सुनिश्चित कीजिये…
जैसा कि आप जानते हैं कि प्रतियोगी परीक्षाओं का सिलसिला चल रहा है, जिसमें कुछ ऐसी परीक्षाएं भी हैं, जिसके अंतर्गत हिंदी भाषा- ज्ञान से सम्बन्धित प्रश्न भी पूछे जाते हैं जैसे कि आईबीपीएस द्वारा आयोजित होने वाले क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अर्थात- आरआरबी के लिए पीओ एवं क्लर्क की परीक्षा का ही उदाहरण लें; इस परीक्षा के अंतर्गत हिंदी का स्तर सामान्यत: मध्यम से कठिन श्रेणी का होता है। इस दृष्टि से अन्य विषयों के साथ हिंदी भाषा की तैयारी करना आवश्यक हो जाता है। इसी आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए कम्पटीशन पॉवर के इस अंक में हिंदी-भाषा ज्ञान के अंतर्गत पूछे जाने वाले एक विशेष अध्याय अर्थात ‘अव्यवस्थित वाक्य खण्डों से क्रम-बद्ध वाक्य बनाने के प्रश्नों’ से सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की जा रही है।
आईबीपीएस आरआरबी एवं राजभाषा अधिकारी आदि परीक्षाओं के लिए हिंदी भाषा के लिए ‘अव्यवस्थित वाक्य खण्डों से क्रम-बद्ध वाक्य बनाने से संबंधित प्रश्न’
इस प्रकार के प्रश्नों में दो प्रकार के प्रश्न पूछे जाते हैं, पहले प्रकार के प्रश्नों में 5-6 वाक्य खण्ड दिए जाते हैं उन्हें व्यवस्थित करना होता है और फिर वाक्य खण्डों का सही क्रम पूछा जाता है। दूसरे प्रकार के प्रश्नों में एक अनुच्छेद के प्रथम व अंतिम वाक्यों को क्रमशः (1) और (6) से चिन्हांकित किया जाता है। इनके बीच के चार वाक्य अव्यवस्थित क्रम में दिए जाते हैं तथा उन्हें (य), (र), (ल), (व) की संज्ञा दी जाती है। परीक्षार्थी को इन चार वाक्यों को उचित क्रमानुसार लगाकर सही क्रम का चयन करना होता है।
इस अध्याय से सामान्यत: 5 प्रश्न पूछे जाते हैं, यदि आप इस अध्याय की पुख्ता तैयारी या अभ्यास कर लें, तो 5 अंक बड़ी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं। अव्यवस्थित वाक्य-खण्डों से क्रमबद्ध वाक्य के प्रश्नों का अध्ययन बहुत सरल है, बस आवश्यकता है तो थोड़ी एकाग्रता की। इन प्रश्नों से परीक्षार्थी की भाषा के प्रति समझ, वाक्य-खण्डों के संदर्भ का मूल्यांकन करने तथा उन्हें क्रमबद्ध करने की क्षमता का परीक्षण किया जाता है।
आईबीपीएस आरआरबी एवं राजभाषा अधिकारी की परीक्षाओं में, अव्यवस्थित वाक्य खण्डों से क्रम-बद्ध वाक्य बनाने के 5 प्रश्न अनिवार्य रूप से आते हैं अत: इन प्रश्नों का अभ्यास करना अत्यंत आवश्यक है। क्योंकि विषय कोई भी हो उसमे उत्कृष्टता या उदात्ता प्राप्त करने के लिए उसका अभ्यास करना पहली शर्त है। इन प्रश्नों में दिया जाने वाला अनुच्छेद किसी भी सामान्य विषय से हो सकता है अर्थात-साहित्य, विज्ञान, किसी समसामयिक घटना या समस्या पर आधारित परिच्छेद हो सकते हैं। इस अध्याय से सम्बन्धित प्रश्नों को हल करने के लिए नीचे दिए गए महत्वपूर्ण बिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिए।
• सर्वप्रथम सभी वाक्य-खण्डों को धैर्यपूर्वक पढ़े ताकि अनुच्छेद के संदर्भ को सहज रूप से समझा जा सके।
• वाक्य-खण्डों को दोबारा पढ़ते समय काफी बातें आपने मस्तिष्क में स्पष्ट होने लगेगी, जिससे अव्यवस्थित वाक्य खण्डों से क्रम-बद्ध वाक्य बनाने में आप पहले से ज्यादा सक्षम हो जाएगें।
• यदि कोई प्रारंभिक वाक्य नहीं दिया गया है, फिर पहले कालक्रम को ढूंढें। अत:, होने वाली घटनाओं के क्रम के बीच संबंध ढूंढने का प्रयास करें। कालक्रम दी गई समस्या में सबसे पहले या सबसे अंतिम वाक्य को ढूँढने से सम्बंधित होती है।
• प्रत्येक वाक्य-खण्ड अन्य वाक्य-खण्ड से संबंधित होता है इसलिए भाषा की लयबद्धता एवं संदर्भ के अनुसार हम वाक्य-खण्डों में संबंध ढूंढने का प्रयास करें, इस प्रकार सभी वाक्य-खण्डों की क्रमबद्धता का ज्ञान हो जाता है।
• अब विकल्पों में दिए गए क्रम से, अपने क्रम का मिलान करके आप सटीक विकल्प का चयन कर सकते हैं।
• अव्यवस्थित वाक्य खण्डों से क्रम-बद्ध वाक्य बनाते समय किसी प्रकार की जल्दबाजी या उतावलापन न दिखाएँ क्योकि परीक्षा में हम जितने सहज होगें उतना ही उत्कृष्ट प्रदर्शन करेगें।
• इस प्रकार के प्रश्नों में केवल इनका अभ्यास करना महत्वपूर्ण है, अत: हम जितना इन प्रश्नों का अभ्यास करेगें, उतनी ही सटीकता से हम वाक्य-खण्डों को क्रमबद्ध कर सकेगें।
नीचे दिए गए प्रश्नों के माध्यम से इस प्रकार के प्रश्नों का अभ्यास करें।
निर्देश (1-5): निम्नलिखित प्रश्नों के लिए, छह अव्यवस्थित वाक्य-खण्ड दिए गए हैं, जिनका क्रमांक A, B, C, D, E और F है, लेकिन यह आवश्यक नहीं है कि इसी क्रम में हों, इन्हें सही क्रम में व्यवस्थित कीजिए और इस व्यवस्था के अनुसार प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(A) यदि उस देश की सरकार नागरिक बना लेती है तो ऐसा नागरिक राज्यकृत नागरिक कहलायेगा।
(B) यदि कोई व्यक्ति किसी दूसरे देश में जा बसे और वहाँ की नागरिकता प्राप्त करना चाहे तो वह ऐसा कर सकता है।
(C) भारत के अनेक लोग दक्षिण अफ्रीका तथा श्रीलंका भी गए हुए हैं।
(D) इसके लिए उसे अपने देश की नागरिकता का त्याग करना पड़ेगा तथा उस देश की सरकार से प्रार्थना करनी पड़ेगी कि उसे नागरिक बना लिया जाए।
(E) कई पीढियाँ बीतने के बाद भी वहाँ की सरकारें उन्हें अपने देश का नागरिक नहीं बना रही हैं।
(F) जैसे बहुत से भारतीय कनाडा गए हुए हैं और वहाँ प्रार्थना-पत्र देकर कनाडा के राज्यकृत नागरिक बन गए हैं।
Q 1. निम्नलिखित में से क्रम व्यवस्था का तीसरा वाक्य कौन सा है?
(a) A (b) C (c) F
(d) E (e) B
Q 2. निम्नलिखित में से क्रम व्यवस्था का दूसरा वाक्य कौन सा है?
(a) B (b) D (c) A
(d) C (e)F
Q 3. निम्नलिखित में से क्रम व्यवस्था का चौथा वाक्य कौन सा है?
(a) A (b) E (c)F
(d) C (e) D
Q 4. निम्नलिखित में से क्रम व्यवस्था का पांचवा वाक्य कौन सा है?
(a) B (b) F (c)E
(d) C (e) D
Q 5. निम्नलिखित में से क्रम व्यवस्था का छठा वाक्य कौन सा है?
(a)B (b) E (c)F
(d) D (e)A
निर्देश (6 -10) : निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए अनुच्छेद के पहले और अन्तिम वाक्यों को क्रमशः (1) और (6) की संज्ञा दी गई है। इनके मध्यवर्ती वाक्यों को चार भागों में बाँटकर य, र, ल, व की संज्ञा दी गई है। ये चारों वाक्य व्यवस्थित क्रम में नहीं है। इन्हें ध्यान से पढ़कर दिए गए विकल्पों में से उचित क्रम चुनिए, जिससे सही अनुच्छेद का निर्माण हो।
Q 6. (1) कवि ब्रह्मानंद की इस रचना का प्रतिपाद्य समाज और राष्ट्र है।
(य) ऐसे अवसरों पर वे नीतिकार और समाजसुधारक के रूप में उभरकर सामने आते हैं।
(र) गाँधीजी के सहयोगी होने के कारण इनके काव्य पर गाँधीवादी प्रभाव भी पड़ा है।
(ल) इसके अतिरिक्त नीति और दर्शन पर भी इसमें लेखनी चलाई गई है।
(व) समाज में व्याप्त कुरीतियों पर कवि ने तीखे प्रहार किये हैं।
(6) अहिंसा, सत्य और स्वदेश एवं स्वदेशी प्रेम से उनकी कविता ओत-प्रोत है।
(a) र य ल व
(b) र व य ल
(c) ल व य र
(d) व य ल र
(e) इनमें से कोई नहीं
Q7. (1) शौर्य आदि गुणों का सम्बन्ध मनुष्य के शरीर के साथ नहीं रहता।
(य) शरीर से दुबले-पतले व्यक्ति को भी हम अत्यन्त वीरता वाले काम करते इसलिए देखते हैं कि उसके भीतर शूरता भरी रहती है।
(र) कहा गया है कि शब्द और अर्थ तो काव्य के शरीर होते हैं तथा रस ही आत्मा के स्थान पर होता है।
(ल) वह आत्मा के ही साथ होता है।
(व) काव्य में भी ठीक यही दशा होती है।
(6) गुण आत्मा अर्थात् रस के ही धर्म होते हैं।
(a) व य र ल
(b) र य ल व
(c) ल य व र
(d) व य ल र
(e) इनमें से कोई नहीं
Q8. (1) दु:ख की श्रेणी में प्रवृत्ति के विचार से करुणा का उल्टा क्रोध है।
(य) पर करुणा जिसके प्रति उत्पन्न होती है उसकी भलाई का उद्योग किया जाता है।
(र) क्रोध जिसके प्रति उत्पन्न होता है उसकी हानि की चेष्टा की जाती है।
(ल) इस प्रकार पात्र की भलाई की उत्तेजना, दु:ख और आनन्द दोनों श्रेणियों में रखी गई है।
(व) किसी पर प्रसन्न होकर भी लोग उसकी भलाई करते हैं।
(6) लेकिन आनन्द की श्रेणी में ऐसा कोई शुद्ध मनोविकार नहीं है जो पात्र की हानि करे।
(a) र व य ल
(b) र य व ल
(c) ल व य र
(d) व य र ल
(e) इनमें से कोई नहीं
Q9. (1) वैसे मैं नीम से युगों-युगों से परिचित हूँ।
(य) पर मेरा इससे समझौता नहीं हो पाया।
(र) आयुर्वेद की सारी शिक्षाएँ और प्राकृतिक चिकित्सा के समस्त व्याख्यान असफल रहे हैं।
(ल) जब बचपन में बाबा के जगाने पर जगता तो सबसे पहले दर्शन होता इस नीम का और पहला रसास्वाद विवश होकर जो करना पड़ता तो उसी नाम की टहनी का।
(व) बबूल की दातुन मुझे अच्छी लगती है।
(6) नीम की तिहाई अभी तक सहन नहीं हो सकी।
(a) य र व ल
(b) ल य र व
(c) ल व य र
(d) व य र ल
(e) इनमें से कोई नहीं
Q10.(1) हमारे देश के साहित्यशास्त्रियों ने ‘कला के लिए कला’ की समस्या का व्यापक रूप में अध्ययन किया।
(य) उनकी शास्त्रीय समीक्षा की पुस्तकों में ऐसा ही व्यापक विचार देखने को मिलता है।
(र) इसका यह आशय कदापि नहीं है कि कला का आचार से कोई सम्बन्ध ही नहीं।
(ल) किन्तु तथ्य इतना ही है कि वस्तु रूप में कलाओं का प्रत्यक्षीकरण करते हुए आचार आदि के प्रश्न वास्तव में अंतर्हित हो जाते हैं।
(व) पश्चिम में इसे लेकर बहुत-सी व्यर्थ की खींचतान हुई है।
(6) आशय यही है कि कला-सम्बन्धी शास्त्र आचार-सम्बन्धी शास्त्र से भिन्न है।
(a) व र ल य
(b) र ल व य
(c) य व ल र
(d) व य र ल
(e) इनमें से कोई नहीं
उत्तर.
उत्तर. (1-5 ) वाक्य-खण्डों का सही क्रम B D A F C E है।
उत्तर. 1 (a)
उत्तर.2 (b)
उत्तर. 3 (c)
उत्तर. 4 (d)
उत्तर. 5 (b)
उत्तर. 6 (c) सही अनुक्रम है- ‘ल व य र’।
उत्तर. 7 (a) सही अनुक्रम है- ‘व य र ल’।
उत्तर. 8 (b) सही अनुक्रम है- ‘र य व ल’।
उत्तर. 9 (b) सही अनुक्रम है- ‘ल य र व’।
उत्तर. 10 (a) सही अनुक्रम है- ‘व र ल य’।
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