प्रत्येक उम्मीदवार ने उपर्युक्त विषय पर कुछ मिनट के लिए बात की, जिसके बाद समूह एक निष्कर्ष पर आया. समूह चर्चा कुछ के लिए एक तनावग्रस्त स्थिति हो सकती है, लेकिन विश्वास और स्पष्टता के साथ, इस चरण में आसानी से स्कोर किया जा सकता है.सेशन की मर्यादा को बनाए रखना बहुत जरूरी है और अपने विचारों को चिल्ला कर बताने से बचना चाहिए.अपने विचारों को मजबूती से आंकड़ों और तथ्यों से बेहतर समर्थन दें और अपने साथी समूह के सदस्यों को अपने विचार पहले रखने दें.
चर्चा के बाद समूह अभ्यास किया जाता है. इस समूह के अभ्यास में उम्मीदवार कुछ गुण / विशेषताओं / लक्षण / पैरामीटर का एक सेट दिया जाता है, जिन्हें विषय / स्थिति / सोच क्षमता की उनकी समझ के अनुसार वे प्राथमिकता देते हैं.
M1: तुमने 2015 के बाद क्या किया?
Ans:- मैंने उन्हें अच्छी तरह से समझाने की कोशिश की, पर यह एक ट्रिकी प्रश्न था और उन लोगो को संतुष्ट होने की संभावना कम ही थी.
M1: इंजीनियरिंग के बाद बैंकिंग क्यों?
Ans:- मैंने अच्छे से समझाने की कोशिश की, पर उन्होंने फिर से प्रश्न पूछे.
M2: होबी:- मैंने कहा क्रिकेट खेलने और देखना अच्छा लगता है.(उन्होंने कोहली के रिकॉर्ड के बारे में पूछा), कोहली ने 30 शतक लगाने के लिए कितनी पारियां(innings) खेली है?
M2: NPA…? (मैंने अच्छे से समझाने की कोशिश की)
F1: विमुद्रीकरण का उद्देश्य क्या है और यह सफल रहा या असफल रहा … (मैंने अच्छे से समझाने की कोशिश की…)
M3: वह पंजाबी थे… उन्होंने पूछा, “क्या आपने लीवेज(Leverages) के बारे में सुना है?”
मैंने कहा जी सर
M4: उन्होंने मुझ से Mechanical Engineering के टेक्निकल टर्म पूछे …
मैंने कहा कि सर मैं ECE ब्रांच से हूँ और मैं इन प्रश्नों के उत्तर देने में असमर्थ हूँ…. सॉरी सर … सभी मुस्कुराने लगे और मैं भी मुस्कुराने लगा….
M4: तुम्हारी कोई बड़ी उपलब्धि?
मैंने कहा मैं 10वीं क्लास में 3rd टोपर था… और भारत में साइंस में 99 अंक प्राप्त किये थे …
मैंने सबको नमस्ते किया …