दुनिया इस समय COVID 19 जैसी महामारी से जूझ रहा है, ऐसे में एक नई बिमारी देश के सामने आई है. उत्तर-पूर्वी राज्य असम में African Swine Fever की वजह से अब तक 2900 सुअरों की मौत हो चुकी है. इस फीवर का कोई असर इंसानों पर नहीं पड़ता पर सुअरों की मौत बड़ी संख्या में इसकी वजह से हो रही है. इससे पहले सितंबर 2019 में इसी बिमारी से चीन में बड़ी संख्या में सुअरों की मौत हुई थी. इसी रोग के चलते ए चीनी प्रशासन ने बड़ी संख्या में सुअरों को मार दिया था, जिसका असर चीन मार्किट में भी पड़ा था.
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क्या है अफ्रीकी स्वाइन फीवर(ASF)?
यह अत्यधिक संक्रामक रक्तस्रावी वायरल बीमारी है जो घरेलू और जंगली सूअरों में होती है. यह सफेरविरिडे परिवार के DNA वायरस के कारण होता है. अफ्रीकी स्वाइन फीवर के लक्षण क्लासिकल स्वाइन फीवर (CSF) के लक्षणों के समान हो सकते हैं पर असल में यह एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न है. यह मानव शरीर को प्रभावित नहीं करता है. इस वायरस का असर विभिन्न प्रजातियों के सूअर में अलग-अलग हो सकता है. वायरस का संक्रमण सुअर की प्रजातियों के अनुसार कम या ज्यादा हो सकता है. इसके लक्षण भूख में कमी होना, त्वचा में रक्तस्राव होना, उच्च बुखार का आना, अवसाद आदि हैं.
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अफ्रीकी स्वाइन फीवर एक संक्रामक बिमारी है, इस संक्रमण में तेज बुखार के बाद दिमाग की नस फट जाती हैं, जिससे सुअरों की मौत हो जाती है. इस रोग से ग्रसित होने के बाद सुअरों के बचने का प्रतिशत तकरीबन ना के बराबर है. इस संक्रमण से प्रभावित जानवरों में मृत्यु दर 100 प्रतिशत मानी जाती है. यह रोग सुअर के डायरेक्ट कॉन्टैक्ट में आने से तेजी से फैलता है. सूअर के लिए यह खतरनाक बिमारी है, जिसकी कोई मेडिसिन अभी तक तैयार नहीं की जा सकी है. पर अच्छी बात यह है कि यह अन्य जानवरों में नहीं फैल रही है. कोई वैक्सीन न होने से सरकारें संक्रमित सुअरों को मार देने का आदेश दे रही हैं, जिससे इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
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