विश्व पर्यावरण दिवस 2025: हरियाली की राह पर भारत और विश्व की नई पहलें
5 जून 2025 को पूरी दुनिया ने विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया। यह दिन केवल प्रकृति की सुंदरता की सराहना करने का नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता संरक्षण और टिकाऊ विकास के प्रति हमारी जिम्मेदारी को याद करने का भी दिन है।
भारत में इस अवसर पर कई राज्य सरकारों और स्थानीय संस्थानों ने व्यापक स्तर पर पौधारोपण अभियान, स्वच्छता रैली, पर्यावरणीय प्रदर्शनी और वाद-विवाद प्रतियोगिताओं का आयोजन किया। स्कूली बच्चों, कॉलेज छात्रों और स्वयंसेवी संस्थाओं ने बड़े उत्साह से हिस्सा लिया। इसके अलावा केंद्र सरकार ने ग्रीन एनर्जी, ई-कचरा प्रबंधन और जल संरक्षण से संबंधित कुछ नई योजनाओं की भी घोषणा की, जिनका उद्देश्य आने वाले वर्षों में भारत को एक हरित और टिकाऊ अर्थव्यवस्था की ओर ले जाना है।
विश्व पर्यावरण दिवस 2025: थीम
इस वर्ष की थीम “प्लास्टिक प्रदूषण को हराओ” (Beat Plastic Pollution) है, जो संयुक्त राष्ट्र की पहल से जुड़ा है और दुनिया भर में प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने पर जोर देता है.
भारत की पर्यावरणीय पहलें: शिलांग में नई रैमसर साइट्स घोषित
विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर भारत सरकार ने दो नई झीलों — खीचन (फालोदी, राजस्थान) और मेनार (उदयपुर, राजस्थान) को रैमसर साइट्स के रूप में अंतरराष्ट्रीय महत्व के जलक्षेत्रों में शामिल किया है। इसके साथ भारत में कुल 91 रैमसर साइट्स हो चुकी हैं।
इसके अलावा, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में वन क्षेत्र बढ़ाने, सौर ऊर्जा अपनाने, और ई-कचरा प्रबंधन पर जोर देने की नई योजनाएं घोषित की हैं।
विश्व की नजरें: वैश्विक स्तर पर उठाए गए कदम
संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय संघ, और अफ्रीका एवं लैटिन अमेरिका के कई देशों ने इस दिन के अवसर पर भूमि पुनरुद्धार कार्यक्रम, जल संरक्षण, और हरित कृषि तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएं पेश कीं।
चीन और अमेरिका ने कार्बन उत्सर्जन कम करने और रीसाइक्लिंग तकनीकों में निवेश की घोषणाएं कीं, जबकि फ्रांस और जर्मनी ने ग्रीन हाइड्रोजन जैसे विकल्पों को अपनाने पर जोर दिया।
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 न केवल एक प्रतीकात्मक दिन रहा, बल्कि यह पर्यावरणीय चेतना को क्रियान्वित करने का अवसर भी बना। भारत और विश्व के नेताओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि हम मिलकर चलें, तो एक हरित और टिकाऊ भविष्य संभव है।