“कोशिश करके तो देखे, हिम्मत
जागेगी,
जागेगी,
और यहीं हिम्मत तुम्हे मंज़िल दिलाएगी” ..!!!!
सबसे पहले, मैं अपनी गर्लफ्रेंड को एक ग्रांड सलामी देना चाहता हूँ
जिसने मेरी सफलता में एक अहम रोल निभाया और मेरी विफलताओं में हमेशा साथ बने रही…….
धन्यवाद. शायद उसके बिना मैं अपनी सफलता की कामना भी नही कर सकता था.
जिसने मेरी सफलता में एक अहम रोल निभाया और मेरी विफलताओं में हमेशा साथ बने रही…….
धन्यवाद. शायद उसके बिना मैं अपनी सफलता की कामना भी नही कर सकता था.
नाम :–
राजन शाहा
राजन शाहा
योग्यता : बीएससी (भौतिकी)
स्थान
:– पुणे
:– पुणे
चयनित
:–बैंक ऑफ़ इंडिया में क्लर्क.
:–बैंक ऑफ़ इंडिया में क्लर्क.
हेल्लो दोस्तों, मेरा नाम राजन है और मैं महाराष्ट्र के पुणे जिले का रहने वाला हूँ मैंने
पुणे से ही वर्ष 2014 में
स्नातक किया और अधिकांश छात्रों की तरह मैं भी अपने करियर के बारे में दुविधा में
था कि जीवन में क्या करना हैं?
पुणे से ही वर्ष 2014 में
स्नातक किया और अधिकांश छात्रों की तरह मैं भी अपने करियर के बारे में दुविधा में
था कि जीवन में क्या करना हैं?
एनसीसी की पृष्ठभूमि होने के नाते, मैं सशस्त्र बलों का बहुत बड़ा प्रशंसक
हूँ. मैंने सीडीएसई(CDSE) और
एएफकैट(Afcat) की परीक्षा
की तैयारी करने का फैसला किया लेकिन शुरू में असफल रहा. मुझे सेना में एनसीसी के माध्यम
से विशेष प्रवेश मिला लेकिन मैं इसके स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं में अपना स्थान नही
बना पाया. इसमें मेरा लगभग 1 वर्ष का समय
बर्बाद हुआ. इस बीच मैंने आईबीपीएस पीओ-4 की परीक्षा भी दी जिसमे मेरा परिणाम
अच्छा नहीं रहा. मैं एक प्राइवेट प्रयोगशाला में भी जॉब कर रहा था और साथ में
रक्षा विभाग और बैंक परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहा था बाद में मेरी
गर्लफ्रेंड
ने मुझे अपना तैयारी करने की तरीके को बदलने के लिए जोर देने लगी और
बहुत जोर देने के बाद वर्ष 2015 में एक बैंकिंग की कोचिंग में मेरा
नामांकन करा दी अंततः मैं एक कोचिंग संस्थान से जुड़ गया और बैंकिंग पाठ्यक्रम की
तैयारी करना शुरू कर दिया.
हूँ. मैंने सीडीएसई(CDSE) और
एएफकैट(Afcat) की परीक्षा
की तैयारी करने का फैसला किया लेकिन शुरू में असफल रहा. मुझे सेना में एनसीसी के माध्यम
से विशेष प्रवेश मिला लेकिन मैं इसके स्क्रीनिंग प्रक्रियाओं में अपना स्थान नही
बना पाया. इसमें मेरा लगभग 1 वर्ष का समय
बर्बाद हुआ. इस बीच मैंने आईबीपीएस पीओ-4 की परीक्षा भी दी जिसमे मेरा परिणाम
अच्छा नहीं रहा. मैं एक प्राइवेट प्रयोगशाला में भी जॉब कर रहा था और साथ में
रक्षा विभाग और बैंक परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहा था बाद में मेरी
गर्लफ्रेंड
ने मुझे अपना तैयारी करने की तरीके को बदलने के लिए जोर देने लगी और
बहुत जोर देने के बाद वर्ष 2015 में एक बैंकिंग की कोचिंग में मेरा
नामांकन करा दी अंततः मैं एक कोचिंग संस्थान से जुड़ गया और बैंकिंग पाठ्यक्रम की
तैयारी करना शुरू कर दिया.
मैं सुबह 9 से शाम 6 बजे तक नौकरी करता था और 7 से 9
बजे की क्लास लेता था वर्ष 2016 में, मैंने
प्रतियोगी परीक्षाओ का अनुभव लेने के लिए सभी भाग का अभ्यास करना शुरू कर दिया और
सभी परीक्षाएं दीं लेकिन किसी में भी साक्षात्कार या अंतिम सूची तक नहीं पहुंच
सका, तब मैं आईबीपीएस पीओ और क्लर्क दोनों की तैयारी शुरू की और इनके प्रथम
पाली में सफल होने के बाद मेरा आत्मविश्वास तथा
उत्साह बढ़ा, लेकिन मैं
क्लर्क की मुख्य परीक्षा की अनदेखी की जिसके परिणाम स्वरूप मुझे दोनों परीक्षाओं
के परिणामों से हाथ धोंना पड़ा. ये मेरे लिए बहुत बड़े झटका था मैं फिर से अंतिम
सूची में अपना नाम दर्ज नहीं कर सका.
बजे की क्लास लेता था वर्ष 2016 में, मैंने
प्रतियोगी परीक्षाओ का अनुभव लेने के लिए सभी भाग का अभ्यास करना शुरू कर दिया और
सभी परीक्षाएं दीं लेकिन किसी में भी साक्षात्कार या अंतिम सूची तक नहीं पहुंच
सका, तब मैं आईबीपीएस पीओ और क्लर्क दोनों की तैयारी शुरू की और इनके प्रथम
पाली में सफल होने के बाद मेरा आत्मविश्वास तथा
उत्साह बढ़ा, लेकिन मैं
क्लर्क की मुख्य परीक्षा की अनदेखी की जिसके परिणाम स्वरूप मुझे दोनों परीक्षाओं
के परिणामों से हाथ धोंना पड़ा. ये मेरे लिए बहुत बड़े झटका था मैं फिर से अंतिम
सूची में अपना नाम दर्ज नहीं कर सका.
मुझे एहसास हुआ कि मैंने क्या गलती की हैं इस
बीच मैंने एसएसबी
की परीक्षा दी, इस
समय मैं स्क्रीनिंग परीक्षाओं की प्रक्रियाओं में पास करने में तो सक्षम हुआ लेकिन
इनके भी अंतिम सूची में अपना नाम दर्ज करने में असमर्थ रहा.
फिर परिवार के दबाव भी मुझपर
बनने लगा सभी लोग बोलने लगे कि क्या कर रहे हो? पढ़ाई में इतने अच्छे होते हुए भी
तुम्हे अच्छी जॉब क्यों नही मिल रही हैं? ये सब मेरे जीवन में घोर निराशा ला रहा
था. इन दबाव से ऊपर उठ कर मैंने फिर से मन बनाया कि इस वर्ष किसी भी हाल
में सफल होना हैं और फिर मैं एक नई उर्जा और उत्साह के साथ तैयारी करना शुरू कर
दिया. पीओ की प्रथम पाली की परीक्षा क्लियर करने के तुरंत बाद मैंने अपना जॉब छोड़
दिया. क्लर्क के प्रथम पाली की परीक्षा दी जिसमे मेरी सफलता स्पष्ट थी लेकिन इस
बार मैंने फैसला किया कि कि मैं मुख्य परीक्षा के लिए अपनी रणनीति को बदलूंगा. मेरे
पास एक कंप्यूटर थी जो काम नही कर रहा था मैंने उसे ठीक कराया और नेट का कनेक्शन लिया
फिर तैयारी करनी शुरू कर दी. इस दौरान मैंने Careerpower test series और Adda 247 App की मदद ली जो तैयारी के लिए
बहुत ज़रूरी थे मैं इन दोनों के quizzes, GK updates और capsules को प्रति दिन अध्ययन और
अभ्यास किया. हर
बार मैंने अपना प्रदर्शन सुधारने की कोशिश की और कुछ समय बाद इसने परिणाम देना
शुरू कर दिया. इस तरह से, मैंने
पीओ और क्लर्क दोनों की परीक्षा दी और दोनों अच्छे गये थे और मुझे अपनी सफलता के
बारे में मुझे पूरा यकीन था क्योंकि मेरी पीओ की साक्षात्कार भी अच्छा गया था।
बीच मैंने एसएसबी
की परीक्षा दी, इस
समय मैं स्क्रीनिंग परीक्षाओं की प्रक्रियाओं में पास करने में तो सक्षम हुआ लेकिन
इनके भी अंतिम सूची में अपना नाम दर्ज करने में असमर्थ रहा.
फिर परिवार के दबाव भी मुझपर
बनने लगा सभी लोग बोलने लगे कि क्या कर रहे हो? पढ़ाई में इतने अच्छे होते हुए भी
तुम्हे अच्छी जॉब क्यों नही मिल रही हैं? ये सब मेरे जीवन में घोर निराशा ला रहा
था. इन दबाव से ऊपर उठ कर मैंने फिर से मन बनाया कि इस वर्ष किसी भी हाल
में सफल होना हैं और फिर मैं एक नई उर्जा और उत्साह के साथ तैयारी करना शुरू कर
दिया. पीओ की प्रथम पाली की परीक्षा क्लियर करने के तुरंत बाद मैंने अपना जॉब छोड़
दिया. क्लर्क के प्रथम पाली की परीक्षा दी जिसमे मेरी सफलता स्पष्ट थी लेकिन इस
बार मैंने फैसला किया कि कि मैं मुख्य परीक्षा के लिए अपनी रणनीति को बदलूंगा. मेरे
पास एक कंप्यूटर थी जो काम नही कर रहा था मैंने उसे ठीक कराया और नेट का कनेक्शन लिया
फिर तैयारी करनी शुरू कर दी. इस दौरान मैंने Careerpower test series और Adda 247 App की मदद ली जो तैयारी के लिए
बहुत ज़रूरी थे मैं इन दोनों के quizzes, GK updates और capsules को प्रति दिन अध्ययन और
अभ्यास किया. हर
बार मैंने अपना प्रदर्शन सुधारने की कोशिश की और कुछ समय बाद इसने परिणाम देना
शुरू कर दिया. इस तरह से, मैंने
पीओ और क्लर्क दोनों की परीक्षा दी और दोनों अच्छे गये थे और मुझे अपनी सफलता के
बारे में मुझे पूरा यकीन था क्योंकि मेरी पीओ की साक्षात्कार भी अच्छा गया था।
आखिरकार 1 अप्रैल
को परिणाम घोषित हुआ उस दिन मैं सफल हुआ.
को परिणाम घोषित हुआ उस दिन मैं सफल हुआ.
मैं स्नातक के 2.5 साल बाद अंतिम सूची सफलता
प्राप्त की थी
प्राप्त की थी
आईबीपीएस पीओ-6 (प्राप्त 39.3/100,कट-ऑफ 39.9)
आईबीपीएस क्लर्क (मैन्स 39.28/100, कट-ऑफ 35.47) बैंक ऑफ इंडिया बैंक में चयन
दक्षिण भारत बैंक पीओ ( GD PI तिथि के लिए प्रतीक्षित)
मेरे प्रयासों ने मेरे लिए एक मीठा फल अर्जित किया और अब मैं गर्व से
कह सकता हूं कि मेरे पास एक अच्छी जॉब है
कह सकता हूं कि मेरे पास एक अच्छी जॉब है
मैं अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार के सदस्य, Adda 247 ऐप, और
मेरे सभी ब्रदर्स और मित्रों (सिद्धू, श्री, अमर, अनिकेत, अनूप, सुधीर, ) को समर्पित करना चाहूंगा, जो मेरे जीवन के हर चरण पर हमेशा
मुझे प्रेरित करते रहे.
मेरे सभी ब्रदर्स और मित्रों (सिद्धू, श्री, अमर, अनिकेत, अनूप, सुधीर, ) को समर्पित करना चाहूंगा, जो मेरे जीवन के हर चरण पर हमेशा
मुझे प्रेरित करते रहे.
आप सभी का
धन्यवाद
धन्यवाद
दोस्त
याद रखो
याद रखो
“Success is How High
You Bounce when you hit Bottom”
You Bounce when you hit Bottom”
All the very best to all the aspirants for their forthcoming exams!
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