साहित्य अकादमी (Sahitya Akademi) ने 24 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कारों की घोषणा कर दी हैं. कविता की 9 पुस्तकें, उपन्यास की 6, लघु कथाएँ की 5, 3 निबंध और 1 साहित्यिक अध्ययन ने साहित्य अकादमी पुरस्कार 2023 जीते हैं. 24 भारतीय भाषाओं में प्रतिष्ठित जूरी सदस्यों द्वारा अनुशंसित पुरस्कारों को साहित्य के कार्यकारी बोर्ड द्वारा चुना गया हैं. साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री माधव कौशिक की अध्यक्षता में आज अकादमी की बैठक हुई.
The following have won the Awards in the below mentioned category:
श्रेणी | भाषा | पुरस्कार |
कविता | डोगरी | विजय वर्मा |
गुजराती | संदीप जोशी | |
कन्नडा | लक्ष्मेश तोलपाडी | |
कश्मीरी | मंशूर बनहाली | |
कोंकणी | महाबलेश्वर पाल | |
मैथिली | बासुकीनाथ झा | |
मणिपुरी | सोरोखैबम गम्भिनी | |
राजस्थानी | गजे सिंह राजपुरोहित | |
संस्कृत | अरुण रंजन मिश्र | |
उपन्यास | अंग्रेज़ी | नीलम सरन गौड़ |
हिंदी | संजीव | |
मलयालम | ई.वी. रामकृष्णन | |
मराठी | कुसुमखत्री राणा | |
पंजाबी | स्वर्णजीत सावी | |
उर्दू | सादिक़ुआ नवाब सहर | |
लघु कथाएँ | असमिया | प्रणवज्योति डेका |
बंगाली | स्वप्नमय चक्रवर्ती | |
बोडो | विनोद सोना मिंज | |
संथाली | तारासीन बास्की (तुरिया चंद बास्की) | |
तेलुगू | टी. पट्टाभि सत्यम | |
निबंध | नेपाली | जुद्धार राणा |
उड़िया | आशुतोष परिदा | |
सिंधी | विनोद आसुदानी | |
साहित्यिक अध्ययन | मलयालम | ई.वी. रामकृष्णन |
Sahitya Akademi Awards 2023
भाषा | शीर्षक और शैली | लेखक का नाम |
असमिया | डॉ. प्रणवज्योति डेका श्रेष्ठ गल्पा (लघु कथाएँ) | प्रणवज्योति डेका |
बंगाली | जबर परी (उपन्यास) | स्वप्नमय चक्रवर्ती |
बोडो | सी-उफ़ारी सारनी (लघु कथाएँ) | विनोद सोना मिंज |
डोगरी | दौं सदियाँ एक सीर (कविता-ग़ज़ल) | विजय वर्मा |
अंग्रेज़ी | Requiem in Raga Janki (Novel) | नीलम सरन गौड़ |
गुजराती | सैरंध्री (महाकाव्य उपन्यास) | संदीप जोशी |
हिंदी | मुझे पहाचानो (उपन्यास) | संजीव |
कन्नडा | महाभारत अनुसंधान भारत (काव्य) | लक्ष्मेश तोलपाडी |
कश्मीरी | यथ वावाह हलीस टूंग त्सोले ज़ले (निबंध) | मंशूर बनहाली |
कोंकणी | वर्सल (लघु कथाएँ) | महाबलेश्वर पाल |
मैथिली | बोध संकेतन (निबंध) | बासुकीनाथ झा |
मलयालम | मलयाला नोवेलिनेटे देशकालंगल (साहित्यिक अध्ययन) | ई.वी. रामकृष्णन |
मणिपुरी | यांगखोइबागी नांगलो हेली (कविता) | सोरोखैबम गम्भिनी |
मराठी | रिंगन (उपन्यास) | कुसुमखत्री राणा |
नेपाली | नेपाली लोकशित्य रा लोकसंस्कृतिको पारियोचा (निबंध) | जुद्धार राणा |
उड़िया | अप्रस्तुता प्रत्यु (कविता) | आशुतोष परिदा |
पंजाबी | मन दी चिप (कविता) | स्वर्णजीत सावी |
राजस्थानी | मानक माटी (कविता) | गजे सिंह राजपुरोहित |
संस्कृत | शुन्ये मेघघनम् (कविता) | अरुण रंजन मिश्र |
संथाली | जाबा बहा (लघु कथाएँ) | तारासीन बास्की (तुरिया चंद बास्की) |
सिंधी | हाथु हिक्रो पहिंजारो (ग़ज़ल) | विनोद आसुदानी |
तामिल | नीरावियाल (कविता-लघुकथाएँ) | राजशेखरन (देवीभारती) |
तेलुगू | रामेश्वरम काकुलु मारीकोनी कथलू (लघु कथाएँ) | टी. पट्टाभि सत्यम |
उर्दू | राजदेव की अमराई (उपन्यास) | सादिक़ुआ नवाब सहर |
Selection Process
पुरस्कार विजेताओं का चयन संबंधित भाषाओं में तीन सदस्यों की जूरी द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर किया गया था. अनुमोदन के बाद विजेताओं के नाम घोषित किये गये. आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, पुरस्कार पुरस्कार वर्ष से ठीक पहले पांच वर्षों के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों से संबंधित हैं (यानी, 1 जनवरी 2018 और 31 दिसंबर 2022 के बीच).
About Sahitya Akademi
12 मार्च, 1954 को स्थापित, साहित्य अकादमी केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय है, जो भारतीय भाषाओं में साहित्य को बढ़ावा देने के लिए समर्पित है। वर्षों से, इसने भारत में विविध भाषाई परिदृश्यों में साहित्यिक उत्कृष्टता को पहचानने और उसका जश्न मनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
वर्ष 2023 के साहित्य अकादमी पुरस्कार भारतीय साहित्य की समृद्धि और विविधता को रेखांकित करते हैं, उन लेखकों को सम्मानित करते हैं जिन्होंने राष्ट्र की साहित्यिक टेपेस्ट्री में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. यह मान्यता विभिन्न भाषाओं में साहित्य के क्षेत्र में निरंतर रचनात्मकता और अन्वेषण को प्रेरित और प्रोत्साहित करने का काम करती है.