भारतीय नौसेना में 35 साल तक सेवा देने के बाद आईएनएस सिंधुध्वज (INS Sindhudhvaj) को 16 जुलाई 2022 को सेवामुक्त कर दिया गया। इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम में नौसेना की पूर्वी कमान के प्रमुख वाईस एडमिरल विश्वजीत दासगुप्ता मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल थे।
नौसेना की तरफ से जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि इस कार्यक्रम में पनडुब्बी के पूर्व कमांडिंग अफसरों में से 15 शामिल थे। आईएनएस सिंधुध्वज (INS Sindhudhvaj) को नौसेना में शामिल करने के दौरान ‘कमीशनिंग सीओ’ रहे कोमोडोर एस पी सिंह (सेवानिवृत्त) और उस वक्त के 26 नौसैनिक भी पनडुब्बी को सेवामुक्त करने के अवसर पर मौजूद थे।
समारोह का आयोजन कब किया गया?
बता दें इस पारंपरिक समारोह को सूर्यास्त के समय आयोजित किया गया। बादलों से घिरे आसमान ने इस आयोजन की गरिमा को और ज्यादा बढ़ा दिया जब डीकमिशनिंग ध्वज को उतारा गया। इस पनडुब्बी को 35 साल की शानदार यात्रा के बाद सेवामुक्त कर दिया गया।
इस पनडुब्बी के प्रतीक चिह्न क्या है?
इस पनडुब्बी के प्रतीक चिह्न में ग्रे रंग की नर्स शार्क है। बता दें इसके नाम का अर्थ समुद्र (सिंधु) पर ध्वज धारण करने वाला है। यह रूस द्वारा निर्मित ‘सिंधुघोष’ श्रेणी की पनडुब्बी है तथा यह भारतीय नौसेना की ‘आत्मनिर्भरता’ की यात्रा में शामिल रही है।
CNS Rolling Trophy से सम्मानित
सिंधुध्वज (Sindhudhwaj) ने डीप सबमर्जेंस रेस्क्यू वेसल के साथ मेटिंग तथा कार्मिक स्थानांतरण का काम भी बहुत ही सफलतापूर्वक किया। बता दें ये इकलौती पनडुब्बी है जिसे प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा इनोवेशन हेतु सीएनएस रोलिंग ट्रॉफी (CNS Rolling Trophy) से सम्मानित किया गया।
पनडुब्बी: एक नजर में
पनडुब्बी (सबमैरीन) एक प्रकार का जलयान है जो पानी के अन्दर रहकर काम कर सकता है। बता दें यह एक बहुत बड़ा, मानव-सहित, आत्मनिर्भर डिब्बा होता है। पनडुब्बियों के उपयोग ने विश्व का राजनैतिक मानचित्र बदलने में बहुत अहम भूमिका निभाई है। पनडुब्बियों का सर्वाधिक उपयोग सेना में किया जाता रहा है।
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