ICAR full Form, What is the full form of ICAR?
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अंतर्गत कार्यरत राष्ट्रीय कृषि शिक्षा प्रत्यायन बोर्ड (National Agricultural Education Accreditation Board – NAEAB) देश भर में कृषि शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन और प्रत्यायन करने वाली प्रमुख इकाई है। इस बोर्ड का मुख्य उद्देश्य कृषि शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करना और शिक्षण संस्थानों को एक मानक के अनुरूप संचालित करना है। NAEAB द्वारा मान्यता प्राप्त संस्थानों से ही प्राप्त डिग्री को ICAR की उच्च शिक्षा प्रणाली में वैध माना जाता है।
साल 2019-20 से लागू नियमों के अनुसार, यदि किसी विद्यार्थी ने किसी ऐसे कॉलेज या विश्वविद्यालय से कृषि में स्नातक (B.Sc Agriculture) या परास्नातक (M.Sc Agriculture) किया है, जिसे NAEAB से मान्यता प्राप्त नहीं है, तो वह विद्यार्थी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के किसी भी सरकारी कॉलेज या विश्वविद्यालय से परास्नातक या पीएचडी (Ph.D) नहीं कर सकता। यह बदलाव कृषि शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखने और मानकीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।
क्या है ICAR की फुल फॉर्म
ICAR का पूरा नाम Indian Council of Agricultural Research यानि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद है. यह भारत सरकार के कृषि मंत्रालय के अधीन एक स्वायत्तशासी (Autonomous) संस्था है जिसकी स्थापना रॉयल कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर हुई थी।
सोसाइटा रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1860 के अंतर्गत इसकी स्थापना 16 जुलाई, 1929 को इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च के नाम के साथ की गई थी। ICAR का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। ICAR के चार क्षेत्रीय कार्यालय क्रमशः नई दिल्ली, कोलकाता, मुम्बई तथा बैंगलोर में स्थित हैं।
क्या करता हैं ICAR
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद देश भर में स्थापित लगभग 75 कृषि विश्वविद्यालयों के साथ मिलकर योजना तैयार करने, विकास करने, समन्वय तथा गुणवत्तापूर्ण उच्च कृषि शिक्षा सुनिश्चित करने का कार्य करती है। ICAR ने भारत में हरित क्रांति लाने और उसके बाद कृषि में निरन्तर विकास करने संबंधी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने देश में हरित क्रांति लाने और उसके बाद कृषि में निरन्तर विकास में अपने अनुसंधान और प्रौद्योगिकी विकास से अग्रणी भूमिका निभाई है। जिससे वर्ष 1950-51से 2017-2018 खाद्यान्न का उत्पादन 5.6 गुणा, बागवानी फसलें 10.5 गुणा, मत्स्य उत्पादन 16.8 गुणा, दूध 10.4 गुणा और अंडा उत्पादन 10.4 गुणा बढ़ा है। राष्ट्रीय खाद्य और पोषण सुरक्षा पर इसका प्रत्यक्ष प्रभाव देखा जा सकता है। कृषि में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता बढ़ाने में परिषद की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विकास में यह अद्यतन क्षेत्रों में संलग्न है और इसके वैज्ञानिक अपने क्षेत्रों में अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त हैं।
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