Latest Hindi Banking jobs   »   SUCCESS STORY “जोखिम ना लेना ही...

SUCCESS STORY “जोखिम ना लेना ही सबसे बड़ा जोखिम है”

प्रिय पाठकों,

बैंकर्स अड्डा हमेशा से मेरे लिये एक प्रेरणा का स्त्रोत रहा है. आपको शायद विश्वास नहीं होगा मैं हमेशा सक्सेस स्टोरीज का अनुसरण करती थी.  मेरी कहानी शायद सक्सेस स्टोरी ना हो पर मैंने जो विपरीत स्थितियों में परिश्रम कर पाया है, यही मेरे जीवन में प्रेरणा का स्त्रोत है. मेरी बड़ी दीदी एसबीआई क्लर्क के लिए चयनित हो गयी, उन दिनों मुझे लगता था क्लर्क के लिए चयनित होना बहुत असान है क्योकि मेरी बड़ी दीदी भी क्लर्क के लिए चयनित हो गयी थी मैं अगली परीक्षा की तैयारी करने लगी पर मैंने कभी भी इस परीक्षा को गंभीरता से नही लिया.

SUCCESS STORY "जोखिम ना लेना ही सबसे बड़ा जोखिम है" | Latest Hindi Banking jobs_3.1

मैंने एक साल तक कैट की तैयारी तत्परता से की जिसके कारण मुझे 70 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए जिनके आधार पर मुझे किसी भी सरकारी कॉलेज में दाखिला मिल जाता. परन्तु मैंने इस अवसर को छोड़ने का फैसला किया तथा बेकिंग की तैयारी शुरू कर दी. (अश्विनी झा का धन्यवाद)


मैंने बैंकिंग की तैयारी की शुरुआत 6जुलाई 2014 से की, उस समय मैं आईएसएम् धनबाद में दाखिले के सपने देखा करती थी. उस समय मुझे एक समाचार मिला जिसमे लिखा था कि मेरी बहन (शालू) का बैंक ऑफ़ इंडिया में चयन हो गया है. 

SUCCESS STORY "जोखिम ना लेना ही सबसे बड़ा जोखिम है" | Latest Hindi Banking jobs_4.1
इन सात महीनो में, मैंने लगभग 10 परीक्षायें दी जिनमे आईबीपीएस पीओ, क्लर्क, आरआरबी, एसएससी आदि शामिल थी तथा इस दौरान मुझे हर संभव मानसिक यातना से गुजरा पड़ा. मैं हमेशा एक कमरे में अकेली रहती थी और लैपटॉप पर कार्य करती रहती थी.
मैं हमेशा अपने पिताजी से कहा करती थी : “आप लंगड़े घोड़े पे दाव लगा रहे हो “. 
क्योकि मुझे उस समय अपने आप पर जरा भी विश्वास नहीं था परन्तु मेरे पिताजी ने हमेशा मुझ पर भरोसा किया.

सामाजिक दवाब युवा पीढ़ी के जीवन में आम है.  आप विश्वास कीजिय जिस दिन परिणामों की घोषणा होनी थी उस दिन मैं बिलकुल भी डरी हुईं नहीं थी क्योकि मुझे अपने आप पर विश्वास था मैं जनती थी कि परिणाम चाहे मेरे हित में हो या न हो यह मेरे जीवन पर कोई प्रभाव नहीं डालेंगे… यह केवल परिणाम है…

मैं आज बैंक ऑफ़ इंडिया में परिवीक्षाधीन क्लर्क के पद पर नियुक्त हूँ… और आज यदि कोई मुझे यह कहता है कि तुम पी.ओं  नहीं हो तो मुझे ख़ुशी होती है तथा इसे मैं अपने जीवन की चुनौती के रूप में देखती  हूँ तथा इसे स्वीकार करती  हूँ.

मेरे एक मित्र (दीपक झा) ने मेरी नौकरी से प्रेरणा प्राप्त की. तथा मुझे आशा है कि आप लोग भी इस से प्रेरणा प्राप्त करेंगे. प्रेरणा का स्त्रोत कोई भी हो सकता है यह एक व्यक्ति, एक घटना, एक कहानी कुछ भी हो सकता है.

आपकी,
मीनाक्षी                            
                                           SUCCESS STORY "जोखिम ना लेना ही सबसे बड़ा जोखिम है" | Latest Hindi Banking jobs_5.1

SUCCESS STORY "जोखिम ना लेना ही सबसे बड़ा जोखिम है" | Latest Hindi Banking jobs_6.1

SUCCESS STORY "जोखिम ना लेना ही सबसे बड़ा जोखिम है" | Latest Hindi Banking jobs_7.1
SUCCESS STORY "जोखिम ना लेना ही सबसे बड़ा जोखिम है" | Latest Hindi Banking jobs_8.1