Indian Air Force Day 2020: Know why event is celebrated on October 8
भारतीय वायु सेना द्वारा हर साल 8 अक्टूबर को भारतीय वायु सेना दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भारतीय वायु सेना अपनी 88 वीं वर्षगांठ मना रही है। भारतीय वायु सेना की आधिकारिक तौर पर स्थापना ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा रॉयल भारतीय वायु सेना के रूप में 8 अक्टूबर 1932 को की गई थी, और 1950 में इसका नाम बदलकर भारतीय वायु सेना कर दिया गया था।
इस विशेष अवसर को हिंडन एयरबेस पर अलग-अलग श्रेणी के विमानों द्वारा हवाई करतब और औपचारिक समारोह के साथ मनाया जाता है। इस कार्यक्रम में राफेल, सु-30 एमकेआई, अपाचे, तेजस, ‘गजराज’ जैसे वायु सेना के फ्रंटलाइन लड़ाकू विमान अपनी घातक शक्ति का प्रदर्शन करेंगे। इस साल के वायु सेना दिवस परेड के दौरान 19 हेलिकॉप्टरों सहित 19 लड़ाकू विमानों और सात कार्गों विमानों सहित 56 विमान हवाई प्रदर्शन में हिस्सा लेंगे। इस साल IAF डे परेड के दौरान राफेल लड़ाकू विमान जगुआर के साथ ‘विजय’ के फार्मेशन में और सुखोई -30 MKI और लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) तेजस लड़ाकू विमान के साथ ‘ट्रांसफार्मर’ फार्मेशन में उड़ान भरेंगे।
8 अक्टूबर को ही क्यों मनाया जाता है भारतीय वायु सेना दिवस? | क्या है इतिहास
IAF की स्थापना 8 अक्टूबर, 1932 को हुई थी और इसने कई अहम युद्धों और ऐतिहासिक अभियानों में भाग लिया है। इसकी स्थापना आधिकारिक तौर पर ब्रिटिश साम्राज्य की सहायक वायु सेना के रूप में की गई थी, जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत की विमानन सेवा के लिए रॉयल की उपाधि से सम्मानित किया था। 1 अप्रैल 1933 को वायुसेना का पहला दस्ता बना जिसमें 6 IAF-ट्रेंड ऑफिसर और 19 हवाई सिपाहियों को शामिल किया गया था। 1947 में भारत को यूनाइटेड किंगडम से आज़ादी मिलने के बाद, Royal Indian Air Force नाम भारत के डोमिनियन के नाम पर रखा गया। साल 1950 में भारत गणराज्य की सरकार द्वारा इसकी रॉयल उपाधि को हटा दिया गया था। इसके बाद वायुसेना के नाम में से “रॉयल” शब्द को हटाकर सिर्फ “इंडियन एयरफोर्स” कर दिया गया था।
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गीता से लिया गया है भारतीय वायु सेना का ‘आदर्श वाक्य ‘- ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’।
भारतीय वायुसेना का आदर्श वाक्य है- ‘नभ: स्पृशं दीप्तम’। यह गीता के 11वें अध्याय से लिया गया है। यह महाभारत के युद्ध के दौरान कुरूक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेश का एक अंश है।
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