विश्व शतरंज दिवस (International Chess Day) हर साल 20 जुलाई को मनाया जाता है। शतरंज के खेल में दिमाग की बहुत ज्यादा कसरत हो जाती है इस वजह से इसे ‘माइंड गेम’ भी कहा जाता है। बता दें शतरंज खेलने से आपके सोचने की क्षमता भी बढ़ती है। यह दिवस साल 1924 में पेरिस में अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ (FIDE) की स्थापना की तिथि को भी चिह्नित करता है।
शतरंज (Chess) सबसे पुराने खेलों में से एक है तथा यह एक बहुत ही लोकप्रिय खेल है जो विश्व स्तर पर खेला जाता है। शतरंज रणनीति, रणनीति के साथ-साथ दृश्य स्मृति (visual memory) जैसे कौशल विकसित करने में सहायता करता है। यह दिवस विश्वनाथन आनंद, रमेशबाबू प्रज्ञानानंद, मैग्नस कार्लसन जैसे शतरंज खिलाड़ियों पर ध्यान देता है तथा समाज पर इसके सकारात्मक प्रभाव पर प्रकाश डालता है।
विश्व शतरंज दिवस का इतिहास
साल 1924 में इंटरनेशनल चेस फेडरेशन (FIDE) की स्थापना हुई थी। FIDE का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के लुसाने में है। इसके बाद से ही इस दिन को विश्व शतरंज दिवस (Significance Of International Chess Day) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन को विश्व शतरंज दिवस के रूप में मनाने का विचार यूनेस्को (UNESCO) द्वारा प्रस्तावित किया गया था। बता दें कि पहला आधुनिक शतरंज टूर्नामेंट साल 1851 में लंदन में आयोजित किया गया था। इस शतरंज टूर्नामेंट को जर्मनी के एडॉल्फ एंडरसन (Adolf Anderssen) ने जीता था।
विश्व शतरंज दिवस का महत्व
बता दें शतरंज एक किफायती खेल है जो बौद्धिक क्षमताओं में सुधार करने में सहायता करता है, और लोगों के बीच समावेशिता एवं सहिष्णुता, आपसी सम्मान और निष्पक्षता को प्रोत्साहित करता है। संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों एवं सतत विकास हेतु 2030 एजेंडा में खेलने के लिए इसकी एक अहम भूमिका है।