गीता में श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि पराक्रमी वह है, जो निर्भय और पवित्र है और जो अपने संकल्प से डिगता नहीं है... और हम जानते हैं कि जीवन की चुनौतियां हमें सबल बनाने में मदद करती हैं , उन्हीं के बूते हम अपने जीवन से भय को मिटाते हैं और आगे बढ़ते हैं, हम सभी को निर्भीक बनने के लिए प्रेरित करती हैं. पराक्रमी, यानी पराक्रम से निडर होकर होकर और अपने लक्ष्य के प्रति संकल्पवान होकर ही हम सफल हो सकते हैं. दृढ संकल्प ही हमें मजबूती देता है और हम विजयी बनते हैं.
सुप्रभातम : आज का विचार
